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बड़े नेताओं की मिमिक्री कर मतदाताओं को पार्टियों के पक्ष में रिझा रहे कलाकार

प्रभात रंजन पटना। राजनीति ऐसी चीज है जिसे इसकी एक बार आदत लग गई फिर वह छूटती नहीं है

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 07:42 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 07:42 AM (IST)
बड़े नेताओं की मिमिक्री कर मतदाताओं को पार्टियों के पक्ष में रिझा रहे कलाकार

प्रभात रंजन, पटना। राजनीति ऐसी चीज है, जिसे इसकी एक बार आदत लग गई, फिर वह छूटती नहीं है। कोई पार्टी में रहकर कार्यकर्ता के रूप में काम करता है तो कोई पार्टी के प्रचार-प्रसार करने का नया तरीका तैयार कर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। कुछ ऐसी ही स्थिति कोरोना काल में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में देखने को मिल रही है। संक्रमण के कारण नेताओं ने प्रचार-प्रसार का तरीका तो बदला ही, पार्टी से जुड़े लोग अलग-अलग तौर-तरीके से लोगों को रिझा भी रहे हैं। एक 'मोदी' दूसरे मोदी के लिए वर्षो से कर रहे चुनाव प्रचार :-

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चेहरे पर प्रधानमंत्री का मुखौटा और पार्टी का चिह्न लिए कपड़ों से ढंका शरीर और बात-बात में भाइयों और बहनों. का नारा देने वाले किशन लाल 'मोदी' की कुछ ऐसी ही कहानी है। 65 वर्षीय किशनलाल 'मोदी' भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनन्य भक्त हैं। यूपी के हाथरस के रहने वाले किशनलाल वर्ष 1970 से पार्टी प्रचारक के रूप में जुड़कर अपनी सेवा देने में लगे हैं। प्रधानमंत्री के भाषण से प्रभावित होकर किशनलाल उर्फ मोदी बीजेपी के प्रचार के लिए काम कर रहे हैं। घर परिवार वाले किशनलाल पार्टी से ऐसे जुड़े हैं कि जब-जब किसी राज्य में लोकसभा या विधानसभा का चुनाव होता है, वह प्रचार-प्रसार के लिए घर-परिवार छोड़ राज्यों का भ्रमण करते हैं। किशनलाल बिहार में होने वाले लोकसभा व विधानसभा चुनाव को लेकर वर्षो से आते रहे हैं। कोरोना संक्रमण काल में भी वह पार्टी के प्रचार-प्रसार के लिए पटना आकर अपने काम में लगे हैं। चुनाव प्रचार के लिए बिहार के अलग-अलग जिलों का भी भ्रमण कर प्रधानमंत्री के साथ गठबंधन सरकार का गुणगान कर लोगों का मनोरंजन भी करते हैं। छोटे लालू का खास अंदाज लोगों पर डालता है प्रभाव :

कोरोना काल में होने वाला विधानसभा चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बिना सूना है। ऐसे में राजद की ओर से चुनाव प्रचार करने का जिम्मा तेजस्वी व तेजप्रताप के साथ कृष्णा यादव उर्फ 'छोटे लालू' का है। कृष्णा पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की आवाज की नकल कर लोगों को रिझाते हैं और ठेठ गंवई अंदाज में सभी का दिल जीतने में लगे हैं। कृष्ण यादव उर्फ 'छोटे लालू' बताते हैं, बचपन से ही लोगों की नकल करने की आदत थी। बिहार बालभवन 'किलकारी' से ड्रामा व संगीत का प्रशिक्षण लेकर कृष्णा कई बड़े मंचों पर अपनी मिमिक्री से लोगों को प्रभावित करते रहे। इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय बाल सम्मान 2013 में और बिहार सरकार की ओर से बिहार बालश्री का सम्मान 2012 में मिला। कृष्णा ने बताया, टीवी पर एक दिन लालू प्रसाद का भाषण सुन रहे थे। तभी से दिमाग में आया कि क्यों न लालू की नकल कर दोस्तों को हंसाया जाए और कहानी आरंभ हो गई। लोकप्रियता मिलने के बाद लोगों ने छोटे लालू की उपमा दे दी। दोस्तों को आवाज पंसद आई और फिर धीरे-धीरे लोकप्रियता बढ़ती गई। एक बार लालू यादव के आवास पर जाने का अवसर मिला और उनके सामने उन्हीं की आवाज में नकल की। उससे लालू प्रसाद काफी प्रसन्न हुए।


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