गंभीर कोरोना रोगियों के इलाज की व्यवस्था होने लगी दुरुस्त
एम्स पटना और पीएमसीएच में जल्द हो जाएंगी सभी व्यवस्थाएं। अब दूरदराज से आने वाले मरीजों को नहीं लौटना पड़ेगा।
तैयारी तेज
- एम्स पटना और पीएमसीएच में जल्द हो जाएंगी सभी व्यवस्थाएं
- अब दूरदराज से आने वाले रोगियों को नहीं लौटना पड़ेगा मायूस होकर
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जागरण संवाददाता, पटना : सुदूर क्षेत्रों से बेहतर उपचार की आशा में पटना आने वाले कोरोना के गंभीर रोगियों को इलाज के लिए यहां-वहां भटकना नहीं पड़ेगा। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर एम्स पटना और पीएमसीएच में तैयारियां शुरू हो रही हैं। एम्स से रोगियों को स्थानांतरित करने का काम शुरू हो गया है तो पीएमसीएच में 100 बेड का अलग वार्ड राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक में बनाया जा रहा है। यहां वेंटिलेटर, ऑक्सीजन, एक्स-रे और सीटी स्कैन जांच तक की सुविधा होगी। एम्स में प्लाज्मा थेरेपी की एक अतिरिक्त सुविधा है। इसके अलावा एनएमसीएच में फिलहाल 350 बेड की सुविधा है। उसे भी सभी 447 बेड पर मरीज भर्ती करने का निर्देश दिया गया है। एम्स पर विश्वास के कारण हो रही भारी भीड़ :
कोरोना के उपचार की एम्स पटना में बेहतर सुविधा को देखते हुए यहां न केवल दूसरे जिलों बल्कि झारखंड और यूपी तक से रोगी आ रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन ने रोगियों की संख्या को देखते हुए 175 से बेड संख्या बढ़ाकर ढाई सौ कर दी है। बावजूद इसके आए दिन गंभीर रोगियों को मायूस लौटना पड़ रहा था। दो दिन पूर्व सरकार ने पटना एम्स को कोविड-19 अस्पताल घोषित करते हुए यहां साढ़े चार सौ बेड पर उपचार करने को कहा है। पीएमसीएच तीन दिन में शुरू करेगा सौ बेड पर उपचार
प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी और अधीक्षक डॉ. बिमल कारक ने बताया कि राजेंद्र सर्जिकल ब्लॉक के ग्राउंड तल पर सौ बेड को तैयार किया जा रहा है। यहां एसी के अलावा 29 वेंटिलेटर और हर बेड पर ऑक्सीजन आदि की सुविधा होगी। पीएमसीएच के पास 71 वेंटिलेटर पहले से हैं। वहीं एनएमसीएच 447 बेड की जगह 350 पर ही मरीज भर्ती कर रहा है। गंभीर रोगियों के लिए जगह बनाने के लिए बिना लक्षण वाले रोगियों को डिस्चार्ज किया जा रहा है।
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संस्थान, बेड, वेंटिलेटर
- एम्स पटना, 450, 84
- एनएमसीएच, 447, 70
- पीएमसीएच 100, 100 ----------
अस्पतालों ने नहीं किया भर्ती, एंबुलेंस में ही हो गई मौत
राजधानी के एक निजी प्रतिष्ठित अस्पताल में पांच दिन से इलाज करा रहे मरीज की शुक्रवार की शाम रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आ गई। इसके बाद नर्सिग होम ने स्वजनों को एम्स या एनएमसीएच ले जाने को कहा। ऑक्सीजन में रोगी को एम्स ले जाया गया। वहां बेड नहीं होने की बात कहने पर स्वजनों ने एसीएमओ पटना को फोन किया। वहां से एनएमसीएच ले जाने को कहा गया लेकिन रास्ते में ही मौत हो गई।