ये नारे लिख रहे दहेज-बाल विवाह विरोध की नई इबारत
बिहार के कोने-कोने में इन दिनों ऐसे सैकड़ों नारे गूंजते सुनाई देते हैं। इन नारों से बिहार नई कहानी लिख रहा है, दहेज प्रथा और बाल विवाह के विरोध की।
पटना [सुनील राज]। नए बिहार की नई सुबह-दहेज प्रथा की नहीं जगह, 'वक्त की आवाज सुन, दहेज मुक्त विवाह चुन। बिहार के कोने-कोने में इन दिनों ऐसे सैकड़ों नारे गूंजते सुनाई देते हैं। इन नारों से बिहार नई कहानी लिख रहा है, दहेज प्रथा और बाल विवाह के विरोध की।
यह कहानी कल नजीर बनेगी उन प्रदेशों के लिए जहां दहेज, बाल विवाह के खिलाफ आज तक आवाज नहीं उठी है। सदियों पुरानी इस कुप्रथा के खिलाफ जनजागृति फैलाने के लिए हर बिहारी आज उठ खड़ा हुआ है। हुंकार मारता हुआ कि बस अब और नहीं...।
दहेज प्रथा, बाल-विवाह उन्मूलन के इस अभियान में सरकारी मशीनरी के साथ ही स्वयं सेवी संगठन और आम-अवाम तक शामिल हो गया है। ये लोग नारे बुलंद कर रहे हैं। ये वैसे नारे हैं जिनमें दहेज-बाल विवाह विरोध की गूंज सुनाई पड़ती है। बिहार के कोने-कोने में इन दिनों ये नारे गूंज रहे हैं।
बेटियों के हक में नारे लगाने वालों में पिता, भाई, दूसरे रिश्तेदारों के साथ ही पास-पड़ोस के लोग भी हैं। इन नारों के बहाने ये बता देना चाहते हैं कि हमारी बेटियां अब और जुल्म नहीं सहेंगी।दहेज को ना कहेंगी और बाल-विवाह के खिलाफ भी उठ खड़ी होंगी।
बिहार में गूंजने वाले तमाम नारे शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले जनशिक्षा निदेशालय ने तैयार किए हैं। दरअसल, ये नारे नहीं एक क्रांति हैं, जो बदलते परिवेश नई दिशा में बढ़ते बिहारी समाज की दास्तां बयां करते हैं। हुंकार मारती आवाजें एक ही बात दोहराती हैं 'दहेज लोभियों से नहीं डरेंगे, 181 नंबर पर फोन करेंगे। 'बिहार की महिला करे पुकार, दहेज मुक्त हो अपना बिहार।
जनशिक्षा के सहायक निदेशक मो. गालिब बताते हैं कि निदेशालय ने सैकड़ों नारे तैयार किए हैं जो दहेज और बाल विवाह उन्मूलन के लिए गांव-कस्बों में दीवारों पर लिखे जा रहे हैं और लोग अपने कार्यक्रमों में इनका प्रयोग कर रहे हैं।
ये सिर्फ नारे नहीं, बदलती सोच का प्रतीक हैं, जिन्हें निदेशालय ने दिन-रात की मेहनत से तैयार किया है। वे कहते हैं तस्वीर बदल रही है। ज्यादा वक्त नहीं लगेगा जब बिहार की हर बेटी अपने अधिकार के लिए विरोध में आवाज खड़ी करेगी। बेटी विरोध करेगी दहेज का, बेटी विरोध करेगी बाल-विवाह का। वह तो पढ़ेगी, आगे बढ़ेगी और खुद के साथ ही परिवार, समाज और राज्य का नाम रोशन करेगी।
कुछ प्रमुख नारों पर एक नजर :
- बेटी-बेटा एक समान, दहेज प्रथा कोढ़ समान
- सुनो ऐ भाई, सुनो ऐ बहना, दहेज का लोभ कभी न करना
- दहेज एक गुनाह है, हवालात में पनाह है
- सोना-चांदी ना कार चाहिए, पढ़ी-लिखी लड़की 18 पार चाहिए
- बेटी है वरदान, दहेज देकर मत करो अपमान
- बेटियों की तरक्की ने दी है सीख, दहेज लोभियों को ना दूंगी भीख
- एक सूरज हम उगाएं, चलो दहेज प्रथा को दूर भगाएं
- जागो बापू, जागो मइया, नया सवेरा आया है, दहेज लोभियों को मिलकर समाज ने सबक सिखाया है
- बेटियों की भलाई अपने हाथ, दहेज लोभियों का ना देना साथ
- बेटी है मेरी बोझ नहीं, दहेज देने की सोच नहीं
-