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बिहार में लालू प्रसाद के राजद को लगा बड़ा झटका, अनंत सिंह के बाद एक और विधायक होंगे कम

बिहार में राजद विधायकों की संख्या अब घटकर 78 हो जाएगी। अवकाश एवं यात्रा भत्ता (एलटीसी) घोटाले में राजद विधायक अनिल कुमार सहनी की सदस्यता खत्म होने के बाद ऐसा होगा। सजा मिलने के चलते विधानसभा सदस्यता गंवाने वाले अनिल बिहार के पांचवें विधायक होंगे।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sun, 04 Sep 2022 10:24 AM (IST)Updated: Sun, 04 Sep 2022 01:57 PM (IST)
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना  : अवकाश एवं यात्रा भत्ता (एलटीसी) घोटाले में राजद विधायक अनिल कुमार सहनी की विधानसभा सदस्यता भी खत्म हो जाएगी। आपराधिक मामले में कोर्ट से सजा मिलने के चलते विधानसभा सदस्यता गंवाने वाले अनिल बिहार के पांचवें विधायक होंगे। राजद विधायकों की संख्या अब घटकर 78 हो जाएगी। एक महीने पहले ही राजद के बाहुबली नेता अनंत सिंह की विधानसभा सदस्यता खत्म हो चुकी है। राजद के इलियास हुसैन और राजबल्लभ यादव के अलावा भाजपा के नरेश यादव की सदस्यता ऐसी ही परिस्थितियों में जा चुकी है। अनंत सिंह के घर से एके-47 एवं अन्य हथियार बरामद होने के जुर्म में उन्हें दस वर्ष की सजा सुनाई गई थी।

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इसके पहले अलकतरा घोटाले में राजद नेता एवं पूर्व मंत्री इलियास हुसैन एवं दुष्कर्म के जुर्म में राजबल्लभ यादव को भी विधानसभा सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था। परिहार के भाजपा नेता रामनरेश प्रसाद यादव को 2015 में एक आपराधिक मामले में सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उन्होंने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।संवैधानिक प्रविधान के मुताबिक आपराधिक मामले में किसी सांसद या विधायक के दोषी पाए जाने पर न्यूनतम दो वर्ष या उससे अधिक की सजा होने पर उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त हो जाती है। हालांकि ऐसा प्रविधान पहले भी था, लेकिन सजा पाने वाले सदस्य को तीन महीने के भीतर ऊपरी अदालत में अपील का मौका मिल जाता था, जिससे उसकी सदस्यता बची रह जाती थी। किंतु सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई 2013 को लिलि थामस बनाम केंद्र सरकार के मामले में तत्काल प्रभाव से सदस्यता खत्म होने का फैसला दिया।

मुजफ्फरपुर की कुढ़नी के विधायक हैं अनिल

बता दें कि अवकाश एवं यात्रा भत्ता (एलटीसी) घोटाले में तीन वर्ष की सजा पाने वाले अनिल सहनी मुजफ्फरपुर की कुढ़नी के विधायक हैं। अनिल पर सांसद रहते हुए अवकाश एवं यात्रा भत्ता (एलटीसी) घोटाला का चार्ज लगा था।  अनिल 2009 में पिता महेंद्र सहनी के निधन के बाद उनकी जगह राज्यसभा सदस्य बने थे। 


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