मानव शरीर में लगाए जा सकेंगे चूहे, बंदर, भेड़ व सूअर के अंग, जानिए
भविष्य में मानव शरीर में पशु अंग लगाए जा सकेंगे। चूहे, बंदर, भेड़ व सूअर के अंगों का प्रयोग हो सकेगा। उनके कई अंगों का उपयोग मानव शरीर में प्रत्यारोपण के लिए किया जा सकता है।
पटना [जेएनएन]। आदिकाल से मानव एवं पशुओं में गहरा संबंध रहा है। एक दूसरे के पूरक रहे हैं। चिकित्सा विज्ञान वर्तमान में इस विषय पर गंभीरता से शोध कर रहा है कि किन-किन से पशुओं के अंगों का उपयोग मानव शरीर में किया जा सकता है। वर्तमान में चूहे, बंदर, सूअर एवं भेड़ पर रिसर्च की जा रहा है। उनके कई अंगों का उपयोग मानव शरीर में प्रत्यारोपण के लिए किया जा सकता है।
उक्त बातें शनिवार को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के स्वायत्तशासी संस्था प्रौद्योगिकी सूचना, पूर्वानुमान एवं मूल्यांकन परिषद (टाइफैक) के कार्यकारी निदेशक डॉ. प्रभात रंजन ने कहीं। वे पटना मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के स्थापना दिवस समारोह से पूर्व आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे। सेमिनार का आयोजन पीएमसीएच एलुमिनाई एसोसिएशन ने किया था। स्थापना दिवस समारोह रविवार को मनाया जाएगा।
डॉ. रंजन ने कहा कि लोगों की जीवनशैली पूरी तरह से बदल चुकी है। नई-नई समस्याएं पैदा हो रही हैं। तनाव एक बड़ी समस्या के रूप में उभर रहा है। तनाव के कारण बीपी एवं शुगर की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। बीपी और शुगर बढऩे से किडनी, हार्ट एवं ब्रेन की समस्या काफी बढ़ गई हैं। जिस तरह देशभर में लोगों के किडनी एवं अन्य अंगों में खराबी आ रही है, उस अनुपात में अंग नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में वैज्ञानिक पशुओं के अंगों के उपयोग पर विचार किया जा रहा है। रिसर्च चल रही है। वैज्ञानिकों को कुछ हद तक सफलता भी मिली है। जल्द ही इसके बेहतर नतीजे सामने आएंगे।
ब्रेन मेमोरी बढ़ाने में तकनीक का उपयोग
डॉ. रंजन ने कहा कि बे्रन की मेमोरी बढ़ाने में नई तकनीक काफी कारगर साबित हो रही है। मानव ब्रेन की मेमोरी बढ़ाने पर भी वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं। वैज्ञानिक ऐसे उपकरण विकसित कर रहे हैं, जिसके उपयोग से मानव के ब्रेन की मेमोरी बहुत हद तक बढ़ाई जा सकती है।
स्पाइन सर्जरी 90 फीसद सफल
अपोलो हॉस्पिटल, चेन्नई के स्पाइन सर्जन डॉ. सजन के हेगड़े का कहना है कि स्पाइन सर्जरी में क्रांतिकारी बदलाव आया है। अब स्पाइन सर्जरी सामान्य सर्जरी हो गई। इसमें 90 फीसद तक सफलता मिल रही है। ऑपरेशन के दूसरे दिन ही मरीज घर चला जाता है। एक सप्ताह बाद से वह काम करना शुरू कर देता है। ऑपरेशन कुशल चिकित्सकों द्वारा कराया जाना चाहिए।
ऑपरेशन के बारे में मरीज को जानने का अधिकार
अमेरिका से आए डॉ. एसएन राजा ने कहा कि किसी भी सर्जरी के बारे में मरीज को जानने का अधिकार है। उसे यह जानने का अधिकार है कि उसकी किस चीज की सर्जरी होनी है। उसका शरीर पर क्या प्रभाव पड़ सकता है। उसे क्या सावधानी बरतनी है। डॉ. राजा ने कहा कि सर्जरी में काफी बदलाव आए हैं। पहले बड़ी सर्जरी से एक दिन पहले मरीज को कुछ खाना नहीं दिया जाता था, लेकिन अब मरीज को आठ घंटा पहले तक भोजन दिया जाता है। ऑपरेशन के दो घंटा पहले तक पानी दिया जा सकता है।
ओवर हार्मोन के कारण पैदा हो रहीं चर्म रोग की समस्याएं
पीएमसीएच के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. अमरकांत झा अमर ने कहा कि शरीर में ओवर हार्मोन के कारण कई तरह की समस्याएं पैदा हो रही हैं। खासकर ऑक्सीटोसिन की सूई देकर दूध लेने से लोगों के शरीर में हार्मोन जनित समस्या पैदा हो रही है। ओवर हार्मोन के कारण ही लोगों को चर्म रोग की समस्या पैदा हो रही है।
सेमिनार का उद्घाटन एम्स पटना के निदेशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह एवं आइजीआइएमएस के निदेशक डॉ. एनआर विश्वास ने संयुक्त रूप से किया। पीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विजय कुमार गुप्ता, डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति सहित कई डॉक्टरों एवं छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।