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जानें- जदयू के टिकट पर राज्यसभा चुनाव लड़ने वाले अनिल हेगड़े के बारें में, 4,250 बार दे चुके हैं गिरफ्तारी, 12 साल से पार्टी आफिस ही ठिकाना

जिस समय अनिल हेगड़े का राज्यसभा प्रत्याशी बनाए जाने का एलान हुआ उस समय वह जदयू प्रदेश कार्यालय में ही मौजूद थे। उसी कार्यालय जहां अनिल पिछले 12 साल से रहते हैं। यहीं खाते हैं और यहीं सो जाते हैं। अनिल ने शादी भी नहीं की है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 10:39 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 09:23 AM (IST)
जानें- जदयू के टिकट पर राज्यसभा चुनाव लड़ने वाले अनिल हेगड़े के बारें में, 4,250 बार दे चुके हैं गिरफ्तारी, 12 साल से पार्टी आफिस ही ठिकाना
जनता दल यूनाइटेड के राज्यसभा प्रत्याशी अनिल हेगड़े।

राज्य ब्यूरो, पटना : महेंद्र प्रसाद यानी किंग महेंद्र के निधन से रिक्त होने वाली सीट पर जदयू ने अनिल हेगड़े को अपना प्रत्याशी बनाया है। जिस समय उनके नाम का एलान हुआ उस समय अनिल जदयू प्रदेश कार्यालय में ही मौजूद थे। उसी कार्यालय जहां अनिल पिछले 12 साल से रहते हैं। यहीं खाते हैं और यहीं सो जाते हैं। अनिल ने शादी भी नहीं की है। दिल्ली के संसद भवन थाने में 4,250 बार गिरफ्तारी दे चुके अनिल से जब जदयू द्वारा राज्यसभा कैंडिडेट बनाने को लेकर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि पार्टी के कार्यकर्ता को सम्मान मिला है। मैंने पूरी जिंदगी में कभी भी किसी के कोई पद नहीं मांगा। पिछले 38 वर्षों से मैं लगातार 365 दिन पार्टी के काम में लगा हूं। मेरी उम्मीदवारी से कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा। 

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  • - कभी भी अपने लिए किसी से कोई पद के लिए नहीं कहा : अनिल हेगड़े
  • - विगत 38 वर्षों से जनता दल यूनाइटेड के लिए लगातार काम कर रहे अनिल
  • - बोले-पार्टी के कार्यकर्ता को महत्व दिया इससे कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा

मैंने कुछ नहीं मांगा, फिर भी पार्टी ने बहुत कुछ दिया

अनिल हेगड़े ने कहा कि मैं समता पार्टी और जदयू का राष्ट्रीय महासचिव रहा हूं। वशिष्ठ बाबू (वशिष्ठ नारायण सिंह) जब जदयू के प्रदेश अध्यक्ष थे तब मुझे पार्टी का उपाध्यक्ष बना दिया था। उसके बाद छह साल से मैं पार्टी का नेशनल रिटर्निंग आफिसर हूं। मेरे द्वारा कुछ नहीं मांगने पर भी मुझे सम्मान मिला यह कार्यकर्ताओं के लिए उत्साह की बात है। 

डंकल प्रस्ताव पर हस्ताक्षर का विरोध करने पर आए चर्चा में

अनिल हेगड़े की चर्चा डंकल प्रस्ताव पर हस्ताक्षर के विरोध में 5,150 दिनों तक लगातार अभियान चलाए जाने को लेकर होती है। लगातार 14 वर्षों तक उन्होंने दिल्ली में संसद भवन थाने में 4,250 बार गिरफ्तारी दी। इस क्रम में वह 15 दिनों तक जेल में भी रहे। 


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