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PMCH में खुल गई 'अमृत' दुकान, मरीजों मिलेगी राहत- 80 फीसद तक सस्ती है यहां दवा Patna News

पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में अमृत दुकान की शुरुआत हो गई है। इससे मरीजों को 60 से 80 फीसद तक सस्ती दवा मिलेगी।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Wed, 27 Nov 2019 10:30 AM (IST)Updated: Wed, 27 Nov 2019 11:09 AM (IST)
PMCH में खुल गई 'अमृत' दुकान, मरीजों मिलेगी राहत- 80 फीसद तक सस्ती है यहां दवा Patna News
PMCH में खुल गई 'अमृत' दुकान, मरीजों मिलेगी राहत- 80 फीसद तक सस्ती है यहां दवा Patna News

पटना, जेएनएन। राजधानी में अब दवा खरीदने के लिए जेब ढीली नहीं करनी पड़ेगी। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में इसकी व्यवस्था कर ली गई है। बुधवार को पीएमसीएच में अमृत दुकान की शुरुआत हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव संजय कुमार ने दुकान उद्घाटन किया। यहां मरीजों को बाजार से 60 से 80 फीसद तक सस्ती दवाएं उपलब्ध होंगी। अस्पताल में अमृत योजना के तहत दुकान की शुरुआतकी गई है।

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पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने बताया कि दुकान से मरीजों को सस्ती दवाएं मुहैया कराई जाएंगी। मालूम हो कि अमृत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की योजना है। इस योजना के तहत कैंसर, हार्ट, लिवर, किडनी, जोड़ प्रत्यारोपण सहित कई गंभीर बीमारियों के मरीजों को दवाएं मुहैया कराई जाती हैं। पीएमसीएच की ओपीडी के सामने दवा की दुकान तैयार की गई है। लंबे समय से अमृत दुकान खुलने का इंतजार किया जा रहा था।

मिलेगी 30 बेड की डायलिसिस सुविधा

पीएमसीएच में इलाज कराने के लिए आने वाले किडनी मरीजों को अब पहले से ज्यादा सुविधा मिलेगी। राज्य के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) में 29 नवंबर से 30 बेड की डायलिसिस सुविधा बढ़ने जा रही है। इसका मरीजों को लंबे समय से इंतजार था। अभी पीएमसीएच में मात्र चार मशीनों से डायलिसिस हो रहा है। अधीक्षक डॉ. राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि पीएमसीएच में राज्यभर से किडनी के मरीज आते हैं। उन्हें यहां मुफ्त में डायलिसिस की सुविधा प्रदान की जाएगी। चार मशीनें पहले से हैं।

एसआर और पारा मेडिकल स्टाफ की जरूरत

जानकारों का कहना है कि पीएमसीएच में 30 मशीनों से डायलिसिस की सुविधा मरीजों को मिलेगी। लेकिन इसके लिए सरकार को कम से कम 12 सीनियर रेजिडेंट भी बहाल करने की जरूरत है। इसके अलावा कम से कम 40 पारा मेडिकल स्टाफ चाहिए, तभी यह यूनिट बेहतर तरीके से काम कर सकती है। इसके अलावा कम से कम 12 टेक्नीशियन भी होने चाहिए, जबकि वर्तमान में मात्र तीन ही टेक्नीशियन के भरोसे इलाज चल रहा है।


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