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Amit Shah in Bihar: पूर्णिया में रैली का बिहार से झारखंड व बंगाल तक जाएगा संदेश, लोकसभा चुनाव पर भी नजर

Amit Shah in Bihar अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर बिहार में हैं। आज पहले दिन वे पूर्णिया में जनसभा काे संबोधित करेंगे। उनके इस दौरे का संदेश बिहार से झारखंड व बंगाल तक जाएगा। नजरें आगले लोकभा चुनाव पर भी हैं।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 23 Sep 2022 07:09 AM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 12:29 PM (IST)
Amit Shah in Bihar: पूर्णिया में रैली का बिहार से झारखंड व बंगाल तक जाएगा संदेश, लोकसभा चुनाव पर भी नजर
Amit Shah in Bihar: अमित शाह। फाइल तस्‍वीर।

पटना, स्‍टेट ब्‍यूरो। Amit Shah in Bihar: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) शुक्रवार को सीमांचल के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस क्रम में शाह पूर्णिया में जनभावना रैली को संबोधित करेंगे। वहीं, किशनगंज में बिहार भारतीय जनता पार्टी (Bihar BJP) की ओर से आयोजित दो अलग-अलग बैठकों में हिस्सा लेंगे। शनिवार को भी शाह किशनगंज में रहेंगे।

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बिहार में जनता दल यूनाइटेड (JDU) से गठबंधन टूटने के बाद अमित शाह के इस पहले दौरे के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। चर्चा है कि शाह की पूर्णिया में रैली का बिहार से झारखंड और बंगाल तक संदेश जाएगा। बिहार में लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Shabha Election 2024) के लिए मिशन-35 का शंखनाद भी करेंगे।

लोकसभा चुनाव की प्रभावी रणनीति पर नजर

बीजेपी सीमांचल के बहाने राजनीति की ऐसी बिसात बिछाना चाहती है, जिससे जातीय गोलबंदी की बजाय हिन्दुओं का ऐसा ध्रुवीकरण हो, जिसकी गूंज बिहार से बंगाल तक सुनाई पड़े। अमित शाह दो दिनी दौरे में बिहार की जमीनी और अंदरूनी हकीकत जानने का प्रयास करेंगे। चुनाव की प्रभावी रणनीति तैयार करने में अमित शाह कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे। संभावना है कि रैली के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर ध्रुवीकरण की राजनीति को धार दी जाएगी।

रैली से बड़ा संदेश देने की कोशिश में बीजेपी

सीमांचल की रैली से शाह सीएए, एनआरसी, बांग्लादेशी घुसपैठ और रोहिंग्या का मुद्दा उछाल सकते हैं। दरअसल, सीमांचल के तीन जिले पूर्णिया, अररिया और किशनगंज सीधे तौर पर पश्चिम बंगला के कई जिलों से जुड़े हैं। इस लिहाज से बीजेपी शाह की रैली से बड़ा संदेश देने की कोशिश में जुटी है।

बिहार की 40 में से 35 सीटों पर जीत का लक्ष्य

2019 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने मिलकर बिहार में 40 में से 39 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसमें 17 सीट बीजेपी जीती थी, जबकि जेडीयू को 16 सीट मिली थी। वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने छह सीटों पर जीत दर्ज की थी। अब बदली हुई परिस्थिति में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के बगैर बीजेपी ने 35 सीटों पर जीत का लक्ष्य तय किया है। ऐसे में मिशन-35 को पूरा करने के लिए अमित शाह का यह दौरा मुहिम की पहली और महत्वपूर्ण कड़ी है। दरअसल, मुस्लिम बाहुल सीमांचल में राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) के एम-वाई समीकरण (MY Equation) के चलते यह इलाका महागठबंधन (Mahagathbandhan) का गढ़ माना जाता है।

सीमांचल में बीजेपी पर महागठबंधन भारी

अभी सीमांचल में महागठबंधन भारी है। पूर्णिया प्रमंडल में लोकसभा की चार सीटें हैं- पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया। 2019 में राजग को चार में से तीन सीटें मिली थीं। इनमें अररिया सीट बीजेपी, पूर्णिया और कटिहार सीट जेडीयू के खाते में हैं। किशनगंज कांग्रेस के पास है। बीजेपी बिहार में लोकसभा चुनाव ही नहीं, 2025 के विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) की रणनीति को लेकर आगे बढ़ रही है।

बीजेपी कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे शाह

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बीजेपी को बिहार के सत्ता से बाहर करने को लेकर कैडर आधारित मतदाताओं के साथ बीजेपी कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। शाह की रैली उनमें जोश भरने का काम करेगी। बीजेपी चूंकि कैडर आधारित पार्टी है, इसलिए शाह पार्टी पदाधिकारियों को कार्यकर्ताओं और जनता से सीधे संवाद शुरू करने और बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने का निर्देश दे सकते हैं।


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