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बिहार कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं, अशोक चौधरी बोले: जहां सम्मान मिलेगा वहां जाएंगे

बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष डॉ. अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश से उनके अच्‍छे संबंध हैं। कहा कि सीपी जोशी ने उनके खिलाफ साजिश रची। बोले कि जहां सम्मान मिलेगा वहां काम करेंगे।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 18 Feb 2018 08:51 AM (IST)Updated: Mon, 19 Feb 2018 10:55 PM (IST)
बिहार कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं, अशोक चौधरी बोले: जहां सम्मान मिलेगा वहां जाएंगे
बिहार कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं, अशोक चौधरी बोले: जहां सम्मान मिलेगा वहां जाएंगे

पटना [सुनील राज]। डॉ. अशोक चौधरी ने बिहार कांग्रेस की कमान ऐसे वक्त में संभाली जब पार्टी एक दशक तक सत्ता से दूर थी। तमाम कोशिशों के बाद भी पार्टी के आधा दर्जन विधायक भी विधानसभा तक नहीं पहुंच पा रहे थे। डॉ. चौधरी ने प्रभार संभालने के साथ ही कांग्रेस का खोया जनाधार वापस लाने की कवायद शुरू की। उनकी मेहनत का नतीजा रहा कि कांग्रेस के 27 विधायक विधानसभा तक पहुंचने में सफल रहे। यही नहीं बिहार कांग्रेस को राज्य सरकार में शामिल होने का मौका भी मिला।

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फिर, अचानक डॉ. चौधरी पर नीतीश कुमार के लिए पार्टी तोडऩे के आरोप लगाए गए। इसके साथ ही कांग्रेस ने उन्हें आसमान से उठाकर जमीन पर गिरा दिया। इन दिनों डॉ. चौधरी कांग्रेस में होकर भी मौन हैं। दैनिक जागरण ने उनसे विभिन्न मुद्दों पर बात की। पेश है बातचीत के अंश...

प्रश्‍न: डॉ. अशोक चौधरी इन दिनों क्या कर रहे हैं?

उत्‍तर: देखिए पद तो आता जाता रहता है। पद महत्वपूर्ण नहीं। आपने जिस सिद्धांत, विचार के साथ राजनीति को चुना है, आपने उसे प्राप्त करने के लिए कोई न कोई लक्ष्य चुना होगा। मैंने भी एक लक्ष्य बनाया था और उसे ही प्राप्त करने में जुटा हुआ हूं। आप किस प्रकार राजनीति में एक पहचान कायम कर सकते हैं, किस प्रकार युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हो सकते हैं यही तमाम लक्ष्य हैं, जिनके लिए मैं लगातार काम करता रहता हैं।

पद महत्वपूर्ण नहीं होता है। मेरी कोशिश है, नए लोग युवा राजनीति में आए और समाज के लिए सार्थक काम करें। जब तक पढ़े लिखे लोग राजनीति में नहीं आएंगे तब तक जातपात ऊंच-नीच को लेकर जो कुंठा है, वह समाप्त नहीं होगी। मैं उसी पर काम कर रहा हूं ताकि पढ़े लोग राजनीति में आए।

प्रश्‍न: आप कांग्रेस में हैं, मगर पार्टी की गतिविधियों में नहीं होते हैं?

उत्‍तर: देखिए आरोप लगाना सहज है, आरोप लगाने वाले उस वक्त कहां थे जब मैं बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष था। डॉ. शकील अहमद हो या दूसरा कोई बड़ा नेता मेरे कार्यक्रमों में कितने लोगों ने शिरकत की। मेरे कार्यक्रम में लोगों की भागेदारी नहीं थी, उस वक्त कोई आवाज नहीं उठी तो फिर आज यह प्रश्न उठाने वाले कौन हैं? मैं कोई ऐसा काम नहीं कर रहा, जिससे लोगों को कोई परेशानी हो। मेरे साथ तो अन्याय हुआ। मैं आहत हूं, शेष लोगों के साथ तो कोई अन्याय नहीं हुआ।

प्रश्‍न: किसने किया आपके साथ अन्याय?

उत्‍तर: बिहार कांग्रेस के प्रभारी डॉ. सीपी जोशी ने सारी साजिश रची और उसका शिकार मुझे बनाया गया। मैंने तो पार्टी को मजबूती दी, उसका जनाधार बढ़ाया। अपने चहेते को बिहार की गद्दी पर बिठाने के लिए उन्होंने मेरे खिलाफ षड्यंत्र किया। पार्टी ने भी उनकी बातों पर विश्वास कर लिया और मुझे अपमानित करके पद से हटाया गया। मैं तो पद छोडऩे को तैयार बैठा था तो फिर मुझे अपमानित करने का क्या औचित्य हो सकता है।

प्रश्‍न: क्या सिर्फ यही एक वजह है आपको अपमानित करने की?

उत्‍तर: सबसे बड़ी वजह है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मेरे अच्‍छे संबंध। बिहार में पार्टी का अध्यक्ष बनाने के साथ ही मुझे यह जिम्मेदारी दी गई थी कि मैं नीतीश कुमार के साथ अच्‍छे संबंध बनाकर रखूं। सवाल है क्या नीतीश कुमार जी के साथ मेरे व्यक्तिगत संबंध हैं। नीतीश कुमार से अच्‍छे संबंध मैंने पार्टी के लिए बनाए। आलाकमान का जो निर्देश था, मैंने उसका पालन किया।

इस बात को सीपी जोशी ने मुद्दा बनाया और आलाकमान के सामने मेरी छवि धूमिल की गई। आलाकमान को इस संबंध के बारे में गलत जानकारी दी गई। बताया गया कि नीतीश कुमार के साथ मेरे अच्‍छे संबंध हैं, ऐसे में अशोक चौधरी पार्टी तोड़ सकते हैं। मैंने भला ऐसा क्यूं करने लगा। जब विधानसभा में गठबंधन टूटने के बाद नीतीश कुमार के खिलाफ वोट डालने थे, तो क्या पार्टी के किसी विधायक ने उनके पक्ष में मतदान किया। नहीं किया। मैं कोई स्वीच तो हूं नहीं कि ऑफ किया तो मैं ऑफ हो गया और ऑन किया तो ऑन।

सीपी जोशी ने मेरे खिलाफ साजिश की और मुझे पद से हटाया गया और अपमानित भी किया गया। आप बताएं इसमें मेरे दोष मेरी गलती कहां है।

प्रश्‍न: तो क्या केंद्र में बैठे लोग भी कान के कच्‍चे हैं?

उत्‍तर: नहीं ऐसी बात नहीं। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी एक शानदार शख्सियत हैं। उनका मुझ पर पूरा भरोसा है। मैंने बीच में उनसे इस पूरे प्रकरण पर एसएमएस के जरिए बात भी की। उन्हें बिहार के वर्तमान हालात के साथ ही मेरे खिलाफ रची गई साजिश के बारे में विस्तार से जानकारी दी। राहुल जी ने मुझे कहा है मैं शांत रहूं और समय आने पर सारा कुछ सही होगा।

प्रश्‍न: राजद प्रमुख लालू प्रसाद को लेकर आपके अंदर कोई खटास है?

उत्‍तर: क्यों रहेगी किसी को लेकर मेरे अंदर खटास। लालू प्रसाद एक बड़े नेता हैं और शानदार व्यक्तित्व है उनका। मेरे मानना सिर्फ इतना है कि कांग्रेस ने जब से लालू प्रसाद की राजद के साथ रिश्ता बनाया है, कांग्रेस बिहार में पनप नहीं पाई। लालू प्रसाद ने कभी संबंधों में पारदर्शिता नहीं रखी। जब जैसे चाहा अपने मन का किया, जिसका मैंने शुरू से विरोध किया है। संबंधों का मतलब है दूसरों का भी ख्याल रखा जाए। लेकिन लालू प्रसाद के साथ ऐसा नहीं रहा। जिसका नुकसान कांग्रेस को हुआ।

प्रश्‍न: वर्तमान बिहार कांग्रेस के बारे में आपकी क्या राय है?

उत्‍तर: आप खुद देख लीजिए। छह महीने में कांग्रेस की क्या गतिविधियां हैं। आपने किसी को बिहार कांग्रेस का प्रभार दिया है तो ऐसे तो नहीं चलेगा। आपको तय करना होगा कि करना क्या है। या तो आप किसी को बिहार में पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाएं या फिर वर्तमान प्रभारी को पूर्णकालिक बनाएं। अगर मुझे हटाकर किसी को यहां बिठाना जरूरी था तो अब तक प्रभार के सहारे बिहार का काम क्यों चल रहा है।

प्रश्‍न: क्या इस स्थिति में बिहार कांग्रेस को घाटा होगा?

उत्‍तर: आप खुद ही देख लीजिए क्या हो रहा है। बड़ी बात यह है कि अगर बिहार कांग्रेस राजद के साथ मिलकर आगे बढऩा चाहती है तो यह देखना होगा कि लालू प्रसाद और उनका दल कांग्रेस को कितना सपोर्ट कर रहा है। अगर ऐसा नहीं है तो कांग्रेस को परेशानियां होंगी।

प्रश्‍न: अगले लोकसभा-विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कहां देख रहे हैं?

उत्‍तर: बिहार में कांग्रेस को कड़ी मेहनत करनी होगी। विधायकों के परफार्मेंस पर भी बहुत कुछ निर्भर करेगा। यही बात लोकसभा चुनाव में भी लागू होती है। राहुल गांधी लगातार लगे हुए हैं, लेकिन अभी और मेहनत करनी होगी।

प्रश्‍न: डॉ. चौधरी का अगला कदम क्या होगा?

उत्‍तर: अभी तो कांग्रेस में हैं। शेष पार्टी की विचारधारा पर निर्भर करता है। पार्टी के साथ भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। बाकी राजनीतिक भविष्य क्या होगा अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।

प्रश्‍न: कांग्रेस में अब आपने आपको सहज मानते हैं?

उत्‍तर: देखिए भविष्य किसने देखा है। अभी मैं यहां हूं, हो सकता है कि कल न रहें। पार्टी ने मुझे इज्जत दी और बेइज्जत भी कर दिया। पार्टी तोडऩे की तोहमत तक मुझ पर लगाई गई। जिस पार्टी को बड़ा करने का प्रयास करते रहे उसी पार्टी को तोडऩे का आरोप भी लगा, ऐसे में जीवन भर उसी दुख के साथ रहना तो बेहद मुश्किल काम है। हम तो अपना भाग्य लेकर आए हैं। बेईमान आदमी हैं नहीं, मेहनत करना चाहते हैं। जहां हमको मान सम्मान मिलेगा काम करेंगे।

अशोक चौधरी : प्रोफाइल :

- छात्र जीवन से कांग्रेस की राजनीति में आए

- छात्र जीवन में सबसे पहले एनएसयूआइ से जुड़े

- 2000 में पहली बार बरबीघा विधानसभा से चुनाव जीता

- उसी साल राबड़ी देवी सरकार में कारा राज्य मंत्री बने

- 2009 में जमुई लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा

- 2010 में बरबीघा से विधानसभा लड़ा परास्त हुए

- 30 मार्च 2013 को बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष बने

- 2014 में बिहार विधान परिषद के सदस्य बनाए गए

- 2015 में महागठबंधन सरकार में शिक्षा मंत्री बनाए गए


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