तीन वर्षो मे बनकर तैयार हो जाएगा एयरपोर्ट का टर्मिनल भवन
पटना । पटना एयरपोर्ट अब इंटीग्रेटेड एयरपोर्ट की शक्ल लेने जा रहा है। इसके टर्मिनल भवन का
पटना । पटना एयरपोर्ट अब इंटीग्रेटेड एयरपोर्ट की शक्ल लेने जा रहा है। इसके टर्मिनल भवन को अब पूरी तरह विकसित करने की योजना पर तेजी से काम शुरू हो चुका है। शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है। 2021 तक इस नए टर्मिनल भवन का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। इसके साथ बिहटा एयरपोर्ट का भी निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। पुराने टर्मिनल भवन में जहां सालाना पांच लाख यात्रियों के आने-जाने की क्षमता थी, वहीं नए भवन में यह नौ गुना बढ़कर 45 लाख तक पहुंच जाएगी। अभी जहां पुराने एयरपोर्ट पर एक भी एयरोब्रिज नहीं है, वहीं नए भवन में छह एयरोब्रिज का निर्माण कराया जाएगा। जिससे यात्री सीधे विमान के अंदर पहुंच जाएंगे। एयरपोर्ट में प्रवेश व निकासी के लिए एक ही रास्ता बनाया जाएगा और बीच में डिवाइडर लगा होगा। एयरपोर्ट परिसर में प्रवेश करते ही एक खूबसूरत पार्क होगा, जो मधुबनी पेंटिंग की शक्ल में बना होगा। पार्क में इस तरह के पौधे लगाए जाएंगे, जो पूरे साल हरे-भरे रहेंगे। पार्क की डिजाइन ऐतिहासिक नालंदा विश्वविद्यालय के अनुरूप होगा।
एयरपोर्ट के निदेशक राजेंद्र सिंह लाहोरिया ने बीआइए सभागार में सूबे के उद्योगपतियों को विकसित होने वाले नए इंटिग्रेटेड एयरपोर्ट के भवन की पूरी जानकारी प्रजेंटेशन के माध्यम से दी। श्री लाहोरिया ने बताया कि नए एयरपोर्ट में एक साथ 11 विमानों के खड़े रखने की व्यवस्था होगी। छह-छह एरोब्रिज बनाए जा रहे हैं, जिससे टर्मिनल भवन से सीधे विमान में यात्री प्रवेश कर जाएंगे। उन्होंने बताया कि नए टर्मिनल भवन के निर्माण के लिए प्रोजेक्ट कंसलटेंट ऑस्ट्रेलिया की मेनहर्ड कंपनी को बनाया गया है। श्री लाहोरिया ने उद्योगपतियों को बताया कि नए भवन के बन जाने के बाद यहां से अंतरराष्ट्रीय विमानों की भी उड़ान शुरू की जा सकती है। 25 मार्च 2018 से यहां से दिन-रात उड़ान शुरू हो जाएगी। यह बीआइए की पहली मांग थी। उन्होंने बताया कि नए विकसित एयरपोर्ट परिसर के बाहर में एक बड़ा प्रवेश द्वार बनेगा, जहां दोनों तरफ सीआइएसएफ के जवान सुरक्षा में तैनात रहेंगे। यहीं से इंट्री व एक्जिट दोनों होगा। सामने में ही खूबसूरत मधुबनी गार्डेन होगा और एक काफी ऊंचा अशोक स्तंभ का निर्माण कराया जाएगा। वाहन परिसर होते हुए मल्टी स्टोरी पार्किंग में जाएंगे और वहीं से सीधे टर्मिनल भवन में चले जाएंगे। टर्मिनल भवन की बाहरी डिजाइन की छत नालंदा विश्वविद्यालय की डिजाइन पर बनाया जाएगा। छत के निचले हिस्से पर मधुबनी पेंटिंग की जाएगी। टर्मिनल भवन में बेसमेंट भी बनाया जा रहा है, जिसमें लगेज रखने की व्यवस्था होगी। ग्राउंड फ्लोर से यात्री बाहर निकलेंगे, जबकि प्रथम मंजिल से यात्री एयरोब्रिज होकर रन-वे में पार्किंग स्टैंड में खड़े विमान के अंदर चले जाएंगे। उन्होंने बताया कि यहां पर रडार से भी बेहतर एडीएस-बी सिस्टम लगाया जाएगा, जिससे हवा में ही फ्लाइट को कंट्रोल किया जा सकेगा। इसे ऑटोमेटिक डिपेंडेंट सर्विलांस-ब्रॉडकास्ट कहा जाता है।