विमानों से पक्षी के टकराने से एयरपोर्ट प्रशासन हलकान
विमानों से पक्षियों के टकराने की घटनाओं से परेशान पटना एयरपोर्ट प्रशासन इन्हें रोकने की दिशा में व्यापक कदम उठाएगा। इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है।
पटना [जेएनएन]। विमानों से पक्षियों के टकराने की घटनाओं से परेशान पटना एयरपोर्ट प्रशासन इन्हें रोकने की दिशा में व्यापक कदम उठाएगा। एयरपोर्ट अधिकारियों की एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी यह सुझाव देगी कि एयरपोर्ट के आसपास पक्षियों की संख्या कैसे कम की जाए? यह भी पता करेगी किन कारणों से पक्षी एयरपोर्ट के ऊपर या आसपास मंडराते रहते हैं। पक्षियों को भगाने के लिए बर्ड कैचर की संख्या भी बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
एयरपोर्ट निदेशक राजेंद्र सिंह लाहौरिया ने यह कमेटी बनाई है। एक दिन में बर्ड हिट की दो घटनाओं और विमानों को नुकसान ने एयरपोर्ट प्रशासन की नींद उड़ा दी है। एयरपोर्ट पर्यावरण समिति की बैठक में भी पक्षियों का मुद्दा उठेगा।
एयरपोर्ट निदेशक के अनुसार पक्षियों को देखते हुए एयरपोर्ट रनवे के आसपास की घास की नियमित कटाई कराई जा रही है। प्रयास है कि पक्षियों को आकर्षित करने वाली चीजें एयरपोर्ट के आसपास नहीं रहे। पक्षियों से निपटने के लिए एयरपोर्ट का क्षेत्र विभिन्न जोन में बंटा है जिसमें एलपीजी गैस से चलने वाली गनों का इस्तेमाल होता है। इनसे पटाखे की तरह आवाज निकलती है। इसके अलावा पटाखे भी छोड़े जाते हैं। बर्ड कैचर भी पक्षियों को भगाते हैं। अभी एक शिफ्ट में चार कैचर लगाए जाते हैं। चूंकि दिन-रात विमान सेवाएं शुरू हो गई हैं, इसलिए कैचर की संख्या बढ़ेगी।
हवाईअड्डा प्रशासन का मानना है कि एयरपोर्ट के आसपास मांस-मछली की बिक्री खुले में नहीं होनी चाहिए। बचा मांस व अन्य जैविक अपशिष्ट का निष्पादन एयरपोर्ट से दूर होना चाहिए। बूचड़खाने तो आसपास होने ही नहीं चाहिए। खुले नाले सहित कई अन्य चीजें पक्षियों को अपनी तरफ आकर्षित करती हैं।