Bihar Chunav Result 2020: पंडितजी बताई ना... हमरा जीत कैसे होई... नतीजों से पहले कुंडली पर भरोसा
Bihar Chunav Result 2020 मतदान के बाद आंकड़े व कुंडली लेकर ज्योतिषियों व पंडितों से भविष्य पूछने में जुटे प्रत्याशी विधानसभा चुनाव में मतदान खत्म होने के बाद बढ़ी प्रत्याशियों की धुकधुकी अब रिजल्ट से आस उम्मीदवारों की कुंडली खंगाल ग्रह-नक्षत्रों के शुभ संयोग को टटोल रहे ज्योतिषाचार्य
पटना, जेएनएन। बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान संपन्न हो गया। टिकट वितरण के दौरान बाजी जीतने वाले प्रत्याशी अब चुनाव में मैदान मारने में जुटे हैं। मतदान कार्य संपन्न होने के बाद प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ी है। इस बार कौन सत्ता में आएगा? किसे बाहर होना होगा? इसकी चिंता प्रत्याशियों को खूब सता रही है। लिहाजा, प्रत्याशी अपने भविष्य को लेकर ज्योतिष व पंडितों के पास परामर्श लेने के लिए उनके दरबार में हाजिरी लगा रहे हैं। कुंडली खंगाल उनका भविष्य बताया जा रहा है।
दूर करा रहे ग्रह-गोचर की गड़बड़ी
किसी प्रत्याशी का नाम लिए बिना ज्योतिषाचार्य राकेश झा ने कहा, चुनाव की घोषणा के बाद से ही प्रत्याशी पहले टिकट को लेकर परेशान थे, अब वे जीत को लेकर कुंडली दिखाने में लगे हैं। प्रत्याशी परामर्श ले रहे हैं और पूछ रहे कि 'पंडितजी बताई न जीत कैसे होई।' वहीं अपने विरोधियों को परास्त करने और अपने जीत पक्की कराने को लेकर भी उपाय किए जा रहे हैं। पंडितों ने बताया कि नेताओं की कुंडली के हिसाब से मुहूर्त निकाला जाता है। शुभ योग, राहुकाल, लग्न, ग्रह-गोचरों की स्थिति आदि का आकलन किया जाता है। उन्होंने बताया, अगर ग्रह-गोचरों में कोई गड़बड़ी होती है तो इसके हिसाब से फिर उपाय बताए जाते हैं। कोई भी कार्य शुभ मुहूर्त में करने से सिद्धि प्राप्त होती है।
जीत के लिए ग्रह-नक्षत्रों पर भरोसा
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि उम्मीदवारों की कुंडली में सबसे पहले शनि की दशा व गोचर और उसके बाद मंगल ग्रह की स्थिति पर विचार होता है। यह स्थिति बताती है कि कौन से उम्मीदवार जीत हासिल करेंगे या नहीं। ग्रहों की स्थिति अगर कुंडली में मजबूत होती है तो जीत की संभावना 100 फीसद बनती है। उन्होंने बताया, कुंडली में महालक्ष्मी योग, सरस्वती योग, नृप योग, अमला योग, गजकेसरी योग का भी संयोग होता है। ऐसे में गजकेसरी योग बहुत खास माना जाता है। जब किसी कुंडली में गुरु और चंद्र पूर्णकारक प्रभाव के साथ युति बनाते हैं, यानी एक साथ एक भाव में होते हैं, तब ये योग बनता है। जो सभी प्रकार का सुख प्रदान करता है।