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मुजफ्फरपुर में चमकी पर फतह के बाद अब पटना में कोरोना को हराएंगे DM डॉ. चंद्रशेखर सिंह

2010 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह के सामने पटना का डीएम बनने के बाद सबसे बड़ी जिम्मेदारी कोरोना टीकाकरण की है। इससे पहले मुजफ्फरपुर का डीएम रहते हुए उन्होंने चमकी बुखार की चुनौती का सामना सफलता पूर्वक किया।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 12:36 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 12:36 PM (IST)
मुजफ्फरपुर में चमकी पर फतह के बाद अब पटना में कोरोना को हराएंगे DM डॉ. चंद्रशेखर सिंह
पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह। साभारः ट्विटरः

श्रवण कुमार, पटना: कोरोना को हराने के लिए देश भर में टीकाकरण की रणनीति केंद्र और राज्य की सरकारों द्वारा बनाई जा रही है। प्रशासन के स्तर पर पटना में भी इसके लिए पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। शासकीय रणनीति के तहत ही पहले स्वास्थ्य कर्मियों, फिर फ्रंट लाइन वर्करों और पचास वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जाना है। टीका को सुरक्षित रखने से लेकर चरणबद्ध टीकाकरण करने तक के लिए प्रशासन द्वारा पूरी तैयारी कर ली गई है। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने खास बातचीत के दौरान यह जानकारी दी। 2010 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी डॉ. सिंह के सामने पटना का डीएम बनने के बाद सबसे बड़ी जिम्मेदारी टीकाकरण की है। इससे पहले मुजफ्फरपुर का डीएम रहते चमकी बुखार (एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम) का सामना भी इनके लिए कम चुनौतीपूर्ण नहीं रहा। 

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जमीनी स्तर पर कार्ययोजना बनाकर पाई सफलता 

डॉ. सिंह ने बताया कि चमकी की चुनौती का सामना करने के लिए जमीनी स्तर पर रणनीति बनाई गई थी। पिछले वर्षों के अनुभव को देखते हुए गांव-गांव में सूचना तंत्र और नेटवर्क को सबसे पहले विकसित किया गया था। हर गांव के एक-दो वैसे लोगों की सूची बनाई गई थी, जिनके पास कोई न कोई वाहन था। किसी भी बच्चे की तबीयत बिगडऩे पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचाने की जिम्मेदारी उन्हें दी गई थी। प्रशासन के स्तर से उन्हें चार सौ रुपये की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाती थी। इसके साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की मौजूदगी सुनिश्चित की गई थी। पहले ही अनुपस्थित डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई कर सख्ती के संदेश दिए गए। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्थिति बिगडऩे पर दूसरे जगह स्थानांतरित करने के लिए एंबुलेंस की भी पर्याप्त व्यवस्था थी। जागरुकता के कार्यक्रम भी लगातार चलाए गए। चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था की वजह से चमकी प्रभावित और मौत के मामले पिछले साल की अपेक्षा काफी कम रहे। 

पटना में भी अच्छा काम करने वाले होंगे प्रोत्साहित

डीएम ने कहा कि प्रशासनिक चुस्ती और दुरुस्त ढंग से जमीनी स्तर पर कार्यशैली पटना में भी अपनाई जाएगी। चाहे टीकाकरण हो या अन्य प्रशासनिक कार्य। अच्छा काम करने वाले अधिकारी और कर्मियों को सम्मानित किया जाएगा और गड़बड़ी करने वाले नपेंगे। 


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