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एक ही पते पर चल रही थी कई कंपनियां, नोटबंदी के कुछ यूं सफेद किया गया कालाधन

बिहार में नोटबंदी के बाद करीब 3700 फर्जी कंपनियों की पहचान की है, जिन्होंने करोड़ों का कारोबार किया। इनमें से 1200 कंपनी का रजिस्ट्रेशन रद कर दिया गया।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Fri, 14 Jul 2017 01:10 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jul 2017 08:13 PM (IST)
एक ही पते पर चल रही थी कई कंपनियां, नोटबंदी के कुछ यूं सफेद किया गया कालाधन
एक ही पते पर चल रही थी कई कंपनियां, नोटबंदी के कुछ यूं सफेद किया गया कालाधन

पटना [राज्य ब्यूरो]। नोटबंदी के बाद प्रवत्र्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग ने बिहार से ऐसी 3700 फर्जी कपंनी की पहचान की है , जिन्होंने नोटबंदी के बाद करोड़ों का कारोबार किया है। इनमें करीब 1200 कंपनियों का रजिस्ट्रेशन अबतक रद किया जा चुका है जबकि बाकी की ढाई हजार कंपनियों की स्कैनिंग जारी है।

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ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में काम कर रही 3700 फर्जी कंपनियों में अधिकतर ने अपना पता पटना के एक्जीबिशन रोड और फ्रेजर रोड बताया है। जब ईडी की टीम ने कंपनियों के पते की जांच की तो पाया गया कि एक ही पते पर एक-दो नहीं बल्कि दो दर्जन कंपनियां काम कर रही हैं। वह भी एक प्रकृति के कारोबार यानी शेयर, एक्विटी और होल्डिंग के धंधे से जुड़ी हैं।

ईडी व आयकर विभाग भी आश्चर्यचकित है कि पटना जैसे शहर में जहां शेयर का कोई बड़ा कारोबार नहीं होता, वहां इतनी अधिक संख्या में फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। सूत्र बताते हैं कि इनमें अधिकतर कंपनी ने नोटबंदी के दौरान कालेधन को सफेद करने के सभी हथकंडे अपनाए हैं। इसके अलावा कई कंपनियां हवाला के कारोबार से भी जुड़ी रही हैं। 

यह रोचक है कि जांच में सभी कंपनियों के कामकाज में एक समानता पाई गई है। वह यह कि शेयर बाजार से रजिस्टर्ड इन कंपनियों द्वारा शेयर को पहले अधिक मूल्य पर खरीदा गया और बाद में उसे सस्ते दर पर बेचकर बड़ा घाटा दिखाया जाता है। इन कंपनियों का द्वारा दिखाए गए इसी घाटे से कालेधन को सफेद बनाने की कवायद की जाती है। 

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पांच से सात कंपनी का बनाया जाता है चैनल

ईडी ने अपनी जांच में यह भी पाया कि इस तरह की पांच या सात फर्जी कंपनी का एक चैनल बनाकर कालेधन को इन सभी कंपनियों से गुजारा जाता है। इनके बैंक खातों में पैसों को बारी-बारी से ट्रांसफर किया जाता है। जबकि अंत में ये पैसे उस बैंक खाते में डाल दिए जाते हैं जिस क्लाइंट का कालाधन इन फर्जी कंपनियों के माध्यम से सफेद बनाने का खेल खेला जाता है।

ईडी के सूत्र बताते हैं कि नोटबंदी के बाद देश भर में इस तरह की कुल तीन लाख कंपनियों की पहचान की गई थी, जिनमें एक लाख का रजिस्ट्रेशन रद किया जा चुका है।

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