तेजस्वी दिखे पुराने रंग में, BJP-JDU पर कही बड़ी बात, शिवानंद ने फिर दी नसीहत
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार में नए राजनीतिक समीकरण के साथ राजद की सत्ता में वापसी के कयासों को खारिज कर दिया है। कहा- जदयू या भाजपा से कोई प्रस्ताव नहीं आया है।
पटना, राज्य ब्यूरो। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार में नए राजनीतिक समीकरण के साथ राजद की सत्ता में वापसी के कयासों को खारिज कर दिया है। राजद के वरिष्ठ नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को दुविधा की राजनीति से उबरने की सलाह देते हुए तेजस्वी ने साफ कहा कि उनके पास अभी तक किसी भी दल की ओर से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है। आएगा भी या नहीं, यह भविष्य की बातें हैं।
राजद के साथ जदयू या भाजपा के आने की बात अफवाह
राजद की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए तेजस्वी ने कहा कि राजग के दोनों बड़े दलों के आपसी संबंध सहज नहीं हैं, लेकिन राजद का उनके साथ जाने की खबर महज अफवाह है। तेजस्वी ने कहा कि भाजपा एवं जदयू के रिश्ते चाहे जितने कड़वे हो जाएं, किंतु हमें राजद को मजबूत करना है। उस तरफ ध्यान नहीं देना है।
तेजस्वी ने स्वीकारी हार की जिम्मेवारी
राबड़ी देवी, रघुवंश प्रसाद, शिवानंद तिवारी, जगदानंद सिंह, मीसा भारती और तेज प्रताप यादव की मौजूदगी में तेजस्वी ने विधानसभा चुनाव में पार्टी की दशा-दिशा और तैयारियों पर भी अपनी राय रखी। राजद में बदलाव की राजनीति का संकेत देते हुए उन्होंने कहा कि हार से जीत का रास्ता निकलता है। हमें नए तरीके से राजनीति करनी होगी। अतिपिछड़े और दलितों को हर हाल में साथ लेना होगा। तेजस्वी ने हार की जिम्मेवारी स्वीकारते हुए कहा कि हर कोई लालू प्रसाद नहीं हो सकता है। फिर भी हम आपके भरोसे पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे। कमियों को दूर किया जाएगा। स्वार्थ से ऊपर उठकर सोचना होगा।
कहा- विरोधियों पर भी उनकी नजर है
तेजस्वी ने अपने विरोधियों की भी जमकर खबर ली और कहा कि उनकी सबपर नजर है। महीने भर सक्रिय नहीं रहने के बावजूद वह बेखबर नहीं हैं। कुछ लोग कह रहे थे कि मैंने इस्तीफे की पेशकश की है। हमें पता है कि ऐसी खबरें कहां से चलती हैं? कौन चलाता है? किस मकसद से चलाता है? जाहिर है, हमारी पार्टी में अनुशासन की कमी है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में फर्क होता है। हमें यह बात समझनी चाहिए।
शिवानंद ने फिर दी नसीहत
राजद के स्थापना दिवस समारोह में एक दिन पहले तेजस्वी को मांद से बाहर निकलने के लिए प्रेरित करने वाले शिवानंद तिवारी ने अपनी हिदायत शनिवार को भी जारी रखी। उन्होंने कहा कि तेजस्वी एक ही जाति के लोगों से घिरे रहते हैं, जिससे पार्टी का दायरा सिमटता जा रहा है और नेता प्रतिपक्ष पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। तेजस्वी को सबका भरोसा जीतना चाहिए। तेज प्रताप का नाम लिए बिना राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने पार्टी विरोधियों पर कार्रवाई की मांग की। जहानाबाद सीट का जिक्र करते हुए कहा कि हम वहां जीतते-जीतते हार गए। इसके लिए कौन जिम्मेदार है। क्या उस पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। कार्रवाई उन सब पर होनी चाहिए जो पार्टी का विरोध कर रहे हैं।