लॉकडाउन के बाद अब संक्रमितों की होगी पहचान
कोरोना वायरस को प्रदेश में महामारी बनने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के साथ ही संक्रमितों की पहचान जरूरी है।
पटना । कोरोना वायरस को प्रदेश में महामारी बनने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के बाद स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमितों और आशंकितों की पहचान का कार्य तेज कर दिया है। इसके लिए एक ओर पांचों सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में चार सदस्यीय तीन-तीन दल बनाए गए हैं तो दूसरी ओर अधिक से अधिक नमूनों की जांच की कवायद शुरू हो गई है। मंगलवार तक प्रदेश में जांच के एकमात्र केंद्र राजेंद्र मेमोरियल अनुसंधान संस्थान (आरएमआरआइ) में विगत दो दिनों में रिकॉर्ड 82 जांचें हुई तो बुधवार को 136 नमूने पहुंचे। आरएमआरआइ की दोनों मशीनों की अधिकतम क्षमता 192 टेस्ट प्रतिदिन की है लेकिन सामान्यत: 150 तक जांचें आसानी से हो सकती हैं। निदेशक डॉ. पीके दास के अनुसार एक और अत्याधुनिक मशीन अमेरिका से मंगाई गई है। वहीं बुधवार से आइजीआइएमएस में भी आशंकितों की जांच शुरू हो गई है। पहले दिन वहां 14 नमूनों की जांच की गई। : पीएमसीएच में जांच शुरू होने में अभी लगेंगे पांच दिन :
प्रदेश के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में बुधवार को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) से मशीन पहुंच गई है लेकिन उसे इंस्टॉल करने के लिए कोलकाता से तकनीशियन आने में दिक्कत हो रही है। प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के निर्देशानुसार तकनीशियन को रिजर्व गाड़ी कर स्थानीय प्रशासन से इमरजेंसी सेवा का पास लेकर आने को कहा गया है। वह गुरुवार शाम तक आएगा। शुक्रवार को मशीन इंस्टाल होने के बाद पुणे स्थित नेशनल वायरोलॉजी लैब वहां से किट भेजेगी। इसके बाद तकनीशियन के सहयोग से परीक्षण टेस्ट कर आरएमआरआइ और राष्ट्रीय वायरोलॉजी लैब पुणे में जांच करा उसकी क्रॉस चेकिंग की जाएगी। इसके बाद ही पीएमसीएच में विधिवत जांच शुरू होगी।
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इनसेट :
: मान्यता प्राप्त छह प्राइवेट
लैब में भी होगी जांच :
पटना : कोरोना की रोकथाम में समय पर डायग्नोसिस की महत्ता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग निजी पैथालॉजी को भी अनुमति दे रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश की छह एनएबीएल (नेशनल एक्रीडिएशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलीब्रेशन) मान्यता प्राप्त निजी पैथालॉजी सेंटर को इसकी अनुमति दी है। साथ ही इन लैब के साथ समन्वय व निगरानी की जिम्मेदारी अपर सचिव डॉ. राजीव कुमार को सौंपी है। हालांकि, डॉ. राजीव कुमार के कॉल नहीं लेने के कारण छह निजी लैब के नामों और उसके शुल्क की जानकारी नहीं हो सकी। हालांकि, केंद्रीय कैबिनेट और आइसीएमआर के निर्देशानुसार इसका शुल्क साढ़े चार से पांच हजार रुपये के बीच होगा।
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: पीएमसीएच में दो दिन बुलानी पड़ी थी पुलिस :
पीएमसीएच में सोमवार व मंगलवार को कोरोना आशंकित लोगों ने जांच नहीं होने पर हंगामा किया था। प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी व अधीक्षक डॉ. बिमल कारक ने पुलिस बुलाकर दोनों दिन लोगों को तितर-बितर किया। अधिकांश आशंकित मुंबई-पुणे से ट्रेनों से आए थे। वहीं पीएमसीएच नोडल पदाधिकारी डॉ. पूर्णानंद झा ने बताया कि आइसीएमआर के अनुसार पांच बिंदुओं की मॉर्किंग करने के बाद जांच की जाती है। अभी इतने संसाधन नहीं हैं कि जो चाहे उसकी जांच कर दी जाए। ऐसा करने पर जरूरतमंदों की जांच के समय किट खत्म हो जाएंगी। आशंकित लोग होम आइसोलेशन में रहें और यदि पांच से 14 दिन में लक्षण सामने आते हैं तो सूचना दें, उनकी जांच कराई जाएगी।