नियोजित शिक्षको के बाद अब बिहार के 40 हजार टीचर्स गए हड़ताल पर, कैसे होगी पढ़ाई
बिहार में पहले से ही नियोजित शिक्षकों की हड़ताल जारी है और अब आज से राज्य के 40 हजार शिक्षक भी हड़ताल पर जा रहे हैं। स्कूलों में अब ताले लटके रहेंगे।
पटना, जेएनएन। बिहार में नियोजित शिक्षकों की हड़ताल पहले से ही जारी है और अब राज्य के माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर मंगलवार से बिहार के माध्यमिक शिक्षक अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। बता दें कि अपनी मांगों को लेकर बिहार में नियोजित शिक्षक पहले से ही हड़ताल पर हैं।
सोमवार को संघ की ओर से दावा किया गया कि 40 हजार शिक्षक हड़ताल पर रहकर इंटर की कॉपियों के मूल्यांकन का बहिष्कार करेंगे। सातवें वेतनमान के विसंगतिपूर्ण मानकों को निरस्त करने, लेवल सात व आठ को लागू करने, सेवा शर्त, ऐच्छिक स्थानांतरण, सेवा की निरंतरता, भविष्य निधि, पेंशन और ईपीएफ की सुविधा लागू करना उनकी मुख्य मांगों में शामिल है।
राज्य के 6000 से अधिक स्कूलों में ये 40 हजार शिक्षक कार्यरत हैं, जिन्होंने दो दिन पहले ही 25 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने पहले ही धमकी दी थी कि उनकी मांगें पूरी नहीं हुई हैं, ऐसे में अब वे भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
शिक्षकों के हड़ताल पर जाने से सबसे बड़ी समस्या मैट्रिक और इंटर की परीक्षा के मूल्यांकन कार्य पर पड़ सकता है। शिक्षकों की हड़ताल पर जाने के बाद सवाल उठने लगा है कि आखिर जब भी शिक्षक परीक्षा के मूल्यांकन कार्य में सहयोग नहीं करेंगे तो कॉपियों की जांच कौन करेगा?
बता दें कि शिक्षकों ने मूल्यांकन के साथ-साथ सभी कार्यों में शिक्षकों ने असहयोग की घोषणा की है। आरोप है कि पुनरीक्षित वेतनमान से माध्यमिक शिक्षकों को वेतन प्राथमिक शिक्षक हो गया है।
मालूम हो कि इससे पहले बिहार के प्रारंभिक शिक्षकों ने भी हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी और उनकी हड़ताल पर जाने से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा में वीक्षण कार्य पर इसका खासा असर पड़ा था। शिक्षकों की हड़ताल से स्कूलों में पठन-पाठन का कार्य ठप हो गया है तो वहीं, मैट्रिक और इंटर का रिजल्ट आने में भी देरी की आशंका बनी हुई है।