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बिहार: जज ले रहे थे रिश्वत, वीडियो हुआ वायरल तो हुए निलंबित, जानिए मामला

एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज विनय कुमार मिश्रा का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल होने का मामला संज्ञान में आने के बाद भागलपुर-पटना हाइ कोर्ट प्रशासन ने जज को निलंबित कर दिया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 05:47 PM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 08:08 PM (IST)
बिहार: जज ले रहे थे रिश्वत, वीडियो हुआ वायरल तो हुए निलंबित, जानिए मामला
बिहार: जज ले रहे थे रिश्वत, वीडियो हुआ वायरल तो हुए निलंबित, जानिए मामला

पटना, जेएनएन। भागलपुर-पटना हाईकोर्ट प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भागलपुर कोर्ट के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज विनय कुमार मिश्रा को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया  है। कुछ दिनों पहले जज विनय कुमार मिश्रा का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हुआ था। इसपर प्रशासन तुरंत हरकत में आया और जज पर यह बड़ी कार्रवाई की गई है। 

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भागलपुर के एडिशनल सेशन जज-7 विनय कुमार मिश्रा को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित करने का हाइ कोर्ट का आदेश शुक्रवार दोपहर ढाई बजे भागलपुर कोर्ट पहुंचा। आदेश आने के बाद सेशन जज अपने कोर्ट से उठकर चेंबर में चले गए। वहां उन्हें हाइ कोर्ट के आदेश की जानकारी दी गई। उसके बाद वे कोर्ट के कामकाज से अलग हो गए। 

22 अगस्त को वायरल हुआ था घूसखोरी का वीडियो

एडीजे सात को भ्रष्टाचार के जिस आरोप में निलंबित किया गया है, उससे जुड़ा एक वीडियो यूट्यूब समेत सोशल मीडिया पर 22 अगस्त को वायरल हुआ था। इसी वीडियो को आधार बनाकर एडीजे सात के खिलाफ भागलपुर के लोहापट्टी निवासी व्यवसायी दीपक कुमार साह ने हाईकोर्ट के इंस्पेक्टिंग जज से 19 अगस्त को ही इसकी शिकायत की थी। इसका जिक्र व्यवसायी ने अपने फेसबुक पोस्ट में भी किया है।

जस्टिस राकेश कुमार ने उठाया था सवाल 

पटना हाइ कोर्ट में सीनियर जस्टिस राकेश कुमार की न्यायपालिका पर बेहद तल्ख टिप्पणी के बाद मुख्य न्यायाधीश ने नोटिस जारी करते हुए उनके सभी केसों की सुनवाई पर रोक लगा दी थी। जस्टिस राकेश कुमार ने न्यायपालिका से जुड़े सीनियर जजों की कार्यप्रणाली पर उठाते हुए तीखा प्रहार किया था।

हाइ कोर्ट में पूर्व आईएएस अधिकारी केपी रमैय्या की खारिज अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस राकेश कुमार ने न केवल भ्रष्ट अधिकारियों की खिंचाई की बल्कि न्यायपालिका तक को भी नहीं छोड़ा।

हाइल कोर्ट के जस्टिस राकेश कुमार ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भ्रष्टाचारियों को न्यायपालिका से ही संरक्षण मिल जाता है। इसी वजह से उसके हौसले बुलंद रहते हैं। कोर्ट ने दो घंटे में लिखाए गए ऑर्डर की प्रतिलिपि पीएमओ, कॉलेजियम, केंद्रीय कानून मंत्रालय और सीबीआई के निदेशक को अग्रसारित करने का भी आदेश दिया था।


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