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कैसा ये इश्‍क है! प्यार में गुलाब के बदले दे रहे तेजाब

क्या प्यार इस हद तक जा सकता है कि किसी पर तेजाब फेक दे। प्यार के नाम पर ये पागलपन कई लड़कियों का जीवन बर्बाद कर चुका है। प्यार में तो गुलाब देते हैं, तेजाब नहीं।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Wed, 07 Mar 2018 12:02 PM (IST)Updated: Thu, 08 Mar 2018 11:10 PM (IST)
कैसा ये इश्‍क है! प्यार में गुलाब के बदले दे रहे तेजाब
कैसा ये इश्‍क है! प्यार में गुलाब के बदले दे रहे तेजाब

पटना [रोशन कुमार राहुल]। ये कैसा इश्क है? जहां सिर्फ हासिल करने की चाहत है। किसी भी रास्ते। क्या प्यार इस हद तक जा सकता है कि किसी पर तेजाब फेक दे। प्यार के नाम पर ये पागलपन कई लड़कियों का जीवन बर्बाद कर चुका है। प्यार में तो गुलाब देते हैं, तेजाब नहीं।

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एसिड अटैक के बाद कर ली आत्‍महत्‍या

तारीख 24 सितंबर 2014। इलाका, वैशाली का सराय थाना। इंटर की पढ़ाई कर रही अलका (बदला हुआ नाम) क्लास से घर लौट रही थी। रास्ते में कुछ लफंगों ने उसके साथ बदसलूकी की। इनमें एक लड़का खुद को अलका को प्रेमी बता रहा था। अलका ने इसका विरोध किया। पहले तो उन लड़कों ने अलका को मनाने की कोशिश की। जबरदस्ती बाइक पर बिठाना चाह रहे थे। मगर, अलका ने उन मनचलों की एक नहीं चलने दी।

अलका से हारता देख उन लफंगों ने अलका के चेहरे पर तेजाब फेंक दिया। इस घटना के बाद अलका का पहले पीएमसीएच फिर दिल्ली-एम्स ले जाया गया लेकिन उसका चेहरा पूरी तरह से झुलस गया था। जब इलाज करा कर अलका घर लौटी तो उन लफंगों ने केस वापस लेने का दबाव बनाया। उन लफंगों की धमकी से परेशान अलका ने अपने शरीर में आग लगाकर आत्महत्या कर ली। चिंता की बात ये है कि तीनों आरोपित अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।

लफंगों ने प्रेम स्‍वीकार नहीं करने पर चेहरे पर फेंक दिया एसिड

साल 2012 का अक्टूबर महीना। मनेर के छितनावां गांव की चंचल घर की छत पर चैन की नींद ले रहीं थीं लेकिन उसकी जिंदगी की यह अंतिम सुकून की नींद साबित हुई। उस रात गांव के लफंगों ने छत पर आकर चंचल के ऊपर एसिड अटैक कर दिया। चंचल का चेहरा पूरी तरह से जल गया। चंचल के बगल में सो रही उसकी बहन सोनम भी आंशिक रूप से झुलस गई।

लफंगों ने चंचल और उसकी बहन सोनम पर रात में छत पर सोने के दौरान एसिड की पूरी बोतल उड़ेल दी थी। बताया जाता है उन लफंगों का प्रेम नहीं स्वीकारने की सजा चंचल को दी गई। बाद में दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। चंचल की हालत नाजुक थी। उसका चेहरा पूरी तरह से खराब हो चुका था। पिछले साल जून महीने में चंचल ने जिंदगी और मौत से लड़ते हुए दम तोड़ दिया।

'तुम मेरी नहीं हो सकती तो किसी और की भी होने नहीं दूंगा।' फिल्मों का ये डॉयलॉग रील लाइफ से रियल लाइफ में उतरता दिख रहा है। पटना में सोमवार की शाम हुई घटना इसकी ही तस्दीक करती है। जीपीओ गोलंबर के पास बाइक सवार दो बदमाशों ने बारहवीं कक्षा की छात्रा पर तेजाब फेक दिया। पीडि़ता देर शाम जीपीओ गोलंबर के समीप मामा के आने का इंतजार कर रही थी। तभी पीछे से बाइक सवार युवक आए और एकाएक उसके शरीर पर एसिड फेंक दिया।

एसिड से उसकी पीठ दाई तरफ से जल गई। इस बीच उसका मामा भी वहां पहुंच गया था। घटना के बाद बदमाशों को भागता देखकर उसने पीछा करने की कोशिश की तो उन्होंने उसपर भी एसिड फेंक दिया। एसिड से उसका चेहरा, हाथ और गर्दन आंशिक रूप से जल गए। पुलिस के अनुसार एसिड फेंकने वाला युवक लड़की का फेसबुक फ्रेंड है। उसने दो दिन पहले ही किशोरी को जान से मारने की धमकी दी थी।

धैर्य हो रहा खत्म, न सुनने की आदत नहीं

मगध महिला कॉलेज में समाजशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. बिमल कुमार बताते हैं, समाज में बढ़ रही एसिड अटैक की घटनाएं खतरनाक संकेत दे रही हैं। यह संकेत है कि समाज में नकारात्मक वृतियां उबाल मार रहीं हैं। जिस तरह से टीवी, इंटरनेट के दौर में सूचना की क्रांति हुई। हम पल भर में दुनिया की सारी जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। मनोरंजन के तमाम साधन उपलब्ध हैं।

इससे हमारे अंदर का धैर्य खत्म होता जा रहा है। हमें पल भर में परिणाम चाहिए, चाहे वह जिस रास्ते से मिले। हम तकनीक के तो बहुत करीब हो गए हैं, लेकिन समाज से दूर। इस कारण लोग भीड़ भरी दुनिया में अकेले हो गए हैं। हमें ध्यान देना होगा कि हम अपने बच्चों को कैसी परवरिश दे रहे हैं, जिससे उनकी मानसिक स्थिति इतनी घृणित होते जा रही है।

यह प्रेम तो कतई नहीं है, जिसमें सामने वाले को नुकसान पहुंचाने की चाहत हो। ये सिर्फ हासिल करने की चाहत है। जिसमें मन में भावना उठती है कि यदि वह मेरी नहीं हुई तो किसी और का नहीं होने दूंगा। यह मानसिक विकृत है। अस्वस्थ मन कह सकते हैं। जिसमें यदि सामने वाले ने प्रेम को स्वीकार नहीं किया तो उसे बर्बाद करने का विचार मन में आता है। ऐसा करने वाला शख्स पूरी तरह से मानसिक रूप से बीमार हैं।
डॉ. समीधा पांडे

जानिए क्‍या कहते हैं युवा

ऐसी वारदात से पूरी युवाओं की मंडली बदनाम होती है। प्रेम बेहद ही कोमल भावना है। यहां समर्पण चाहिए। प्रेम में सिर्फ चाहत की बात नहीं होनी चाहिए। आरोपी को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
अंशु अमन

जब तक एसिड अटैक करने वाले आरोपी को कड़ी सजा नहीं मिलती, तब तक ऐसी वारदात होती रहेगी। एसिड अटैक के आरोपी आसानी से जमानत पर बाहर निकल आते हैं।
रवि

ऐसा काम तुच्छ और बीमार मानसिकता वाले ही लोग ही कर सकते हैं। पटना के सबसे व्यस्त इलाके में ऐसी घटना होना प्रशासन के इंतजाम की भी पोल खोलता है।
मधुकर

यदि लड़की सामान्य बात पर भी मुस्कुरा दे तो उसे प्रेम समझ बैठना गलत है। प्रेम एकतरफा नहीं होना चाहिए। ऐसी वारदात वहीं लोग करते हैं, जो सिर्फ एकतरफा प्रेम कर बैठते हैं।
सुगंध प्रिया ओझा

सोशल मीडिया पर संभलकर करें दोस्ती

- सोशल मीडिया के कारण युवाओं का नेटवर्क बढ़ा है। एकतरफा प्रेम के मामले भी बढ़े हैं। ऐसे में सोशल मीडिया पर दोस्तों का नेटवर्क संभलकर कर बनाएं।

- सोशल मीडिया पर ऐसे लोगों का भरमार है, जो सिर्फ अपना निजी हित साधने के लिए लड़कियों से दोस्ती बढ़ाते हैं। ऐसे लड़कों की दोस्ती स्वीकारने से पहले उनकी प्रोफाइल अच्छी तरह चेक कर लें।

- यदि कोई प्राइवेट मैसेज पर आप से टाइम पास करने के लिए चैट करना चाह रहा है तो आप संभल जाएं। बिना जाने समझे किसी अनजाने को अपने निजी जीवन के बारे में जानकारी देना महंगा पड़ सकता है।

चैटिंग को न बनाएं टाइमपास

सोशल मीडिया पर चैटिंग को टाइमपास कतई न बनाएं। आप जिस लड़के को सामान्य दोस्त समझकर निजी जीवन की सारी बातें शेयर करती हों, मुमकिन है, वो इसे प्यार समझ बैठे। बाद में आपने उसके प्रेम को नकारा दिया तो वह आवेश में आकर गलत कदम उठा सकता है। ऐसे फेसबुक फ्रेंड की परख करें जो आपके ऑनलाइन होते ही मैसेज की भरमार करते हैं। यहां दिल से नहीं, बल्कि अपने दिमाग का इस्तेमाल करें। युवाओं की मीठी बातों के भ्रमजाल में न फंसें।


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