मानसून सत्र में विधानसभा से गायब तेजस्वी यादव, RJD पर असर डाल रही अनुपस्थिति
बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान विधानसभा से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार गायब हैं। नेतृत्व के अभाव के कारण विधानसभा की सबसे बड़ी पार्टी का तेवर कमजोर दिख रहा है।
पटना [एसए शाद]। बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में शायद यह पहला मौका है जब नेता विरोधी दल (Leader of opposition) की गैरमौजूदगी में राज्य के बजट (Budget) पर चर्चा हो रही है। विभिन्न विभागों की अनुदान मांग पर कटौती प्रस्ताव पेश कर विपक्ष सदन में अपनी बातें जोरदार ढंग से रखता है। कटौती प्रस्ताव भले ही पेश हो रहे हों, मगर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) मुख्य विपक्षी दल का तेवर नहीं दिखा पा रहा है। मानसून सत्र (Monsoon Session) के दौरान सदन की अबतक 16 बैठकें हो चुकी हैं और नेता विरोधी दल व आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बेटे तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) मात्र दो ही दिन कुछ देर के लिए दिखे हैं। तेजस्वी की अनुपस्थिति सदन में आरजेडी के तेवर पर असर डाल रही है।
बजट पर नहीं की बहस की शुरुआत
सदन में परंपरा रही है कि बजट पर दो दिवसीय बहस की शुरुआत नेता विरोधी दल के संबोधन से होती है और अंत में वित्त मंत्री सरकार का जवाब पेश करते हैं। मगर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सदन में मौजूद नहीं थे। लोकसभा चुनाव में आरजेडी की करारी हार के बाद से ही तेजस्वी यादव ने खुद को राजनीतिक गतिविधियों से अलग कर लिया था। वे कहां हैं, यह जानकारी पार्टी नहीं दे पा रही थी। सत्र आरंभ होते ही वे पटना लौटे और स्पष्ट किया कि पूर्व में लगी चोट का इलाज करा रहे थे।
आरजेडी सदस्यों के नहीं दिखे तेवर
लोकसभा चुनाव के कारण मार्च में बजट सत्र में राज्य सरकार ने केवल अपना बजट पेश किया था, उसे पारित नहीं कराया था। मानसून सत्र में यह औपचारिकता पूरी की जा रही है। बजट पर बहस के बाद विभिन्न विभागों की मांगों पर सामान्य वाद-विवाद के दौरान भी आरजेडी के सदस्यों के तेवर नहीं दिखे। हालांकि, 79 सदस्यों के साथ वह सदन में सबसे बड़ी पार्टी है।
बढिय़ा होमवर्क तक भी रहा अभाव
आरजेडी के सदस्यों के भाषण यह भी संकेत दे रहे थे कि उन्होंने किसी विषय पर बढिय़ा से होमवर्क भी नहीं किया है। गृह विभाग की मांग पर चर्चा के दौरान विपक्ष की ओर से अपराध का ग्राफ सदन में पेश कर सरकार को घेरने का प्रयास होता था। मगर ऐसा नहीं हुआ। केवल कुछ घटनाओं के उदाहरण दिए गए। हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद सदन में स्वीकार किया कि हत्या और लूट जैसे मामलों में वृद्धि हुई है।
अपराध की घटनाओं के अलावा मुजफ्फरपुर में एईएस से बड़ी संख्या में बच्चों की हुई मौत और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति के मुद्दे भी विपक्ष ने सदन में उठाए, मगर सरकार को घेरने में कामयाब नहीं रहा। दोनों ही मामलों में मुख्यमंत्री ने सदन में खुद स्थिति स्पष्ट करते हुए इन्हें आगे बहस का मुद्दा नहीं बनने दिया।
तेजस्वी की मौजूदगी बढ़ाती आरजेडी की धार
माना जा रहा है कि बढ़ते अपराध, एईएस से बच्चों की मौत और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति पर आरजेडी सदस्यों के तेवर तेजस्वी की मौजूदगी में धारदार होते। लेकिन एसा नहीं हो सका है।