बिहार में सरकारी अफसर चला रहे 'AIM' नाम की पाठशाला, पुण्य के काम में बढ़ता जा रहा कारवां
बिहार के सरकारी अफसरों की टीम ने AIM नाम से पाठशाला विकसित की है। इससे शिक्षा की बदौलत सुनहरे भविष्य का सपना देखने वाले बच्चों को निखारने की कवायद की गई है। जानें क्यों है ये पाठशाला खास।
मनोज उपाध्याय, गोपालगंज: स्कूल से वंचित गरीब परिवार के बच्चों को शिक्षा की रोशनी मिलने की उम्मीद जगी है। सरकारी अफसरों की टीम ने 'AIM' नाम से पाठशाला विकसित की है। इससे शिक्षा की बदौलत सुनहरे भविष्य का सपना देखने वाले बच्चों को निखारने की कवायद की गई है। इसे गोपालगंज जिले के निवासी आइआरटीएस (इंडियन रेलवे ट्रैफिक सर्विस) अफसर और उनकी डिप्टी कलेक्टर पत्नी तथा कई साथी आइएएस साकार करने में जुटे हैं। पाठशाला को ऑनलाइन करने की मशक्कत भी जारी है। 'AIM' का मतलब उद्देश्य है जिसका मकसद हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। एक दर्जन से ज्यादा बड़े अफसरों का कारवां बन चुका है।
मांझागढ़ के पथरा गांव निवासी जयनाथ यादव के पुत्र आइआरटीएस विजय कुमार झारखंड के चक्रधरपुर रेल डिविजन में सीनियर डीसीएम फ्रेट पद पर तैनात हैं। हाल ही में उनकी शादी उत्तर प्रदेश में डिप्टी कलेक्टर नेहा कुमारी से हुई है। शादी के बाद पत्नी के साथ अपने गांव पथरा पहुंचे विजय कुमार ने जिले के ऐसे बच्चे जो स्कूल से वंचित हैं, उनका भविष्य संवारने की पहल की है। उन्होंने अपने घर के हॉल में बच्चों के लिए पाठशाला शुरू की है। पाठशाला में दर्जनों बच्चे पढ़ रहे हैं। गांव में दो-तीन रहने के दौरान विजय कुमार तथा उनकी पत्नी नेहा कुमारी ने खुद बच्चों को पढ़ाया। गैर मौजूदगी में बच्चों को पढ़ाने के लिए तीन शिक्षकों का चयन किया गया है। पढ़ाने के लिए ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ब्रॉडबैंड कनेक्शन लिया गया है। एलईडी टीवी लग रही है। ऑनलाइन सुविधा चालू होते ही जिले के किसी भी हिस्से के बच्चे इससे जुड़ सकेंगे।
निःशुल्क कक्षा से शुरुआत
अफसर दंपती ने बताया कि आइएएस संतोष कुमार तथा डिप्टी कमांडेट सीआरपीएफ रंजन कुमार के साथ मिलकर 'AIM' पाठशाला में गरीब व स्कूल ड्रॉप आउट बच्चों के लिए नि:शुल्क कक्षा की शुरुआत की गई है। पाठशाला सुबह सात से नौ बजे तक चलती है। इसमें क्लास एक से 10 तक के बच्चे शामिल हो सकते हैं। यहां बच्चों को उनके सामान्य कोर्स के अलावा नवोदय, नेतरहाट और सैनिक स्कूल में प्रवेश की तैयारी कराने पर फोकस किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 'AIM' पाठशाला समस्तीपुर, औरंगाबाद तथा अरवल में भी चल रही है। उनकी कोशिश होगी कि आने वाले समय में इसे सभी जिले और ब्लॉक स्तर पर खोला जाए।