बिहारः पटना के एक अस्पताल ने कोरोना के नाम पर 20 घंटे में वसूले 1.15 लाख, FIR दर्ज
बिहार में कोरोना जांच के नाम पर मरीजों से वसूली के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। राजधानी के मेडी वर्ल्ड अस्पताल ने कोरोना संकट के बीच 20 घंटे के दौरान इलाज के नाम पर मरीज के स्वजन से 1.15 लाख रुपये वसूले।
जागरण संवाददाता, पटना: बिहार में कोरोना जांच के नाम पर मरीजों से वसूली के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। राजधानी के मेडी वर्ल्ड अस्पताल ने कोरोना संकट के बीच 20 घंटे के दौरान इलाज के नाम पर मरीज के स्वजन से 1.15 लाख रुपये वसूले। जिला प्रशासन ने मरीज के स्वजन की शिकायत के बाद छापेमारी कर रामकृष्ण नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन कोरोना मरीजों को भर्ती करने के लिए सक्षम प्राधिकार से बिना अनुमति के ही इलाज कर रहा था।
अस्पताल को कोविड मरीज भर्ती लेने की अनुमति नहीं
जिला प्रशासन द्वारा गठित धावा दल ने वैशाली जिले के विजय सिंह की शिकायत पर सोमवार को अस्पताल में छापेमारी की। मौके पर अस्पताल प्रबंधन ने कोई कागजात प्रस्तुत नहीं किया। मरीज के स्वजन का आरोप है कि वह 17 मई को मरीज लेकर आए थे। करीब 20 घंटे के दौरान अस्पताल ने 1.15 लाख रुपये भुगतान लिया और 50 हजार रुपये की रसीद दी। धावा दल ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की। बताया गया कि अस्पताल को कोविड मरीज भर्ती लेने की अनुमति नहीं थी। सरकार द्वारा निजी अस्पतालों के लिए तय शुल्क के हिसाब से भी 15 हजार रुपये ही 24 घंटे इलाज का खर्च लिया जा सकता था।
पारस मामले में पुलिस ने दो डॉक्टरों के दर्ज किए बयान
पारस अस्पताल में कोरोना पीडि़ता महिला से बदसुलूकी मामले में पुलिस ने काफी हद तक जांच पूरी कर ली है। पुलिस टीम ने दो डॉक्टरों सहित घटना वाले दिन आइसीयू में तैनात सभी नौ नर्सों से दोबारा पूछताछ के अलावा दो डॉक्टरों के बयान भी दर्ज किए हैं। पूछताछ की रिकॉर्डिंग के अलावा महिला के इलाज से संबंधित तमाम दस्तावेज पुलिस ने प्रशासन को सौंप दिए हैं। जिला प्रशासन की टीम तमाम साक्ष्यों व दस्तावेजों को जब्त कर ले गई। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 15 मई को महिला को अस्पताल में दाखिल करने वाले डॉ. प्रकाश सिन्हा सहित डॉ. प्रणताप दास के बयान दर्ज किए।