हैवानियत की हद पार कर गया महंत, मासूम को कैद कर पीटा
एक महंथ ने मानवता की हद को पार करते हुए दस साल के बच्चे को पहले कैद कर रखा था। उससे काम कराता था और फिर उसकी जमकर पिटाई करता था। बच्चा उसकी कैद से निकलकर पुलिस के पास पहुंचा।
By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 08 Feb 2018 02:37 PM (IST)Updated: Thu, 08 Feb 2018 03:27 PM (IST)
पूर्वी चंपारण [जेएनएन]। जिले के डुमरियाघाट थानाक्षेत्र के रमपुरवा स्थित राम जानकी मठ के महंत द्वारा उत्तर प्रदेश के एक दस साल के मासूम बच्चे के साथ अमानवीय कृत्य किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। बच्चा बुधवार की देर रात महंत की गिरफ्त से भाग निकला है। पुलिस सक्रिय हुई है और महंत को हिरासत में लिया है। बच्चे का मेडिकल कराया गया है। श्रम अधीक्षक को घटना की जानकारी दी गई है।
बताया गया है कि रमपुरवा स्थित राम जानकी मठ के महंत रामरतन दास ने उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले के बीकापुर थानाक्षेत्र के तेनुआ निवासी संतोष कुमार सिंह उर्फ पप्पू सिंह के पुत्र दीपक कुमार सिंह (10 वर्ष) को महंत ने पिछले पांच महीने से अपने मठ में कैद कर रखा था। वह बच्चे से पूरे मठ की साफ-सफाई कराता था।
यहां के अन्य कार्यों में भी उसे लगाता था। बर्तन आदि धुलने के बाद जब बच्चा थक जाता था और आराम की मुद्रा में होता था तो वह उसे बुरी तरह पीटता था।
बुधवार की रात भी सारा काम करने के बाद जब बच्चा थक गया और आराम करने लगा तो महंत ने उसे बुरी तरह पीटा। बच्चे को गंभीर चोट आई और वह दर्द से तड़पने लगा। इस बीच वह किसी तरह मठ से भाग निकला और गांव में आकर लोगों से अपने साथ हो रहे जुल्म की कहानी साझा की।
ग्रामीणों ने बच्चे के शरीर पर जख्म देखने के साथ तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्चे को अपनी अभिरक्षा में लिया और उसे इलाज के लिए केसरिया पीएचसी ले जाया गया। वहां चिकित्सकों ने बच्चे का इलाज किया। फिलहाल बच्चा बेहद कमजोर बताया गया है। उसके शरीर पर कई जगहों पर जख्म के निशान पाए गए हैं।
देर रात बच्चे की खोज संग महंत लग गया पैरवी में
स्थानीय लोगों के मुताबिक महंत को जैसे ही बच्चे के मठ से बाहर निकल जाने की जानकारी मिली महंत भागते हुए बच्चे को खोजने निकला। बच्चे की खोज करता हुआ वह स्थानीय थाने में पहुंचा और वहां अपनी बनावटी कहानी बताने लगा।
इससे पहले पुलिस को बच्चे से वास्तविक जानकारी मिल गई थी। लेकिन, महंत अपनी जान बचाने की कवायद में लगा था। पुलिस ने बच्चे की शिकायत को देखते हुए महंत को तत्काल हिरासत में ले लिया और उनसे पूछताछ चल रही है।
महंत ने कहा- बच्चे की मां से ली थी सहमति
महंत ने पुलिस को प्रारंभिक तौर पर बताया है कि दीपक को लाने के लिए उसने उसकी मां से सहमति ली थी। इसके बाद उसे मठ पर लेकर आया था। लेकिन, बच्चे ने इस बात को सिरे से खारिज किया है। बच्चे ने बताया कि वह यहां कैसे पहुंचा उसे जानकारी नहीं है। वह जब यहां आ गया तो पता चला कि वह अपने परिवार से दूर है।
बता दें कि महंत रामरतन दास भी फैजाबाद जिले के अयोध्या हनुमानगढ़ी के निवासी हैं। अब से करीब सात साल पहले उन्होंने इस मठ की कमान संभाली थी। इस बीच इससे पहले भी उनपर कई आपराधिक आरोप लगते रहे हैं।
कहा-थानाध्यक्ष ने
मामले की जांच चल रही है। घटना की सूचना जिला श्रम कार्यालय को दी गई है। श्रम विभाग के अधिकारी के आने के साथ उनके बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। महंत को फिलहाल हिरासत में रखा गया है।
अमित वर्मा, थानाध्यक्ष, डुमरियाघाट (पूर्वी चंपारण)
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