मरीज को खून चाहिए तो इस नंबर पर कीजिए वाट्सऐप मैसेज, 'ब्लड कमांडो' बचाएंगे जान
यदि किसी भी शहर में आपको अचानक खून की जरूरत पड़ जाती है तो सिर्फ एक वाट्सऐप मैसेज कीजिए। आपको खून देने के लिए 'ब्लड कमांडो' आ जायेंगे।
पटना [नीरज कुमार]। आप किसी भी शहर में हों। किसी भी अस्पताल में भर्ती हों। अगर आपको या आपके मरीज को किसी भी रक्त समूह की जरूरत है, तो 'ब्लड कमांडो' वहां मौजूद होगा। इस नेक काम को अंजाम दे रहे हैं, पटना के एएन कॉलेज के छात्र नीरज कुमार और उनकी टीम से जुड़े देश भर के 5000 सदस्य। ये सभी सदस्य वाट्सऐप ग्रुप से जुड़े हैं, जिसका नाम 'ब्लड कमांडो' है।
अस्पताल के डॉक्टर भी ग्रुप में
ब्लड कमांडो ग्रुप में देश भर के 600 से अधिक अस्पताल के डॉक्टर भी जुड़े हुए हैं। इन अस्पतालों में जैसे ही कोई लावारिस या असहाय मरीज आता है, जिन्हें खून की जरूरत होती है, तो उस अस्पताल के डॉक्टर फौरन वाट्सऐप पर मरीज के रक्त का ग्रुप और हॉस्पिटल का नाम जारी कर देते हैं। इसके बाद नीरज कुमार हॉस्पिटल के नजदीक रहने वाले 'ब्लड कमांडो' से तत्काल संपर्क करते हैं।
उस ग्रुप में शामिल नजदीकी कमांडो तुरंत अस्पताल पहुंचकर रक्तदान करता है। अगर उस शहर में संबंधित गु्रप का रक्तदाता कमांडो नहीं मिलता है, तो दूसरे शहर से रक्तदाता कमांडो भेजा जाता है। नीरज की पहल पर अब तक 5000 यूनिट ब्लड विभिन्न मरीजों को मिल चुका है।
2012 में हुई थी स्थापना
नीरज कुमार ने 2012 में ब्लड कमांडो की स्थापना की थी। उस समय वे दसवीं के छात्र थे। वे पटना के एएन कॉलेज से इंटर एवं जंतु विज्ञान से स्नातक कर चुके हैं। वर्तमान में बीएड कर रहे हैं। वे खुद भी अब तक 25 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं। उनकी कोशिश रहती है कि हर तीन माह पर रक्तदान अवश्य करें। उनके इस संकल्प को देखते हुए राज्य सरकार नीरज को पिछले चार वर्षों से लगातार सम्मानित करती आ रही है।
राष्ट्रपति कर चुके हैं सम्मानित
नीरज कुमार को राष्ट्रीय सर्विस स्कीम अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है। यह अवार्ड उसे 21 दिसंबर 2017 को नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रदान किया था। केंद्रीय मंत्री राज्यैवर्धन सिंह राठौर भी उसे नेशनल सर्विस स्कीम अवार्ड से सम्माकनित कर चुके हैं। नीरज कुमार इंटरनेशनल यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम में भारत का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं। इसके तहत वह इस वर्ष 16 जनवरी से तीन मार्च तक जापान, सिंगापुर, श्रीलंका गए थे। इस टीम में दुनिया के 11 देशों के युवा शामिल थे।
ताकि रक्त के बिना न हो किसी की मौत
नीरज का कहना है कि अब जीवन का एक ही लक्ष्य है कि रक्त के अभाव में किसी की मौत नहीं होनी चाहिए। रिसर्च से यह बात साबित हो चुकी है कि रक्तदान करने से कोई नुकसान नहीं होता लेकिन फिर भी समाज में भ्रम है कि रक्त देने से कमजोरी होती है। इससे लोग रक्तदान करने से डरते हैं। वे कहते हैं, समाज में फैले भ्रम को दूर करना और अधिक से अधिक लोगों को रक्तदान के लिए प्रोत्साहित करना ही जीवन का एकमात्र लक्ष्य है।
ब्लड कमांडो का वाट्सऐप नंबर 8539801124
-5,000 रक्तदाता और डॉक्टर जुड़े हैं वाट्सऐप ग्रुप से
-600 से अधिक अस्पतालों के डॉक्टरों का भी जुड़ाव
-5,000 यूनिट ब्लड अब तक करा चुके हैं मुहैया