ओ रे कन्हैया....किसको कहेगा तू मैया? एक बेटे की दो मांएं, जानिए
सात साल पहले गायब हुए बच्चे को यशोदा मां मिली, पालन-पोषण किया तो दूसरी मां को पता चला तो उसने हक जताया। लेकिन कन्हैया दोनों मांओं को प्यार करता है। दोनों के साथ रहता है - मनीष।
पटना [वेब डेस्क]। जैसे कन्हैया को माता देवकी ने जन्म दिया लेकिन मैया यशोदा ने पाला, इस तरह कान्हा की दो माएं थीं वैसे ही मसौढ़ी के मनीष की भी दो माएं हैं। अब वह दोनों माओं के पास रहता है। कभी यशोदा के पास तो कभी देवकी के पास।
बात पिछले महीने की है जब बाल विकास निकेतन के छात्रावास से सात साल पहले गायब मनीष को शनिवार को उसकी जन्म देने वाली मां मिली तो वह अजीब द्वंद्व में फंसा रहा। एक तरफ जन्म देने वाली, तो दूसरी ओर सात साल तक पालने वाली मां। आखिर वह रहे तो किसके साथ? कभी वह जन्म देने वाली मां की गोद में बैठ जाता, तो कभी पालने वाली मां को गमगीन देख उसके पास जाकर सुबकने लगता।
मनीष ने तब आखिरकार सात साल से बिछड़ी अपनी जन्म देने वाली मां को चुना और उसके साथ चला गया, लेकिन जाते-जाते पालनहार मां को दिलासा देता गया- आता रहूंगा, तुम्हें छोड़ कर कभी नहीं जाऊंगा।
तुम ठीक से रहना।
मनीष का सात साल से पालन-पोषण करने वाली अनिता देवी तब उसकी जुदाई बर्दाश्त नहीं कर पा रही थीं। रोते हुए कहती रही थी- मनीष को अपनी जान से अधिक प्यार और दुलार करती हूं।
उधर, उसे जन्म देने वाली मां रिंकू देवी बेटे को पाकर बहुत खुश है। सात साल से बिछड़े बेटे को पाकर चेहरा खिल गया है। वो कहती है- बेटे की तलाश के लिए न जाने कितनी मन्नतें मांगीं। भगवान की कृपा से बिछड़ा बेटा मिल गया।
लेकिन अपनी पालन करने वाली मां का चेहरा देखकर जन्म देने वाली मां के साथ गया मनीष वापस फिर पालने वाली मां के पास लौट आया। मूल रूप से जहानाबाद जिले के काको थाने के बीबीपुर गांव के किसान सुरेश प्रसाद अपनी ससुराल सोरमपुर में बस गए हैं। ललन राय उनका बेटा है। सात वर्ष पहले ललन राय का पुत्र मनीष उर्फ सुधीर मसौढ़ी के बाल विकास निकेतन के छात्रावास से गायब हो गया था। उसकी गुमशुदगी का मामला मसौढ़ी में दर्ज करायी गयी थी।
उधर, गायब मनीष नगवां गांव के अनिल साव को फुलवारीशरीफ में मिला था। तब से वह अनिल साव के साथ ही रहता था। अनिल साव की पत्नी अनिता देवी उसे अपने बेटे की तरह पाल रही थी। सात साल बाद अचानक ललन राय को जानकारी मिली कि उसका पुत्र मनीष नगवां गांव में है। इसके बाद उसने उसपर दावा किया और उसे लेने पहुंच गया।
मनीष को जन्म देने वाले माता-पिता को सौंप दिया गया, लेकिन मनीष का अपनी पालन करने वाली मां के प्रति प्यार कम नहीं हुआ और वह भागकर कभी- कभी अपनी पालनहार मां के पास आ जाता है। अब उसकी दो माएं हैं एक देवकी तो दूसरी यशोदा, मनीष को दोनों माएं प्यारी हैं, और दोनों माओं की आंखों का तारा है- मनीष।