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महीप सिंह को उदयराज सिंह स्मृति सम्मान

By Edited By: Published: Wed, 28 Nov 2012 10:01 PM (IST)Updated: Wed, 28 Nov 2012 10:03 PM (IST)

पटना : देश के जाने-माने लेखक व साहित्यकार महीप सिंह को छठवें उदयराज सिंह स्मृति पुरस्कार से विभूषित किया जाएगा। 30 नवंबर को पटना में 'नई धारा' की ओर से आयोजित एक समारोह में यह सम्मान दिया जाना है। श्री सिंह के अलावा प्रसिद्ध कवि मानिक बच्छावत (कोलकाता), रामकुमार कृषक (दिल्ली) एवं शरद सिंह (सागर)को भी नई धारा रचना सम्मान से नवाजा जाएगा। नई धारा पत्रिका के संपादक डा शिवनारायण ने बुधवार को यह जानकारी दी।

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श्री सिंह ने बताया कि नई धारा की ओर से आयोजित सातवें उदयराज सिंह स्मारक व्याख्यानमाला में महीप सिंह बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। कार्यक्रम में उनका व्याख्यान भी होगा। जिसका विषय होगा वैश्रि्वक संदर्भ में हिंदी। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व राज्यपाल प्रो सिद्धेश्वर प्रसाद करेंगे। श्री सिंह ने बताया कि इस दौरान महीप सिंह को पुरस्कृत किया जाएगा। जिसमें एक लाख रुपये की राशि एवं सम्मान पत्र दिया जाएगा। तीन अन्य कवियों को भी नई धारा रचना सम्मान दिया जाएगा।

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उदयराज सिंह का परिचय

उदयराज सिंह का जन्म सूर्यपुरा (रोहतास) राजवंश में 5 नवंबर 1921 को हुआ। अपने छात्र जीवन में ही उन्होंने 'विकास' और 'सौरभ' नामक हस्तलिखित पत्रिका का संपादन किया। वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र थे। उनकी अब तक प्रकाशित पुस्तकें हैं नवतारा, अधूरी नारी, रोहिणी, भूदानी सोनिया, कुहासा और आकृतियां। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद अशोक प्रेस की स्थापना कर नई धारा पत्रिका का संचालन प्रकाशन करने लगे, जिसके आद्य संपादक थे रामवृक्ष बेनीपुरी।

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महीप सिंह का परिचय

हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध लेखक महीप सिंह का जन्म 15 अगस्त 1930 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के एक गांव में हुआ। वहीं डीएवी कॉलेज से महीप सिंह ने एमए हिन्दी की परीक्षा उत्तीणर् की। डा महीप सिंह ने अनेक विधाओं में लिखा, लेकिन उनकी केन्द्रीय विधा कहानी है। अब तक उनके 16 कथा संग्रह, 3 उपन्यास, 2 व्यंग संग्रह तथा 2 निबंध संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं।

मानिक बच्छावत का परिचय

प्रगतिशील जीवन मूल्यों के प्रसिद्ध कवि श्री मानिक बच्छावत का जन्म 11 सितंबर 1938 को कोलकाता में हुआ। इनके पूर्वज राजस्थान के बीकानेर से कोलकाता आ बसे थे। कोलकाता विश्विद्यालय से एमए करने के बाद वे निजी व्यवसाय में सक्रिय हुए। टेक्सटाइल विशेषज्ञ श्री बच्छावत ने अपने आरंभिक दिनों में हिन्दी की लगभग सभी प्रमुख पत्रिकाओं में कला समीक्षाएं लिखी, जिनकी प्रचुर सराहना हुई। उनके चर्चित काव्य संग्रह हैं एक टुकड़ा आदमी , भीड़ का जन्म, रेत की नदी, फूल मेरे साथ हैं। इन दिनों वे साहित्यिक पत्रिका समकालीन सृजन के प्रबंध संपादक हैं।

रामकुमार कृषक का परिचय

प्रसिद्ध कवि रामकुमार का जन्म उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद के एक गांव गुलडि़या में एक अक्टूबर 1943 को हुआ। आरंभिक शिक्षा अमरोहा में तथा एमए हिन्दी की उपाधि मेरठ विश्वविद्यालय से हासिल करने के बाद वे दिल्ली में पत्रकारिता और अध्यापन से जुड़े। इन दिनों आप चर्चित पत्रिका अलाव का संपादन कर रहे हैं। संघर्षशील जनचेतना के दृष्टिसंपन्न सर्जक रामकुमार कृषक की प्रकाशित रचनाओं में गांव का राजा, बापू, ज्योति, सुर्खियों के स्याह स्याह चेहरे, नीम की पत्तियां, फिर वही आकश आदि हैं।

डा शरद सिंह का परिचय

हिन्दी की चर्चित लेखिका डा शरद सिंह का जन्म 29 नवंबर 1963 को मध्य प्रदेश के पन्ना में हुआ। आरंभ में अध्यापन से जुड़ी डा शरद बाद में पत्रकारिता और फिल्म निर्माण के पेशे से जुड़ी। डा शरद की अब तक अलग अलग भाषाओं में तीस से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। जिनमें बाबा फरीद अब नहीं आते, तीली तीली आग, छिपी हुई औरत आदि प्रमुख हैं। बच्चों के लिए भी उन्होंने कई पुस्तकों की रचना की है।

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