अस्सी और पुलिसकर्मियों पर लटकी बर्खास्तगी की तलवार
ट्रैफिक पुलिस में हुए बवाल मामले में 80 और पुलिसकर्मियों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई हो सकती है।
पटना । ट्रैफिक पुलिस में तैनात महिला आरक्षी सविता कुमारी की बीमारी से मौत के बाद न्यू पुलिस लाइन में हुए बवाल मामले में बुद्धा कॉलोनी थाने में चार केस दर्ज हुए थे। चारों का अनुसंधान एसआइटी कर रही है। एसआइटी के निशाने पर 80 और पुलिसकर्मी है, जिनकी भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। एसआइटी फुटेज के आधार पर सत्यापन कर रही है। ठोस साक्ष्य मिलने के बाद इन पर भी निलंबन या बर्खास्तगी की कार्रवाई हो सकती है। एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि अबतक के अनुसंधान की शनिवार को समीक्षा की जाएगी।
आइजी ने गठित की थी एसआइटी :
12 नवंबर को जोनल आइजी नैय्यर हसनैन खान ने चारों केसों के अनुसंधान के लिए एसआइटी का गठन किया था। एसएसपी के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम चारों केस का अनुसंधान करेगी। घटना में और कितने लोग शामिल थे उनकी भी तलाश कर रही है। इस मामले में फुटेज के आधार पर पहले ही 164 पुलिसकर्मियों की पहचान कर बर्खास्त किया जा जा चुका है। सूत्रों की मानें तो इसके अलावा 80 से अधिक पुलिसकर्मियों का नाम सामने आ रहा है, जिनकी हंगामे में कहीं न कहीं से भूमिका की बात सामने आ रही है। एसआइटी फुटेज के आधार पर ऐसे लोगों की पहचान के बाद अब सत्यापन में जुटी है। सूत्रों की मानें मामले में चार सौ अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। इसमें सिपाहियों के साथ ही कुछ पुलिस पदाधिकारियों का भी नाम सामने आ सकता है।
कई पुलिसकर्मियों ने घटना में शामिल होने से किया इंकार :
सूत्रों की मानें तो बर्खास्त और निलंबित चार दर्जन से अधिक पुलिसकर्मियों ने घटना में संलिप्तता से इंकार किया है। इनमें ज्यादातर महिला सिपाही हैं। कुछ का आरोप है कि घटना के समय भीड़ में उनकी तस्वीर आ गई, जिसके बाद कार्रवाई कर दी गई। इस मामले में कुछ पुलिसकर्मियों ने आवेदन भी सौंपे हैं।
---------
त्वरित अनुसंधान और साक्ष्यगत तरीके से चारों कांडों में दोषियों की पहचान कर दोषी पाए गए कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई हेतु एसआइटी का गठन किया गया है। हंगामा में संलिप्त एक भी आरोपित नहीं बचेगा।
- नैय्यर हसनैन खान, जोनल आइजी
--------