बिहार: छह दिनों में बने 8.50 लाख शौचालय, रोहतास सबसे आगे
बिहार में मात्र छह दिनों के अंदर 8.50 लाख शौचालय का निर्माण किया गया। 2019 तक सूबे को खुले में शौच की समस्या से मुक्त करने के लक्ष्य पाने की दिशा में यह बड़ा कदम है।
पटना [एसए शाद]। शौचालय निर्माण के मोर्चे पर बिहार ने रफ्तार पकड़ ली है। ग्रामीण विकास विभाग ने 3 अप्रैल से 8 अप्रैल तक प्रदेश में विशेष अभियान चलाया और इस दौरान रिकार्ड 8.50 लाख शौचालयों का निर्माण हुआ है। 2 अक्टूबर, 2019 तक सूबे को खुले में शौच की समस्या से मुक्त करने के लक्ष्य पाने की दिशा में यह बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मोतिहारी दौरे के दौरान इस उपलब्धि की विशेष रूप से चर्चा की।
अभियान के आरंभ होने के दो दिनों बाद ही 5 अप्रैल को लोहिया स्वच्छता अभियान के निदेशक बाला डी. मुरूगन ने एक कार्यक्रम में कहा था कि प्रदेश में शौचालय का कवरेज 41 प्रतिशत था जो दो दिनों के अभियान के बाद ही बढ़कर 49 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने इसके करीब 50 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना जताई थी। मगर 8 अप्रैल तक यह आंकड़ा 52 फीसद तक पहुंच गया।
ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि प्रदेश में 1,71,23,000 परिवार के शौचालय बनने हैं, जिसमें से 84.48 लाख परिवारों ने शौचालय बना लिया है। शेष का निर्माण तेज गति से पूरा करने की दिशा में विभाग प्रयासरत है। हम 2 अक्टूबर, 2019 तक प्रदेश को खुले में शौच की समस्या से मुक्त घोषित कर देने में अवश्य कामयाब होंगे।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2 अक्टूबर, 2014 से लेकर अबतक प्रदेश में 46 लाख शौचालय का निर्माण हुआ है। इनमें से केवल 12 लाख के लिए भुगतान हो सका है। मंत्री ने बताया कि हर वार्ड में शत-प्रतिशत शौचालय निर्माण के बाद ही भुगतान करने के नियम को पिछले माह संशोधित कर 75 प्रतिशत का मापदंड रखा गया है। अब भुगतान की प्रक्रिया तेज होगी। जल्द ही सभी लाभुकों को भुगतान कर दिया जाएगा। शौचालय निर्माण के मामले में रोहतास अभी सबसे आगे है। वहां 96 प्रतिशत कवरेज हो चुका है। मोतिहारी में 70 प्रतिशत परिवारों ने शौचालय बना लिया है।
''विशेष अभियान चलाकर लोगों को शौचालय निर्माण के प्रति प्रेरित किया गया। ग्रामीण विकास विभाग ने 2016 में जब शौचालय निर्माण का जिम्मा लिया तब सूबे में कवरेज मात्र 24 प्रतिशत था, जो बढ़कर अब 52 फीसद हो गया है। छह दिनों के विशेष अभियान में 11 प्रतिशत कवरेज बढ़ा है।''
श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री