अजब-गजब: लड़की के पेट से निकले इतने बाल और धागे कि चौंक जाएंगे आप, डॉक्टरों ने बताया रेयर बीमारी
आइजीआइएमएस में हुआ ऑपरेशन छुप-छुप कर किशोरी खाती थी बाल व जूट के बोरा के धागे रपुंजल सिंड्रोम की शिकार थी किशोरी ऐसी बीमारी को नजरअंदाज करना जानलेवा छपरा के 18 वर्षीय किशोरी के पेट से निकला डेढ़ फीट लंबा बाल व जूट के धागे का गुच्छा
पटना, जेएनएन। इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) में गैस्ट्रो सर्जरी विभाग ने रेयर बीमारी का ऑपरेशन किशोरी के पेट से 750 ग्राम के बालों एवं जूट के धागे का गुच्छा निकाला है। चिकित्सा अधीक्षक सह गैस्ट्रो सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि छपरा के गरखा निवासी किशोरी रेपुंजल नामक बीमारी से ग्रसित थी। बीते शुक्रवार को वह आइजीआइएमएस में पेट में दर्द व पेट में गांठ एक महीने से डॉ. राकेश कुमार सिंह गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के ओपीडी में दिखाई, जहां डॉक्टरों ने इंडोस्कोपी कराने की सलाह दी।
जांच के दौरान पेट में नजर आये बाल ही बाल
जांच के दौरान उसके पेट में केवल बाल ही बाल नजर आ रहे थे। खाने के नली से पाइप आगे नहीं बढ़ पाई। रिपोर्ट में ट्राइकोबेजोआर आया। इसके बाद कोरोना व अन्य जांच कराई गई। शुक्रवार की सुबह गैस्ट्रो सर्जरी विभागाध्यक्ष सह एमएस डॉ. मनीष मंडल के निर्देशन में ऑपरेशन हुआ। इसमें लगभग 750 ग्राम बाल एवं जूट का धागा निकला। पेट के अंदर खाने की थैली के आकार का बालों का गुच्छा था। इससे सटे हुए गुच्छा छोटी आंत में जूट के बोरे का पार्ट था। जो बाल की चोटी के सामान लगभग डेढ़ फीट तक घुसा हुआ था।
आधा दर्जन डॉक्टरों की टीम ने किया सफल ऑपरेशन
आइजीआइएमएस में गैस्ट्रो विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष कुमार मंडल के नेतृत्व में दो घंटे के मेहनत पर सफल ऑपरेशन किया। टीम में डॉ. राकेश कुमार सिंह, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. राकेश कुमार, डॉ. ओम प्रकाश भारती, निश्चेतना विभाग के डॉ. संजीव कुमार, डॉ. तुलिका, डॉ. सन्नी के साथ सिस्टर मधु ने दो घंटे के अथक प्रयास के पास सफल ऑपरेशन किया। मरीज स्वस्थ्य है। सभी से बातचीत कर रही है।
क्या है बीमारी
रपुंजल सिंड्रोम एक काफी रेयर बीमारी है। यह एक प्रकार का मानसिक बीमारी है। इसमें मरीज बोरा, बाल, लकड़ी आदि खाने की आदत हो जाती है। जो जानलेवा हो जाता है।