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पीपीयू में पीजी के 70 फीसद छात्र फेल, छात्रों ने बंद कराया विवि का कामकाज, लगाए बड़े-बड़े आरोप

पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के पीजी के 70 फीसद विद्यार्थी फेल हो गए हैं। इस मामले को लेकर छात्रों ने विवि पर बड़े आरोप मढ़ दिए हैं।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 08:45 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 08:45 AM (IST)
पीपीयू में पीजी के 70 फीसद छात्र फेल, छात्रों ने बंद कराया विवि का कामकाज, लगाए बड़े-बड़े आरोप
पीपीयू में पीजी के 70 फीसद छात्र फेल, छात्रों ने बंद कराया विवि का कामकाज, लगाए बड़े-बड़े आरोप

पटना, जेएनएन। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के पीजी सेमेस्टर वन में 70 फीसद विद्यार्थी फेल हो गए हैं। छात्रों ने कॉपी चेक में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए चार घंटे तक विश्वविद्यालय में हंगामा किया। छात्रों के विरोध के कारण बुधवार को विश्वविद्यालय का कामकाज पूरी तरह से प्रभावित रहा।

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अधिकारियों ने बात करने से किया मना

परीक्षार्थियों के समर्थन में छात्र जदयू के दर्जनों कार्यकर्ता भी मौजूद थे। छात्रों के आक्रोश को देखते हुए वज्रवाहन के साथ काफी संख्या में पुलिस बल विश्वविद्यालय परिसर और आसपास तैनात थे। प्रशासनिक अधिकारियों ने हस्तक्षेप कर विश्वविद्यालय पदाधिकारी और छात्रों को वार्ता के लिए तैयार किया। कुलपति प्रो. गुलाब चंद राम जायसवाल की अनुपस्थिति में प्रोवीसी प्रो. गिरीश कुमार चौधरी, डीएसडब्ल्यू सह प्रभारी रजिस्ट्रार प्रो. केके सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ. प्रवीण कुमार आदि मौजूद थे। छात्रों के आरोप के संबंध में विश्वविद्यालय के कोई भी अधिकारी ऑन रिकॉर्ड बात करने से इन्कार कर दिया। प्रोवीसी और परीक्षा नियंत्रक ने मैसेज का भी जवाब नहीं दिया।

कॉपी जांच में बड़े स्तर पर हुआ घोटाला

प्रतिनिधिमंडल में शामिल एएन कॉलेज छात्रसंघ के उपाध्यक्ष कन्हैया कौशिक ने बताया कि कॉपी जांच में बड़े स्तर पर धांधली और घोटाला हुआ है। उत्तर प्रदेश के किसी विश्वविद्यालय में कॉपी की जांच कराई गई है। इसके लिए नियम ताक पर रखकर शुल्क दिया गया है। 14 सूत्री मांग पत्र विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपा गया है। इसमें कॉपी का दोबारा मूल्यांकन के साथ-साथ कुलपति द्वारा एक जून को गोपनीय कार्य के लिए प्रभारी एफओ (फाइनेंस ऑफिसर) और परीक्षा नियंत्रक पर दबाव देकर एमए कुमार के नाम पर चार चेक से 93 लाख 44 हजार 305 रुपये की अवैध निकासी, विश्वविद्यालय में सातवें वेतनमान का नोटिफिकेशन जारी हुए बगैर कुलपति द्वारा प्रभारी एफओ पर दबाव बनाकर लाभ लेना, आरएलएसवाई कॉलेज, बख्तियारपुर में बीसीए और बीबीए में फर्जी नामांकन, मगध विवि के छात्रों को नामांकन के लिए अवसर देना, एक व दो नंबर से यूजी-पीजी के छात्रों को फेल करना व बीएड में फर्जी नामांकन आदि मामले शामिल हैं। अधिकारियों ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि अधिसंख्य मामले कुलपति से जुड़े हैं।

कॉलेज का निरीक्षण करने ओडिशा गए हैं कुलपति

पीपीयू कुलपति प्रो. गुलाब चंद राम जायसवाल आठ से 12 जनवरी तक अवकाश पर हैं। बुधवार की सुबह 11:00 बजे विश्वविद्यालय अधिकारियों को उनके अवकाश और प्रोवीसी को प्रभारी कुलपति होने की जानकारी मिली। राजभवन को आठ जनवरी की तिथि में लिखे पत्र में कुलपति प्रो. गुलाब चंद राम जायसवाल ने कहा है कि उन्हें यूजीसी की विशेषज्ञ कमेटी में शामिल किया गया है। वह धरणीधर ऑटोनोमस कॉलेज, कोंझार, ओडिशा का स्पॉट निरीक्षण करने जा रहे हैं। उनकी अनुपस्थिति में प्रोवीसी प्रभारी कुलपति का दायित्व निर्वहन करेंगे।

आधे घंटे के बाद ही प्रो-वाइस चांसलर बन गए प्रभारी कुलपति

छात्रों का हुजूम हंगामा के लिए सुबह 10:00 बजे से ही जुटने लगा था। छात्रों को 11:00 बजे बताया गया कि कुलपति अवकाश पर हैं। उन्हें डीएसडब्ल्यू सह प्रभारी रजिस्ट्रार प्रो. केके सिंह से मिलना होगा। जब मौके पर पुलिस पदाधिकारी पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि प्रभारी कुलपति के चार्ज में प्रोवीसी हैं।


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