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अभियंता-डॉक्टर की बहाली में आधे पद राज्य में पढ़े अभ्यर्थियों के लिए

नियुक्ति प्रक्रिया का अभियंता विरोध न करें।

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 11:00 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 11:00 PM (IST)
अभियंता-डॉक्टर की बहाली में आधे पद राज्य में पढ़े अभ्यर्थियों के लिए

पटना : नियुक्ति प्रक्रिया का अभियंता विरोध न करें। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) चार-पांच वर्षो में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रहा है। इंजीनियर और डॉक्टरों की नियुक्ति में तेजी लाने के लिए बिहार तकनीकी आयोग का गठन किया गया है। राज्य में सात हजार अभियंताओं के पद रिक्त हैं। डाक्टरों की बड़े पैमाने पर कमी है। आपके वेतन में कमी हो तो विरोध करें। सरकार के फैसले के साथ चलें। संविदा कर्मियों को स्थायी की तरह सभी सुविधाएं मिलेंगी। अभियंता दिवस के अवसर पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी शनिवार को बिहार अभियंत्रण सेवा संघ भवन में डॉ. मोक्षागुंडम विश्वेश्वरैया की प्रतिमा के अनावरण के बाद अभियंताओं को संबोधित कर रहे थे।

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मोदी ने कहा कि अभियंताओं की नियुक्ति अंक प्रमाणपत्र के आधार पर होगी। न लिखित परीक्षा ली जाएगी और न ही साक्षात्कार होगा। किसी भी नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करने में तीन-चार साल लग जाते हैं। अभ्यर्थी न्यायालय में चले जाते हैं और नियुक्ति प्रक्रिया रुक जाती है। राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि अभियंताओं और चिकित्सकों की बहाली में 50 फीसद सीटें बिहार के कॉलेजों से पढ़े छात्र-छात्राओं के लिए आरक्षित रहेंगी।

राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिंह के समय में बिहार में विकास हुआ। 1963 से 2005 के बीच राज्य का विकास ठप सा हो गया। कोई भी स्थायी रूप से मुख्यमंत्री के पद पर नहीं रहा। कांग्रेस के शासनकाल में मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने में रह गए। लालू प्रसाद का शासन आया तो उनका विकास से कोई वास्ता नहीं रहा। 2005 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी तो राज्य में कुछ भी नहीं था। नये सिरे से राज्य को विकास की पटरी पर लाया गया। इसमें अभियंताओं की अहम भूमिका रही है। अगर अभियंताओं को किसी प्रकार की परेशानी होती है तो उनका द्वार हमेशा खुला है, आएं बात करें। मुख्यमंत्री के समक्ष बातें रखकर समस्याएं हल होंगी। डिजिटल युग आ गया है। बिहार के अभियंता इस युग के साथ ताल से ताल मिलाकर चलें और बिहार को नयी ऊंचाइयों पर ले जाएं। इस अवसर पर भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी और ग्रामीण विकास मंत्री शैलेश कुमार ने भी अभियंताओं के हौसले को बढ़ाया। बिहार अभियंत्रण सेवा संघ के महासचिव अंजनी कुमार सिंह, अध्यक्ष अजय कुमार सिन्हा ने अभियंताओं की परेशानियों को रखा। धन्यवाद ज्ञापन उपाध्यक्ष अरुण कुमार ने किया।


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