राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य में इस वर्ष जनवरी तक अनुसूचित जाति-जनजाति कानून (एससी-एसटी एक्ट) के 48 हजार 236 कांड लंबित थे। इनमें 865 कांडों का चयन स्पीडी ट्रायल के लिए किया गया है।
जनवरी में 18 कांडों में सजा सुनाई गई है, जबकि 116 कांडों में रिहाई हुई है। नवादा, सासाराम, मोतिहारी एवं बक्सर में वर्ष 2022 में एक भी सजा नहीं सुनाई गई है।
अभियोजन निदेशक की अध्यक्षता में पिछले दिनों विशेष लोक अभियोजकों के काम की समीक्षा की गई। जिलों को लंबित कांडों के निष्पादन के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं।
समीक्षा बैठक में कहा गया कि गृह विभाग के द्वारा लगातार हो रही समीक्षा को देखते हुए महत्वपूर्ण कांडों की हर दिन मॉनीटरिंग हो रही है।
ऐसे में कांडों से जुड़ी रिपोर्ट हमेशा अप टू डेट रखी जाए। इसके लिए गृह विभाग के द्वारा विशेष आनलाइन पोर्टल भी तैयार किया गया है।
लोक अभियोजकों को अपना प्रतिवेदन सीधे आनलाइन पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है।
नालंदा, भागलपुर, दरभंगा एवं आरा में विशेष न्यायालय रिक्त
समीक्षा के दौरान बताया गया कि नालंदा, भागलपुर, दरभंगा और आरा के विशेष लोक अभियोजक के द्वारा बताया गया कि विशेष न्यायालय रिक्त है।
प्रभारी न्यायालय द्वारा सिर्फ जमानत आवेदन पर सुनवाई की जा रही है, जिसके कारण वाद का निष्पादन नहीं हो पा रहा है।
इसी तरह नवादा, सासाराम, मोतिहारी और बक्सर जिले में सजा की संख्या शून्य होने पर विशेष लोक अभियोजकों को कंटेस्टेड वादों में जल्द विचारण कराकर सजा दिलाने का प्रयास करने का निर्देश दिया गया।
बैठक में कहा गया कि प्रत्येक अभियोजक को हर माह कम से कम एक सामान्य और एक स्पीडी ट्रायल के कंटेस्टेड वाद का निष्पादन करने का निर्देश दिया गया था, जो अधिसंख्य जिलों में नहीं हो रहा है। इस पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है।
डीएम को दी जाए सुलह और सजा की सूचना
समीक्षा बैठक में निर्देश दिया गया कि अगर वादी के द्वारा सुलह कर ली गई है, तो इसकी सूचना अविलंब जिला पदाधिकारी एवं जिला कल्याण पदाधिकारी को उपलब्ध करा दी जाए।
इसी तरह आरोप गठन या सजा होने पर निर्णय की प्रति अविलंब जिला पदाधिकारी एवं जिला कल्याण पदाधिकारी को उपलब्ध कराई जाए, ताकि पीड़ित एवं उनके आश्रितों को ससमय भुगतान कराया जा सके।
सीआइडी के एएसपी मदन कुमार आनंद ने कहा कि यदि कोर्ट में सरकारी गवाह उपिस्थत नहीं होता है, तो साक्षियों की सूची सीआइडी की अभियोजन शाखा को उपलब्ध कराई जाए, ताकि गवाहों को समय से उपस्थित कराया जा सके।
विशेष लोक अभियोजकों ने मानदेय बकाया रखने की शिकायत की। इस पर कहा गया कि विधि विभाग से अनुरोध किया जाएगा।
सर्वाधिक लंबित कांड वाले जिले जिला - लंबित कांड
- मोतिहारी - 3400
- गया - 2739
- बेतिया - 2620
- सासाराम - 2340
- समस्तीपुर - 2282
सर्वाधिक सजा वाले जिले जिला - सजा की संख्या
- मुजफ्फरपुर - 05
- छपरा - 04
- अरवल व गया - 02- 02
- बांका, भागलपुर - 01-01