350वां प्रकाशोत्सव : देश-विदेश में मनाए गए प्रकाशोत्सव के लगेंगे चित्र
350वें प्रकाशोत्सव के दौरान आयोजित कार्यक्रम के सभी तस्वीर को पटना साहिब गुरुद्वारा में एक संग्रहालय बनाकर इसे संजो कर रखा जाएगा। ताकि देश दुनिया आए लोगों के लिए यह एक नजीर पेश कर सके।
पटना [जेएनएन]। दशमेश गुरु श्री गुरु गो¨वद ¨सह के 350वें प्रकाशोत्सव का शानदार आयोजन पटना साहिब के तख्त श्रीहरिमंदिर व गांधी मैदान हुआ। विश्व के कोने-कोने में प्रकाशोत्सव चर्चा का विषय रहा। बिहार का सम्मान बढ़ा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल की चहुंओर प्रशंसा हुई। गौरव के इस क्षण को नई पीढ़ी याद रखे, इसके लिए तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में एक संग्रहालय का निर्माण करने की तैयारी है।
प्रबंधक समिति के महासचिव सरदार सर¨जद्र ¨सह ने बताया कि संग्रहालय में 350वें प्रकाशोत्सव से जुड़ी हर छोटी-बड़ी याद को संग्रहित किया जाएगा। इसकी जरूरत इसलिए भी महसूस की जा रही है कि 350वें प्रकाशोत्सव की तैयारियों के दौरान 300वें प्रकाश पर्व या उससे पहले के आयोजनों की भव्यता के बारे में जानकारी जुटाने में कई व्यावहारिक समस्याओं का सामना करना पड़ा। तख्त श्री हरिमंदिर जी प्रबंधक समिति के पास न तो उन आयोजनों से जुड़े कोई दस्तावेज थे और न कोई पुख्ता प्रमाण जिसके आधार पर 350वें प्रकाशोत्सव की तैयारियों में मदद मिल सकती थी। ऐसे में प्रबंधक समिति पूरी तरह से उन लोगों के बताए अनुभवों पर निर्भर रही जो 300वें प्रकाशोत्सव के चश्मदीद थे। उस समय के अखबारों में छपी खबरों की कतरन भी मौजूदा तैयारियों में काम आई। आगे होने वाले आयोजनों के लिए 350वें प्रकाशोत्सव को नजीर बनाने की तैयारी है। राज्य सरकार भी इस काम में पूरी मदद कर रही है।
संग्रहालय में सजेगा सिखों का इतिहास
महासचिव ने बताया कि प्रस्तावित संग्रहालय का डिजाइन कुछ इस तरह तैयार किया जाएगा कि सिखों के धर्म या उनके गुरुओं के महत्व जानने और दिलचस्पी रखने वाले या फिर शोध कार्य में जुटे लोग यहां आकर लाभ उठा सकें। सिखों के गौरवशाली इतिहास को प्रदर्शित करने वाली तथा 350वें प्रकाशोत्सव व शुकराना समारोह से जुड़ी फिल्में भी दिखाई जाएंगी। 15000 वर्ग फीट वाले संग्रहालय में 12 गैलरियां बनाई जाएंगी।
देश-विदेश में मनाए गए प्रकाशोत्सव के चित्र भी लगेंगे
महासचिव ने बताया कि तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब, गांधी मैदान, बाईपास व कंगन घाट टेंट सिटी के अलावा देश के विभिन्न राज्यों व विदेशों में मनाए गए प्रकाशोत्सव की सुनहरी यादों को संजोया जाएगा। प्रकाशोत्सव के बाद पटना साहिब के भौगोलिक मानचित्र में आए बदलाव को भी चित्रों के माध्यम से दर्शाया जाएगा।