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पटना के कचरे से रोज होगा 280 मेगावाट बिजली उत्पादन

कूड़ा अब अभिशाप नहीं वरदान बन जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Oct 2018 09:32 PM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2018 09:32 PM (IST)
पटना के कचरे से रोज होगा 
280 मेगावाट बिजली उत्पादन
पटना के कचरे से रोज होगा 280 मेगावाट बिजली उत्पादन

पटना । कूड़ा अब अभिशाप नहीं वरदान बन जाएगा। अमेरिकन कंपनी एजी डाउ‌र्ट्स पटना नगर निगम के कूड़े की खरीद करेगी और उससे प्रतिदिन 280 मेगावाट बिजली उत्पादन करेगी। प्लांट की क्षमता 400 मेगावाट की होगी। डीजल, गैस और शुद्ध पानी भी तैयार करेगी। 12 माह में प्लांट बनाकर तैयार कर लेगी। 3200 करोड़ रुपये निवेश करेगी। पटना नगर निगम के महापौर सीता साहू की उपस्थिति में नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन और एजी डाउ‌र्ट्स कंपनी के प्रबंध निदेशक अजय गिरोत्रा के बीच सोमवार को एकरारनामा पर हस्ताक्षर हुए।

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महापौर ने कहा कि कचरा प्रबंधन एक समस्या बनी हुई थी। कचरा अब सोना बन जाएगा। कंपनी 770 रुपये प्रतिटन की दर से कूडे़ की खरीद करेगी। नगर निगम को कूड़े की बिक्री से एक वर्ष में 20 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त होगा। साथ ही बैरिया तक कूड़ा ले जाने में होने वाले खर्च की राशि बचेगी। इस अवसर पर नगर आयुक्त ने कहा कि 12 माह में कंपनी प्लांट तैयार करेगी। यह कंपनी भागने वाली नहीं है। पहले सरकार को प्लांट लगाने के लिए निवेश करना पड़ता था। इस प्लांट में हमलोगों को एक रुपये खर्च नहीं करना है। अमेरिकन कंपनी कंपनी को सिर्फ हमलोग सहयोग करेंगे। 3200 करोड़ खर्च कर प्लांट स्थापित करेगी। कूड़ा डंपिंग के लिए रामचक बैरिया में 75 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई है। लेकिन अमेरिकन कंपनी सिर्फ पांच एकड़ में अपना प्लांट लगाएगी। बाकी जमीन का इस्तेमाल अन्य कार्यो में किया जाएगा। अमेरिकन कंपनी ही शहर के छह स्थानों पर कूड़ा ट्रांसफर सेंटर बनाने में खर्च होने वाली राशि वाहन करेगी। नगर निगम डोर टू डोर कूड़ा उठाकर कूड़ा ट्रांसफर सेंटर पर ले जाएगा। वहां से अमेरिकन कंपनी अपने वाहन से कूड़ा को ले जाएगी तथा 770 रुपये प्रति टन कूड़े की खरीद करेगी। नगर निगम को आय भी होने लगेगा। अभी नगर निगम को कूड़ा रामचक बैरिया ले जाना पड़ता है। कूड़ा समस्या बन गया है। पटना में 700 टन प्रतिदिन कूड़ा उत्पादन होता है।

इस अवसर पर एजी डाउ‌र्ट्स के प्रबंध निदेशक अजय गिरोत्रा ने कहा ने कहा कि हम सरकार से पैसा लेकर प्लांट नहीं लगा रहे हैं। पटना में पर्याप्त मात्रा में कूड़ा है। कूड़ा से बिजली, डीजल, गैस और शुद्ध पेयजल तैयार कर कमाई कर लेंगे। पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाएंगे। कोयला का भंडार अब खत्म होने वाला है। पटना में नाले से भी बिजली उत्पादन कर सकते हैं। कचरा से भी अधिक बिजली नाले से उत्पादित होगी। नयी तकनीक के आधार पर ऐसा संभव है। पटना आ गए हैं। राज्य सरकार को जहां बिजली उत्पादन चाहिए हम तैयार हैं। दिल्ली के बाद पटना में सबसे बड़ा दूसरा केंद्र स्थापित होने जा रहा है। कंपनी की टीम शीघ्र उत्पादन केंद्र स्थल की मिट्टी जांच करेगी और उसके बाद संरचना निर्माण का कार्य प्रारंभ हो जाएगा।


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