25 साल बाद बिहार पहुंचा क्वार्टर फाइनल में
विजय हजारे ट्रॉफी वनडे क्रिकेट : अंतिम लीग में मिजोरम पर नौ विकेट से रिकॉर्ड जीत दर्ज की।
विजय हजारे ट्रॉफी वनडे क्रिकेट : अंतिम लीग में मिजोरम पर नौ विकेट से रिकॉर्ड जीत दर्ज की, अब मुंबई से मुकाबला 14 को
जागरण संवाददाता, पटना : विजय हजारे ट्रॉफी के 25 साल के इतिहास में बिहार ने पहली बार क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। गुजरात में सोमवार को नॉर्थ ईस्ट ग्रुप के अंतिम लीग में मिजोरम पर नौ विकेट से रिकॉर्ड जीत दर्ज कर बिहार ने यह उपलब्धि हासिल की। अब उसका अंतिम आठ में महामुकाबला मुंबई से 14 अक्टूबर को बेंगलुरु में होगा।
ग्रुप चरण से कभी भी आगे नहीं बढ़ा था बिहार : 17 साल बाद बीसीसीआइ के इस टूर्नामेंट में शिरकत करने वाला बिहार इसके पूर्व कभी भी ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ पाया था। लेकिन इस बार उसने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए अपने ग्रुप में आठ में से सात मैच जीत कर अपराजय रहने का गौरव हासिल किया। पुडुचेरी के खिलाफ एक मैच बारिश के कारण रद हो गया था। इस प्रकार वह 30 अंक हासिल कर ग्रुप चैंपियन बना, जबकि उत्तराखंड की टीम बिहार से दो अंक पीछे रहकर प्रतियोगिता से बाहर हो गई।
केशव ने बनाया रिकॉर्ड : बीच टूर्नामेंट से घायल प्रज्ञान ओझा के स्थान पर कप्तान बने केशव कुमार ने मिजोरम के खिलाफ चार विकेट लिए, जिससे विपक्षी टीम 83 रनों पर सिमट गई। केशव अपने राज्य का नेतृत्व करते हुए चार विकेट लेने वाले दूसरे कप्तान बने, जबकि बिहार के खिलाफ किसी टीम का यह तीसरा न्यूनतम स्कोर रहा।
नौ बल्लेबाज दोहरे अंक में नहीं पहुंचे : टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला करने का निर्णय मिजोरम का गलत साबित हुआ और माइकल के 18, अखिल राजपूत के 43 के अलावा कोई बल्लेबाज दोहरे अंक में प्रवेश नहीं कर सके। विपक्षी टीम 27.2 ओवर में 83 रन पर सिमट गई। केशव ने 7.2 ओवर में 21 रन देकर चार विकेट लिए, जबकि आशुतोष अमन ने चार ओवर में दो मेडन के साथ दो रन देकर तीन विकेट चटकाए। अनुनय को एक विकेट मिला।
विकेट से सबसे बड़ी जीत : 84 रनों का लक्ष्य बिहार के लिए मुश्किल नहीं था और हुआ भी वही। उसने महज 15.4 ओवर में एक विकेट पर 87 रन बनाकर जीत हासिल कर ली। नौ विकेट से बिहार की यह सबसे बड़ी जीत है। ओपनर कुमार मृदुल एक बार फिर फ्लाप रहे और 28 गेंदों में केवल पांच रन बना सके। इसके बाद विकास रंजन (59 रन, 50 गेंद) और बाबुल (17 रन, 16 गेंद) ने बगैर जुदा हुए बिहार को जीत दिलाते हुए क्वार्टर फाइनल में पहुंचा दिया।
1993 में रणजी वनडे टूर्नामेंट खेला जाता था, जिसका नाम बदलकर 2007-08 के सत्र में विजय हजारे ट्रॉफी किया गया। इसमें अब तक बिहार पहले चक्र से आगे नहीं बढ़ पाया था।
09 विकेट से बिहार ने पहली बार जीत दर्ज की। इसके पूर्व चार बार वह आठ विकेट से जीता था, जिसमें दो बार इसी सत्र में नगालैंड और मणिपुर को हराया।
100 के अंदर तीसरी बार बिहार ने किसी टीम को ऑल आउट किया। दो बार इस सत्र में मिजोरम को 83 रन से और सिक्किम को 46 रन से पराजित किया था।
04 विकेट कप्तान के रूप में केशव ने बिहार की ओर से लिए। इसके पूर्व केवीपी राव ने 1998 में अगरतला में त्रिपुरा के खिलाफ बिहार का नेतृत्व करते हुए 24 रन देकर पांच विकेट लिए थे।
83वें खिलाड़ी बने मनीष राय इस टूर्नामेंट में बिहार की ओर से डेब्यू करने वाले।