Black Fungus Treatment in Bihar: यूपी के युवक को भरोसा, IGIMS में बच जाएगी उसकी जान
Black Fungus Treatment in IGIMS मेरठ के ब्लैक फंगस मरीज का आइजीआइएमएस से टेलीमेडिसीन उपचार किया जा रहा है। उनमें से 26 वर्षीय युवक का दो-दो बार हो चुका है आपरेशन बावजूद मौजूद है फंगस। वह आइजीआइएमएस आना चाहता है।
पटना, जागरण संवाददाता। Black Fungus Treatment in IGIMS कोरोना संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस के कारण मेरठ के 26 वर्षीय युवक की परेशानी बढ़ते देख वहां के डाक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। मरीज के स्वजन उसे लेकर इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) आना चाहते हैं। स्वजनों ने बताया कि आइजीआइएमएस में ब्लैक फंगस के बेहतर उपचार की जानकारी मिली है। वे यहां उपचार कराना चाह रहे है, लेकिन डाक्टर अभी आने की सलाह नहीं दे रहे हैं। मरीज अंकित जैन के स्वजनों ने आइजीआइएमएस के निदेशक डा. एनआर विश्वास, चिकित्सा अधीक्षक डा. मनीष मंडल, ईएनटी विभागाध्यक्ष डा. राकेश कुमार से संपर्क किया है।
पहले आपरेशन के बाद भी ब्रेन में रह गया था फंगस
चिकित्सा अधीक्षक डा. मनीष मंडल ने बताया कि मरीज को ब्लैक फंगस होने के बाद वहां दो-दो बार आपरेशन किया गया। पहले आपरेशन के बाद एमफोटेरेसीन बी इंजेक्शन दिया गया। इसके बाद भी ब्रेन में फंगस बचा तो दोबारा आपरेशन किया गया। इसके बाद डाक्टरों ने पोसाकोनाजोल टैबलेट शुरू की। दूसरे आपरेशन के एक सप्ताह बाद से ही मरीज की परेशानी बढ़ गई। वह फिर अस्पताल गया तो डाक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए।
वेबसाइट से नंबर लेकर IGIMS से साधा संपर्क
वेबसाइट से नंबर लेकर स्वजनों ने आइजीआइएमएस में सभी से बात की। डा. मंडल ने बताया कि मरीज की रिपोर्ट देखने के बाद आइजीआइएमएस के डाक्टरों ने आनलाइन टेलीमेडिसीन से उपचार किया। इसमें यह पता चला कि मरीज का दो से तीन चौथाई ब्रेन डैमेज हो चुका है। अभी मरीज को अगले एक सप्ताह तक 10 मिलीग्राम प्रतिदिन बाडीवेट के अनुसार इंजेक्शन देना है। मरीज को हर दिन सात से 10 एमफोटेरेसिन इंजेक्शन हर दिन लगाने की जरूरत है। एक सप्ताह बाद मरीज का दोबारा चेकअप होगा।
बता दें कि ब्लैक फंगस के उपचार में आइजीआइएमएस ने कीर्तिमान स्थापित किया है। कम समय में अधिक मरीजों का सफलतापूर्वक ऑपरेशन हो चुका है। इससे मरीजों में आशा की किरण जगी है। इस कारण इस बीमारी के मरीज यहां आना चाहते हैं।