बिहारः शादी के कार्ड में दो लाइन अब कोरोना के भी नाम, बदल गए अब चाचू-मामू वाले स्लोगन
Wedding In Corona कोरोना के इस दौर में शादी विवाह समारोह का स्वरूप बदल गया है। कोरोना संक्रमण की चल रही दूसरी लहर ने हर क्षेत्र में प्रभावित किया है लेकिन शादी विवाह समारोह कुछ ज्यादा ही प्रभावित दिख रहा है।
संसू, मैरवा (सिवान): वैश्विक महामारी कोरोना के इस दौर में शादी विवाह समारोह का स्वरूप बदल गया है। कोरोना संक्रमण की चल रही दूसरी लहर ने हर क्षेत्र में प्रभावित किया है, लेकिन शादी विवाह समारोह कुछ ज्यादा ही प्रभावित दिख रहा है। कोरोना से सतर्कता ने इस समारोह के अंदाज को ही बदल दिया है। कितनी शादियां टाल दी गई हैं, लेकिन जो शादी समारोह आयोजित हो रहे हैं उसमें न बैंडबाजा न ताशा न डीजे न कोई तमाशा देखा जा रहा है। इतना ही नहीं न गाड़ी की लंबी कतारें न घोड़े की दौड़ बराती भी सीमित रिश्तेदार खास- खास वह भी नहीं दिख रहे हैं पास पास। शादी के मंडप में बैठे दूल्हा-दुल्हन के चेहरे पर मास्क देखा जा रहा है।
शादी कार्ड में कोविड जागरुकता स्लोगन
शादी कार्ड में कोरोना गाइडलाइन के पालन करने की अपील देखी जा रही है। इस में कोरोना से बचाव के स्लोगन के साथ ही साथ दो गज की दूरी का पालन करने का ही स्लोगन लिखा जा रहा है। प्रखंड के घनश्याम मठिया के विंध्याचल यादव की पुत्री कुमारी पूनम की शादी 19 मई और पुत्र गुड्डू कुमार यादव की शादी 22 मई को है। इनकी शादी कार्ड में बाल आकांक्षा के तौर पर लिखा गया है : 'ढोल है, ताशे हुए पुराने कोरोना का जमाना है, हमारे बुआ एवं चाचू की शादी में सैनिटाइजर और मास्क लगाकर आना है.... आराध्या '।
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सीमित दायरे में मांगलिक कार्यक्रम
वैवाहिक कार्यक्रम में सबसे बढिय़ा नवाचार यह है कि अब गिनती के लोगों में ही अपने घरों में शादी-विवाह कार्यक्रम को संपन्न करा रहे हैं। यह भी देखने को मिल रहा है कि ऐसे समारोह में लोग अपने सगे संबंधियों और मित्रों को आमंत्रण पत्र देते हुए प्रशासनिक निर्देशों और कोविड गाइडलाइन की बात भी बता रहे हैं। यह भी कहने से नहीं चूकते कि निर्धारित संख्या में ही समारोह का आयोजन करने की अनुमति मिली है। अगर आप सब शामिल नहीं भी हो सके तो कोई नाराजगी नहीं रहेगी।
कम हो रही शादी कार्ड की छपाई
एक प्रिंटिंग प्रेस संचालक ने बताया कि कोरोनाकाल में शादी विवाह के कार्ड बहुत ही कम छपवाए जा रहे हैं। पहले जहां एक शादी समारोह के लिए के लिए 300 से 500 कार्ड छपवाए जाते थे वहीं अब 20 से 30 कार्ड छपवाए जा रहे हैं। इनमें कुछ सरकारी कार्य और संबंधियों को देने वाले निमंत्रण पत्र शामिल रहते हैं। कई लोग 5 से 10 कार्ड ही छपवा रहे हैं ताकि समारोह की अनुमति प्राप्त करने के लिए उसका इस्तेमाल करें और कार्ड का मैटर पीडीएफ में लेकर मोबाइल से ही लोगों को भेज रहे हैं।
बरात का लुक भी बदल गया
बरात के लुक की बात की जाए तो बरात निकलने के पहले ही उन्हें वर पक्ष से मास्क उपलब्ध कराया जा रहा है, हाथों को सैनिटाइज कराए जा रहे हैं। बरात पहुंचने पर वधू पक्ष की तरफ से भी मास्क और सैनिटाइजर दिए जा रहे हैं। दांपत्य जैसे पवित्र बंधन में बंधने वाले जोड़े के लिए शादी विवाह समारोह का हर पल ङ्क्षजदगी भर के लिए यादगार होता है। ऐसे में शादी विवाह समारोह पर भी कोरोना काल में पडऩे वाला असर दांपत्य जीवन शुरू करने वालों और उनके सगे संबंधियों, दोस्तों के लिए शायद भूल पाना आसान नहीं होगा।