Women's Day 2021: सीएम नीतीश कुमार ने महिला के कहने पर लिया था बिहार में शराबबंदी का बड़ा फैसला
International Womens Day 2021 बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित प्रदेश के तमाम नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर तमाम महिलाओं को बधाई दी है। नीतीश सरकार का फोकस महिलाओं पर खास तौर पर रहता है। बिहार के अन्य नेताओं ने भी महिलाओं का बधाई दी है।
पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्क। International Women's Day 2021: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर महिलाओं को बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने अपने ट्वटिर हैंडल से एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि बिहार में महिलाओं के सशक्तीकरण को लेकर प्रदेश की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसका नतीजा है कि प्रदेश की महिलाएं अब भरपूर आत्मविश्वास के साथ समाज की तरक्की में अपना योगदान दे रही हैं। मुख्यमंत्री का पद संभालने का बाद नीतीश कुमार का शुरू से ही महिलाओं के सशक्तीकरण पर फोकस रहा है।
महिला के कहने पर ही लिया शराबबंदी का फैसला
बिहार के सीएम नीतीश कुमार अक्सर कहते रहे हैं कि उन्होंने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी का फैसला महिलाओं के कहने पर ही लिया था। शराब के कारण सबसे अधिक परेशानी और जुल्म महिलाओं को ही झेलना पड़ रहा था। प्रदेश की राजधानी पटना में एक सभा के दौरान जीविका समूह की महिलाओं ने अपना दुखड़ा मुख्यमंत्री को सुनाया था। इसके बाद उन्होंने शराबबंदी करने का मन बनाया। बाद के दौर में जीविका दीदियों से रूबरू होने के दौरान भी उन्होंने कई बार इस पर फीडबैक लिया। तमाम विरोध के बावजूद मुख्यमंत्री ने बार-बार साफ किया है कि शराबबंदी का फैसला वापस नहीं लिया जाएगा।
पटना की सभा में लिखी गई थी शराबबंदी की इबारत
पटना की इसी सभा में मुख्यमंत्री ने शराबबंदी की इबारत लिखी थी। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जुलाई 2015 में पटना की इसी सभा में कह दिया था कि अगर वे दोबारा सत्ता में लौटे तो बिहार में शराबबंदी का फैसला लागू होगा। अगले साल हुए चुनाव में उन्होंने राजद के साथ रहकर मतदाताओं का विश्वास जीता और शराबबंदी का फैसला लागू कर दिया।
लड़कियाें और महिलाओं को सशक्त करने वाले कई फैसले
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने सत्ता में आने के बाद लगातार लड़कियों को सशक्त बनाने वाले फैसले लिये। इनमें मुख्यमंत्री साइकिल योजना, मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना और मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजनाएं प्रमुख रहीं। इन योजनाओं की वजह से बिहार के स्कूलों में लड़कियों की तादाद अचानक से बढ़ी और बच्चियां पढ़ने के लिए घर से बाहर निकलने लगीं।