पटना की बेउर जेल में पांच घंटे चली छापेमारी, पहली बार देर से खोला गेट तो 10 मिनट बाद दोबारा छापा
Raid in Patna Beur Jail बिहार की राजधानी पटना की बेउर जेल में प्रशासन ने बुधवार की सुबह छापेमारी की। पहली बार की छापेमारी में कुछ नहीं मिला तो प्रशासन ने 10 मिनट के अंतराल पर दोबारा छापेमारी कर दी।
पटना, जागरण टीम। Raid in Beur Jail: बिहार की जेलों में आराम फरमा रहे अपराधी बेहद आसानी से जेल परिसर के साथ ही बाहर सड़कों पर भी वारदातों को अंजाम दिलवा रहे हैं। ऐसे कई इनपुट मिलने के बाद राज्य मुख्यालय के निर्देश पर बुधवार की सुबह प्रदेश की लगभग सभी जेलों में एक साथ छापेमारी की गई। इस दौरान सबसे ज्यादा हैरान करने वाला वाकया बिहार की राजधानी पटना स्थित आदर्श केंद्रीय कारा, बेउर से सामने आया। यहां छापेमारी करने पहुंची प्रशासन की टीम को आधा घंटे तक गेट पर ही इंतजार करना पड़ गया।
चंद मिनटों के अंतराल पर दो बार छापेमारी
आधा घंटे इंतजार कराने के बाद जब प्रशासन की टीम को अंदर दाखिल होने दिया गया, तब सघन छानबीन के बाद भी प्रशासन को कुछ भी हासिल नहीं हुआ। इससे अधिकारियों को शक हुआ। हालांकि ऐसी हालत में अधिकारी कुछ कर नहीं सकते थे, इसलिए छापेमारी को बंद कर पूरी टीम बाहर निकल गई। लेकिन टीम ने जेल प्रशासन को तगड़ा झटका देते हुए 10 मिनट के अंदर ही दूसरी बार छापेमारी कर दी। दूसरी बार की छापेमारी में प्रशासन को कई आपत्तिजनक सामान मिले हैं। दोनों बार को मिलाकर लगभग पांच घंटे तक अधिकारियों ने पुलिस बलों के साथ जेल के हर वार्ड की तलाशी ली।
राजद विधायक के वार्ड से मिला मोबाइल
दूसरी दफे जेल के अंदर छापेमारी करने पहुंची प्रशासन की टीम को राजद के विधायक विजय कृष्ण के वार्ड से मोबाइल और सिम मिलने की बात सामने आ रही है। यह भी चर्चा है कि जेल के किसी हिस्से में गांजा मिला है, हालांकि प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
नाली और जमीन को खोदकर ढूंढते रहे पुलिस वाले
छापेमारी करने पहुंची टीम ने जेल के अंदर नाले और सामने के मैदान की खोदाई तक कर डाली। टीम को अंदेशा था कि कुछ चीजें जमीन के नीचे छिपाकर रखी गई हो सकती हैं।
पहली बार में नहीं मिला कुछ तो खुद पहुंचे डीएम
पटना के डीएम चंद्रशेखर के निर्देश पर सदर एडीएम के नेतृत्व में एसएसपी और सिटी एसपी के साथ कई थानों की पुलिस सुबह के करीब पांच बजे बेउर जेल में छापेमारी के लिए पहुंची थी। इस टीम को अंदर दाखिल होने में करीब आधे घंटे लग गए। जेल प्रशासन इसके पीछे तीन लेयर की सुरक्षा होने का हवाला दे रहा है। बहरहाल अंदर गई टीम ने न सिर्फ जेल के कैदी वार्ड, बल्कि चप्पे-चप्पे को खंगाला। पहली बार की छापेमारी में कुछ नहीं मिला तो थोड़ी ही देर बाद डीएम खुद छापेमारी के लिए पहुंच गए।