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STET की परीक्षा में कदाचार करने के आरोपी 106 छात्रों को मिली राहत, मिला एक और मौका

पटना हाईकोर्ट ने एसटीईटी परीक्षा में कदाचार और कुव्यवस्था फैलाने के आरोपी छात्रों को बड़ी राहत दे दी है। उक्त परीक्षा में लेकर हंगामा करने वाले छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने तथा परीक्षा से वंचित होने वाले 106 छात्रों फिर परीक्षा में शामिल होने का मौका मिला है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 09:59 PM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 09:59 PM (IST)
STET की परीक्षा में कदाचार करने के आरोपी 106 छात्रों को मिली राहत, मिला एक और मौका
पटना हाईकोर्ट ने एसटीईटी परीक्षा में कदाचार और कुव्यवस्था फैलाने वालों को राहत दी है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

राज्य ब्यूरो पटना: पटना हाईकोर्ट ने  पिछले साल जनवरी में हुई एसटीईटी परीक्षा में कदाचार और कुव्यवस्था फैलाने के आरोपी छात्रों को बड़ी राहत दे दी है। उक्त परीक्षा में लेकर हंगामा करने वाले छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने तथा परीक्षा से वंचित होने वाले 106 छात्रों फिर परीक्षा में शामिल होने का मौका मिला है। कोर्ट ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को इन सभी 106 छात्रों के लिए तीन माह में परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया है। न्यायाधीश आशुतोष कुमार की एकलपीठ ने 11 छात्रों की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई की।

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सिलेबस से बाहर के प्रश्न पूछे जाने पर किया था हंगामा

आवेदकों की ओर से अधिवक्ता कृष्ण चंद्र ने कोर्ट को बताया कि एसटीईटी परीक्षा में सिलेबस से बाहर के प्रश्न पूछे जाने के कारण छात्रों ने हंगामा मचाया था। परीक्षा में कदाचार तथा कुव्यवस्था को लेकर गया के जिला स्कूल सेंटर के छात्रों ने उपद्रव फैला दिया था, बाद में परीक्षा समिति ने परीक्षा को रद्द कर दिया। परीक्षा समिति ने फिर से परीक्षा ली थी किंतु 106 छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें परीक्षा से निष्कासित कर दिया गया और भविष्य में एसटीईटी परीक्षा में शामिल नहीं करने का निर्णय लिया गया। वकील का कहना था कि जब परीक्षा समिति ने एसटीईटी परीक्षा को ही रद्द कर दी तो फिर इन छात्रों को परीक्षा से कैसे वंचित किया जा रहा है। उनका कहना था कि इन छात्रों को एडमिट कार्ड जारी नहीं करना न्याय संगत नहीं है।

कोर्ट के कड़े रुख के सामने टिक नहीं सके

वहीं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से 106 छात्रों को परीक्षा से निष्कासित किए जाने तथा भविष्य में होने वाली परीक्षा से वंचित करने के निर्णय को सही करार देने का भरपूर प्रयास किया गया लेकिन कोर्ट के कड़े रुख के सामने टिक नहीं सके और माना कि तीन माह के भीतर इन सभी छात्रों का पुनः परीक्षा का आयोजन किया जायेगा। कोर्ट परीक्षा समिति के निर्णय को मंजूर करते हुए अर्जी को निष्पादित कर दिया।


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