नल-जल योजना में रोड काट कर नहीं बनाने पर होगा मुकदमा, बिहार सरकार ने 15 दिनों की दी मोहलत
मुख्यमंत्री नल-जल योजना में रोड काट कर छोड़ने वाले ठीकेदारों और निर्माण एजेंसियों की अब खैर नहीं है। पंचायती राज विभाग ने हर हाल में सड़क की मरम्मत का आदेश दिया है। ऐसा नहीं करने वाले ठीकेदारों के खिलाफ स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में विकास योजनाओं का सबसे अधिक खामियाजा सड़कों को ही भुगतना पड़ता है। सड़क निर्माण एजेंसियां सड़क बनाने और उसकी मरम्मत में यूं ही काफी सुस्त रहती हैं, दूसरी तरफ दूसरे कई ऐसे विभाग हैं जो बनी-बनाई सड़कों को खोदकर या काट कर बर्बाद करने के लिए बदनाम हो चुके हैं। इसे देखते हुए सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। मुख्यमंत्री नल-जल योजना में रोड काट कर छोड़ने वाले ठीकेदारों और निर्माण एजेंसियों की अब खैर नहीं है।
ठीकेदारों को करानी होगी सड़क की मरम्मत
पंचायती राज विभाग ने हर हाल में ऐसे ठीकेदारों और निर्माण एजेंसियों को सड़क का पुनर्स्थापन यानी मरम्मत सुनिश्चित कराने का आदेश दिया है। ऐसा नहीं करने वाले ठीकेदारों के खिलाफ स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं। पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी जिलाधिकारियों, उप विकास आयुक्तों एवं मुख्य कार्यपालक पदाधिकारियों और सभी जिला पंचायत राज पदाधिकारियों को सड़कों का पुनस्र्थापन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए है। वहीं, ठीकेदारों को 15 दिनों की मोहलत देते हुए काम पूरा कराने की चेतावनी दी गई है।
योजना के प्राक्कलन में पहले से ही मरम्मत का प्रविधान
बता दें कि 50 फीसद से अधिक पंचायतों में पंचायती राज विभाग के माध्यम से वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समितियों ने नल-जल योजना पूरा किया है। विभागीय समीक्षा में सामने आया है कि वार्डों में पीसीसी पथ, बिटुमिनस पथ, पेभर ब्लॉक, सोलिंग आदि को खोद कर पाइप लाइन बिछाई गई है। पर, सड़कों को खोद कर पाइप लाइन बिछाने के बाद फिर से नहीं बनाया गया। सरकार ने दो टूक कहा है कि मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना के प्राक्कलन में क्षति के बाद मरम्मत का प्रविधान किया गया है। ऐसे में तय प्रविधान के तहत निर्माण एजेंसियां और ठीकेदारों से सड़कों की मरम्मत हरहाल में सुनिश्चित कराएं। गौरतलब है कि पंचायती राज विभाग ने 28 फरवरी तक योजना पूरा करने का लक्ष्य तय कर रखा है।