बिहार के 90 हजार सरकारी स्कूलों में लगेंगे अग्निशमन यंत्र, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दिए निर्देश
सरकार प्रदेश के 90 हजार सरकारी विद्यालयों में आपदा प्रबंधन का पुख्ता इंतजाम करने की तैयारी में जुटी है। सभी विद्यालयों में अग्निशमन यंत्र अनिवार्य कर दिया गया है और इसके लिए 20 हजार रुपये तक खर्च करने का प्रावधान है।
राज्य ब्यूरो, पटना : सरकार प्रदेश के 90 हजार सरकारी विद्यालयों में आपदा प्रबंधन का पुख्ता इंतजाम करने की तैयारी में जुटी है। सभी विद्यालयों में अग्निशमन यंत्र अनिवार्य कर दिया गया है और इसके लिए 20 हजार रुपये तक खर्च करने का प्रावधान है। वहीं, मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण, स्कूल सुरक्षा गाइडलाइन का लेखन, जागरुकता, विद्यालय आपदा प्रबंधन योजनाएं और मॉक ड्रील का आयोजन कराया जाएगा।
सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण दिलाने का निर्देश
शिक्षा विभाग ने आपदा प्रबंधन समितियों के सदस्यों और शिक्षकों को सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण दिलाने का निर्देश दिया है। विभाग की ओर से जिन विद्यालयों में आपदा प्रबंधन समितियों का गठन नहीं हुआ है उन विद्यालयों में 31 जनवरी तक समितियों का गठन सुनिश्चित कराने को कहा गया है। नए सत्र से पहले प्रत्येक विद्यालय में अग्निशमन यंत्र का इंतजाम अनिवार्य किया गया है। मौजूदा समय में प्रदेश के 34 फीसद सरकारी विद्यालयों में अग्निशमन यंत्र नहीं है।
गाइडलाइन लागू कराने का भी दिया निर्देश
शिक्षा विभाग ने विद्यालयों में सुरक्षा इंतजाम के लिए गाइडलाइन भी तैयार की है, जिसे लागू कराने का निर्देश दिया गया है। इसके मुताबिक हर सप्ताह विद्यार्थियों को आपदा प्रबंधन के बारे में जानकारी दी जाएगी, ताकि किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा या घटना होने पर सुरक्षित बचाव की जानकारी पहले से हो। विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम को सभी विद्यालयों में प्रभावी तरीके से लागू कराने और आपदा प्रबंधन समितियों के गठन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है। बताते चलें कि चौथी बार बिहार की कमान संभाल रहे नीतीश कुमार सूबे की शिक्षा व्यवस्था को लेकर पहले से ही अलर्ट हैं। पूर्व में उनके द्वारा चलाए गए कई अभियान को उन्होंने पूरा करने का निर्देश दिया है। अग्निशमन यंत्र के साथ ही मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण, स्कूल सुरक्षा गाइडलाइन का लेखन, जागरुकता, विद्यालय आपदा प्रबंधन योजनाएं और मॉक ड्रील का आयोजन कराया जाएगा।