बिहार के लोगों को है कविता की परख : कविता तिवारी
कविता की सही परख बिहार के लोगों को आती है
पटना। कविता की सही परख बिहार के लोगों को आती है। यहां के लोगों को कविता सुनने और सुनाने का बहुत शौक है। ये बातें शनिवार को दैनिक जागरण ब्रांड बिहार पेज से लाइव होते हुए कवयित्री कविता तिवारी ने कहीं। उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक किया। 'शांतमय वातावरण है, चल उठ चल, कुछ नया कर ले, मोक्ष का उपदेश देकर बोल ले लौ खोल कर..' सुनाकर लोगों की वाहवाही लूटी। उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से ही दैनिक जागरण को शुक्रिया कहा और बताया कि अब कवि सम्मेलन भी सैनिटाइज तरीके से हो। कविता के मंच से जो छिछलापन आ रहा है उसको रोका जाए, जागरण हमेशा ऐसे कवि सम्मेलन करवाते रहता है और इससे ही बाकियों को सीखना चाहिए। अपनी दूसरी कविता 'शब्दों की अपनी गरिमा हो..' सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया। इस कविता ने लोगों के अंदर देशप्रेम की भावना भर दी। प्रशंसकों की फरमाइश पर उन्होंने 'मरने के बाद भी निशानी होनी चाहिए..' सुनाकर सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया।
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इस आयोजन का वीडियो देखने के लिए दिए गए क्यूआर कोड को स्कैन कर सकते हैं।
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पटना : बच्चों में छिपी प्रतिभा को निखारने के लिए समर्पण स्पेशल स्कूल और पतंग की ओर से कोरोना से बचाव और जागरूकता थीम पर आयोजित 'कहानी और कविता लेखन प्रतियोगिता' में पूरे भारत से 245 बच्चों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता का आयोजन जूम एप से किया गया था। प्रतिभागियों ने घर बैठे एक से बढ़कर एक कविता और कहानी सुनाई। मेद्रुवी, पद्मिनी, पी लक्ष्मी, गिरधर, श्रेया राज, शिवानी, ओसिमा, पूजा अग्रवाल, नमा सोम्या, ज्योति आदि बच्चों ने बेहतर प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले सभी विजेता और उपविजेता प्रतिभागियों को ई-प्रमाण पत्र दिया जाएगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य आयुक्त निशक्तता डॉ. शिवाजी कुमार थे। विशिष्ट अतिथि और जज के रूप में डॉ. अनिल सुलभ, डॉ. अविनाश कुमार और संतोष कुमार सिन्हा ऑनलाइन उपस्थित थे। प्रतियोगिता का संचालन संदीप कुमार और धन्यवाद ज्ञापन संतोष कुमार सिन्हा ने किया।