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15 दिन में हर जिले में होगी कोरोना जांच

कोरोना को हराने के लिए सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच कराने पर जोर दे रही है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 May 2020 12:48 AM (IST)Updated: Sat, 23 May 2020 06:08 AM (IST)
15 दिन में हर जिले में होगी कोरोना जांच
15 दिन में हर जिले में होगी कोरोना जांच

पटना : कोरोना को हराने के लिए सरकार ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच कराने पर जोर दे रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल्द से जल्द कोरोना जांच की क्षमता हर दिन बढ़ाकर दस हजार करने का लक्ष्य स्वास्थ्य विभाग को दिया है। स्वास्थ्य विभाग भी इसके लिए दोहरा प्रयास कर रहा है।

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एक ओर आरटीपीसीआर (रियल टाइम पॉलीमरेज चेन रिएक्शन) विधि से जांच कर रहे सात संस्थानों में औसतन हो रही 1050 सैंपल की जांच को ग्रुप सैंपलिंग विधि से बढ़ाकर दो हजार से अधिक कर दिया है। वहीं हर जिले में ट्रूनैट विधि से जांच शुरू कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए पहले चरण में 15 मशीनें आई थीं। सात जिलों में इस विधि से जांच शुरू भी कर दी गई है। हालांकि, इसकी औसतन क्षमता अभी प्रतिदिन दस नमूनों के करीब है। ट्रूनैट मशीन से अब तक चार की रिपोर्ट आई पॉजिटिव

राज्य सरकार ने कोरोना जांच क्षमता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से 85 ट्रूनैट मशीनों की मांग की थी। पहले चरण में 15 मशीनें आनी थी, जिसमें सात मशीनें आई हैं। पावापुरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल नालंदा, कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल मधेपुरा, गया मेडिकल कॉलेज अस्पताल, सिवान, मुंगेर और मोतिहारी सदर अस्पताल, बेतिया मेडिकल कॉलेज में मशीन से जांच शुरू हो चुकी है। गया मेडिकल कॉलेज में चार की रिपोर्ट अब तक इस मशीन से पॉजिटिव आ चुकी है। सिवान, नालंदा और गया में औसतन 20 नमूने और अन्य केंद्रों पर पांच नमूनों की जांच की जा रही है।

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ऐसे काम करती है ट्रूनैट मशीन :

बैट्री ऑपरेटेड टेलीफोन के आकार की इस मशीन का पूरा नाम ट्रूनैट माइक्रो रियल टाइम पॉलीमरेज चेन रिएक्शन डिवाइस है। नोजल व थ्रोट स्वाब से यह ड्रग रजिस्टेंस ट्यूबरक्लोसिस की जांच में काम आती है। इस मशीन में कुछ संशोधन कर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने कोविड-19 की स्क्रीनिंग की अनुमति दी है। कोविड-19 की जांच के अब तक के सबसे विश्वसनीय तकनीक आरटीपीसीआर (रियल टाइम पॉलीमरेज चेन रिएक्शन) और ट्रूनैट में सिर्फ यही अंतर है कि इसमें सैंपल का आरएनए एक्सट्रैक्शन अलग से नहीं करना पड़ता है। दोनों फंक्शन साथ-साथ होते हैं। ------------------

मई के अंत 28 और मशीनें आ जाएंगी। इस मशीन का फंक्शन काफी आसान है। एक घंटे में औसतन चार सैंपल की जांच की जा सकेगी। जून के अंत तक सभी जिलों में कोरोना की जांच शुरू हो जाएगी।

संजय कुमार सिंह, प्रबंध निदेशक बीएमएसआइसीएल, पटना


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