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जीतीय बंधन से मुक्त नहीं हो रहा विवाह, प्रोत्साहन राशि के लिए 13 माह में मात्र 10 ने दिया आवेदन

अंतरजातीय विवाह करने वालों को प्रोत्साहित करने की योजना चलाई जा रही है पर आंकड़ें बताते हैं कि इस साल बामुश्किल दर्जनभर जोड़ा ही हिम्मत जुटा पाया है। जानें कैसे।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 08:38 AM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 08:38 AM (IST)
जीतीय बंधन से मुक्त नहीं हो रहा विवाह, प्रोत्साहन राशि के लिए 13 माह में मात्र 10 ने दिया आवेदन

श्रवण कुमार, पटना। जाति के बंधन से अब भी ‘विवाह’ मुक्त नहीं हो पा रहा है। सरकार के स्तर से समाज में जाति प्रथा खत्म करने के लिए भले ही अंतरजातीय विवाह करने वालों को प्रोत्साहित करने की योजना चलाई जा रही है, पर आंकड़ें बताते हैं कि इस साल बामुश्किल दर्जनभर जोड़ा ही हिम्मत जुटा पाया है। अंतरजातीय विवाह मामले में पटना इस वित्तीय वर्ष में राज्यभर में तीसरे स्थान पर है। 13 जोड़ा ने अनुदान के लिए आवेदन दिया है। सभी के आवेदन स्वीकृत कर भुगतान की प्रक्रिया में हैं। पिछले वित्तीय वर्ष में पटना में 21 जोड़ा को इस मद से राशि दी गई थी।

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इस साल बढ़ी है संख्या

हालांकि पूरे राज्य में तुलनात्मक तौर पर पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष अंतरजातीय विवाह करने वालों की संख्या बढ़ी है। वित्तीय वर्ष 2018-19 में 129 आवेदन आए थे। 128 को अनुदान का लाभ दिया गया। चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 225 आवेदन आ चुके हैं। 185 को अनुदान का लाभ दे दिया गया है। 30 का भुगतान तैयार है।

एक दिव्यांग होने पर दो और दोनों के दिव्यांग होने पर तीन लाख

मुख्यमंत्री अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान के तहत लाभार्थी को एक से तीन लाख रुपये दिए जाने का प्रावधान है। सामान्य तौर पर अंतरजातीय विवाह करने वालों को एक लाख रुपये मिलते हैं। जोड़ा में से कोई एक दिव्यांग है तो दो लाख रुपये मिलेंगे। दोनों ही दिव्यांग होंगे तो अनुदान की राशि तीन लाख हो जाएगी। सरकार के पास जो आंकड़े हैं उसके अनुसार या तो अंतरजातीय विवाह करने वालों की संख्या बहुत कम है या फिर जानकारी और जागरुकता की कमी से जोड़े आवेदन ही नहीं कर पा रहे हैं।

सादे कागज या फार्म भरकर दें सामाजिक सुरक्षा कोषांग में

समाज कल्याण निदेशालय के निदेशक राजकुमार ने बताया कि अनुदान प्राप्त करने की प्रक्रिया बेहद आसान है। सादे कागज पर या फार्म भरकर जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक को देना होता है। आवेदन के साथ विवाह निबंधन का प्रमाण, जाति व निवास प्रमाण पत्र के अलावा तस्वीर देनी होती है। जिलाधिकारी आवेदन स्वीकृत करने के पदाधिकारी होते हैं। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद निदेशालय स्तर पर प्रक्रिया पूरी कर अनुदान दे दिया जाता है। शीघ्र ही इस प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया जाएगा।


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