एनएमसीएच में हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टर, स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह प्रभावित Patna News
नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग की इमरजेंसी में भर्ती 13 वर्षीय किशोर की शनिवार दोपहर मौत के बाद बवाल में डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी है।
पटना, जेएनएन। पटना सिटी के अगमकुआं स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शनिवार को किशोर की मौत पर परिजनों और डॉक्टरों के बीच मारपीट के बाद गुस्साए जूनियर डॉक्टरों ने काम का बहिष्कार कर दिया है। जिससे अस्पताल में स्वास्थ्य सेवा बुरी तरह प्रभावित हो गई है। जूनियर डॉक्टरों के अचानक से हड़ताल पर चले जाने से अस्पताल में भर्ती गंभीर मरीजों का पलायन शुरू हो गया है, जिसे लेकर अस्पताल में भर्ती मरीज और उनके परिजनों में जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ गहरा आक्रोश देखा जा रहा है।
डॉक्टरों की मांग, दोषियों पर हो कार्रवाई
नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आपातकालीन सेवा शिशु विभाग में ताला लगा हुआ है और मरीजों को इलाज कराने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। मरीज अस्पताल के अंदर भर्ती हैं छोटे-छोटे मासूम बच्चे बुखार से तड़प रहे हैं लेकिन डॉक्टर साहब रूठे हुए हैं, जिसके कारण इलाज बच्चों का नहीं हो रहा है। डॉक्टरों की मांग है कि दोषी परिजनों पर कार्यवाई हो और डॉक्टरों की सुरक्षा का पूरा इंतजाम अस्पताल प्रशासन की ओर से किया जाए। जिसके बाद ही हड़ताल से जूनियर डॉक्टर वापस लौटेंगे। वहीं पुलिस प्रशासन ने बच्चे की मौत मामले के बाद डॉक्टर से झड़प होने के बाद बच्चे के माता-पिता को गिरफ्तार कर आलमगंज थाना में रखा है।
डेंगू से पीड़ित था किशोर
बताया जाता है कि खुसरूपुर के तिलहार निवासी हृदय सिंह का 13 वर्षीय पुत्र रजनीश कुमार जो डेंगू से पीड़ित था। पिछले 6 दिनों से अस्पताल के शिशु रोग विभाग में भर्ती था। तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। अचानक से अस्पताल का लाइन कट जाने और समय पर जनरेटर के चालू नहीं होने से रजनीश की मौत हो गई। मरीज की मौत पर गुस्साए परिजनों ने जब विरोध जताना शुरू किया और डॉक्टरों के साथ गाली गलौज की तो जूनियर डॉक्टर आक्रोशित हो गए और वे मरीज के परिजनों के साथ मारपीट शुरू कर दी।
जनरेटर चालू न होने पर मौत का आरोप
इस दौरान दोनों पक्षों के बीच शिशु रोग विभाग में जमकर मारपीट हुई। अस्पताल में तैनात महिला सुरक्षाकर्मी ने घटना की पुष्टि करते हुए मारपीट का मुख्य कारण अस्पताल में अचानक से लाइन का कटना और समय पर जनरेटर चालू नहीं होने से मरीज की मौत बताया है। अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक ने भी घटना की पुष्टि करते हुए जूनियर डॉक्टरों के साथ वार्ता किए जाने की बात दोहराई है।