शिव के प्रिय मास सावन की शुरुआत, राजधानी के मंदिरों में दर्शन को लगी कतारें Patna News
भगवान शिव के सबसे पसंदीदा महीने की शुरुआत हो गई है। सावन के पहले दिन से शिवालयों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है।
By Edited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 01:39 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 11:47 AM (IST)
पटना, जेएनएन। सावन का पावन मास आज से शुरू हो गया है। सावन के पहले दिन से शिवालयों में जलाभिषेक के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी है। भगवान शिव के जलाभिषेक और पूजन को लेकर शहर के प्रमुख शिवालयों में विशेष तैयारी की गई है। राजधानी के प्रमुख मंदिरों में पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर, बांस घाट स्थित काली मंदिर, चूड़ी मार्केट कदमकुआं, कंकड़बाग स्थित पंचशिव मंदिर, खजपुरा शिव मंदिर, जलेश्वर मंदिर कंकड़बाग आदि मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया है। एक माह तक इन मंदिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए भीड़ उमड़ती रहेगी।
30 दिनों का होगा सावन
भगवान शिव का प्रिय मास सावन बुधवार से आरंभ हो गया है। जो 30 दिनों का होगा। सावन माह का समापन 15 अगस्त को होगा। पंडित राकेश झा ने कहा कि सावन माह भगवान शिव का प्रिय मास माना गया है। इस माह में भगवान शिव की आराधना और जलाभिषेक शुभ फल देने वाला होता है। श्रद्धालु इस माह में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव चालीसा, शिव पंचाक्षर, रूद्राष्टक का पाठ कर शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। पंडित राकेश ने कहा कि मिथिला में नवविवाहिता मधुश्रावणी व्रत करती हैं। पंचमी तिथि से मधुश्रावणी की पूजा आरंभ होती है, जो पूरे 15 दिनों तक चलती है। भगवान शिव की पूजा राशि के अनुसार कर सकते हैं।
सावन मास में चार सोमवार
22 जुलाई - सावन का पहला सोमवार व्रत
29 जुलाई - सावन का दूसरा सोमवार व्रत
01 अगस्त - हरियाली अमावस्या
03 अगस्त - हरियाली तीज
05 अगस्त - सावन का तीसरा सोमवार और नाग पंचमी
12अगस्त - सावन का चौथा एवं अंतिम सोमवार व्रत
15 अगस्त - सावन माह का अंतिम दिन तथा पूर्णिमा, रक्षाबंधन
30 दिनों का होगा सावन
भगवान शिव का प्रिय मास सावन बुधवार से आरंभ हो गया है। जो 30 दिनों का होगा। सावन माह का समापन 15 अगस्त को होगा। पंडित राकेश झा ने कहा कि सावन माह भगवान शिव का प्रिय मास माना गया है। इस माह में भगवान शिव की आराधना और जलाभिषेक शुभ फल देने वाला होता है। श्रद्धालु इस माह में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिव चालीसा, शिव पंचाक्षर, रूद्राष्टक का पाठ कर शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। पंडित राकेश ने कहा कि मिथिला में नवविवाहिता मधुश्रावणी व्रत करती हैं। पंचमी तिथि से मधुश्रावणी की पूजा आरंभ होती है, जो पूरे 15 दिनों तक चलती है। भगवान शिव की पूजा राशि के अनुसार कर सकते हैं।
सावन मास में चार सोमवार
22 जुलाई - सावन का पहला सोमवार व्रत
29 जुलाई - सावन का दूसरा सोमवार व्रत
01 अगस्त - हरियाली अमावस्या
03 अगस्त - हरियाली तीज
05 अगस्त - सावन का तीसरा सोमवार और नाग पंचमी
12अगस्त - सावन का चौथा एवं अंतिम सोमवार व्रत
15 अगस्त - सावन माह का अंतिम दिन तथा पूर्णिमा, रक्षाबंधन
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