मंत्रोच्चार के बीच मिले दिल, 51 जोड़ों ने थामा एक-दूसरे का हाथ
शादी हर किसी के जीवन का यादगार लमहा होती है।
पटना। शादी हर किसी के जीवन का यादगार लमहा होती है। शादी को यादगार बनाने में घर-परिवार और समाज की अहम भागीदारी होती है। अब अगर शादी में घर-परिवार के साथ ही गांव और मोहल्ला ही नहीं शहर और प्रदेश के नामचीन और प्रतिष्ठित लोग आएं और वर-वधू को अपना आशीर्वाद दें, तो इससे खास बात क्या होगी। ऐसी ही यादगार शादी का गवाह रविवार को शहर का श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल बना। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच 51 जोड़ों ने एक-दूसरे का हाथ थामकर फेरे लिए और साथ जीने-मरने की कसमें खाई। मां वैष्णो देवी सेवा समिति के इस आयोजन में नवदंपतियों को आशीष देने के लिए राज्य के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा, विधायक नीतीन नवीन और सारेगामापा की विनर इशिता विश्वकर्मा मौजूद थीं। उपमुख्यमंत्री मोदी ने न केवल दंपतियों को आशीष दिया, बल्कि मां वैष्णो देवी सेवा समिति को इस पुनीत कार्य के लिए बधाई दी। फूलों से सजे मां वैष्णो देवी के भव्य दरबार में पद्मभूषण स्वर कोकिला ने नव विवाहित जोड़ों को आशीष देने के साथ विवाह गीत पेश कर समारोह को यादगार बना दिया। इस हसीन पल को सभी ने अपने कैमरे में कैद किया।
महाराणा प्रताप भवन से निकली बरात =
रविवार के दिन रिमझिम बारिश की फुहारों के बीच बैंड-बाजे के साथ सामूहिक विवाह में शामिल होने वाले सभी दूल्हे घोड़े पर सवार होकर अपने संगे-संबंधियों के साथ बरात लिए श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल पहुंचे, जहां पर उनका स्वागत समिति के सदस्यों ने किया। वही श्रीकृष्ण मेमोरियल में बने 51 आकर्षक मंडपों के नीचे 51 जोड़ों की शादी 51 ब्राह्माणों ने कराई। मंच पर माता वैष्णो देवी, हनुमान, भगवान शंकर की प्रतिमा के संग गणमान्य लोग सामूहिक विवाह के साक्षी बने और नवविवाहित दंपती को आशीष दिया। बरातियों का स्वागत करने के लिए शहर के प्रमुख बैंड दुर्गा, शंकर एवं मां दुर्गा बैंड ने अपनी मुफ्त सेवा दी।
गीतों के जरिए शारदा सिन्हा ने दिया आशीष -
सामूहिक विवाह को यादगार बनाने के लिए बिहार की स्वर कोकिला और पद्मभूषण शारदा सिन्हा भी पहुंचीं। उन्होंने मां वैष्णो देवी समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि ये बड़ा नेक काम है। बेटियों की शादियां कराना सबसे बड़ा पुण्य है। आर्थिक रूप से कमजोर बेटे-बेटियों को एक-एक कर चुनकर उन्हें परिणय सूत्र में बांधने का कार्य सराहनीय है। उन्होंने नवविवाहित जोड़ों को रक्तदान, देहदान जैसे नेक कार्य के लिए प्रेरित किया। उन्होंने सभी जोड़ों को आशीष देने के साथ शादी के पारंपरिक गीत 'अगे माई हरदी हरदिया दूबी पातर ने..' को पेश कर सभी का ध्यान आकर्षित किया। इसके बाद उन्होंने 'दुल्हन धीरे-धीरे चलिओ ससुर गलिया, दुल्हन सासु से बोलिया..' के जरिए दंपती को आशीष दिया। मौके पर विधायक नितिन नवीन ने भी सभी जोड़ों को आशीर्वाद दिया।
दूसरे को नई जिदंगी देना जीवन का सबसे बड़ा काम -
समारोह के दौरान वर-वधु को आशीष देने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी पहुंचे। उन्होंने समारोह के दौरान नेत्रदान, देहदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे मरने के बाद अगर शरीर किसी के लिए काम आए तो इससे बड़ी बात कुछ नहीं हो सकती। मोदी ने कई उदाहरण देते हुए कहा कि संघ के संस्थापक और मरणोपरांत भारतरत्न पाने वाले नानाजी देशमुख, बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने अपना देह दान किया था। मोदी ने कहा कि उनके मरने के बाद पार्थिव शरीर को नहीं जलाया जाएगा, बल्कि पटना मेडिकल कॉलेज को दिया जाएगा। मोदी ने समारोह में आए सभी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मरने के बाद यह शरीर मिट्टी में मिल जाता है। ऐसे में इस शरीर का दान करें, जिससे लोगों को नया जीवन मिल सके। मोदी ने कहा कि लोग अपने जीवन में अधिक से अधिक रक्तदान कर दूसरे को नई जिदंगी प्रदान करें। मोदी ने जीते जी रक्तदान और मरने के बाद नेत्रदान और देहदान पर बल दिया।
सामाजिक कार्यो के लिए सुशील मोदी हुए सम्मानित -
समारोह के दौरान मां वैष्णो देवी सेवा समिति की ओर से समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया। सम्मान पाने वालों में सुप्रसिद्ध गायिका पद्मभूषण शारदा सिन्हा, अंतरराष्ट्रीय रग्बी खिलाड़ी श्वेता शाही, समाजसेवी आनंद दत्ता एवं टीम, सोशल मीडिया के लिए गुड्डू खेतान, कला एवं संस्कृति के लिए पवन कुमार एवं वरिष्ठ पत्रकार संजय सिन्हा को सम्मानित किया गया। वही अपनी पत्नी के मरने के बाद उनका देहदान करने वाले उत्पल सेन एवं अपने बेटे का देहदान करने वाले शशिभूषण को मोदी ने सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान आंखों की नई रोशनी पाने वाले सन्नी, विशाल एवं सविता को भी सम्मानित किया गया है, जिन्हें आंखों की रोशनी दूसरे लोगों के नेत्रदान करने से मिली है।
गीतों से गुलजार रहा परिसर -
समारोह में चार-चांद लगाने एवं नेत्रदान का संदेश देने के लिए युवा गायिका इशिता विश्वकर्मा और नेत्रहीन गायक दिवाकर शर्मा ने अपने आवाज से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के दौरान इशिता ने 'माई तेरी चुनरी लहराए..' को पेश कर तालियां बटोरीं। वही इसके बाद इशिता और दिवाकर शर्मा ने कई सदाबहार गीतों को पेश कर समारोह को यादगार बना दिया। वही नवविवाहित दंपतियों को मां वैष्णो देवी सेवा समिति की ओर से राशन पानी और कई उपहार दिए गए। रोटरी चाणक्या और लायंस इंटरनेशनल की ओर से लड़कियों को सिलाई मशीन एवं लड़कों को साइकिल दी गई। समारोह को सफल बनाने में समिति के अध्यक्ष सुशील सुंदरका, सचिव कमलेश कुमार सिंह, कोषाध्यक्ष सतीश अग्रवाल, अरविंद आंनद, जगजीवन सिंह, मुकेश हिसारिया, कन्हैया अग्रवाल, जितेंद्र जीतू, गोपी तुलसीयान, प्रदीप अग्रवाल, आलोक अग्रवाल, राजेश बजाज, मनीष बनेटिया, संजय, सतीश खेमानी, एमपी जैन, राजेश बजाज, श्रवण टिबरेवाल, सुनील गोयल, पंकज लहुरका, उमेश कुमार, कन्हैया लाल सिंघल, पंडित चंद्रमोहन भट्ट, अरविंद सर्राफ, दिलीप अग्रवाल, विनय बजाज, राजीव कुमार, श्रवण, मोहन सर्राफ, महेश कुमार का सहयोग रहा।