क्लोन चेक गिरोह में शामिल हैं छह जालसाज, रकम RTGS होने पर 10% मिलता कमीशन: Patna News
कॉलेज ऑफ कॉमर्स परिसर में स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में दो क्लोन चेक आने के मामले में पुलिस ने एक आरोपित से की पूछताछ में कई राज खोले हैं।
By Edited By: Published: Wed, 19 Jun 2019 01:55 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jun 2019 08:42 AM (IST)
पटना, जेएनएन। कॉलेज ऑफ कॉमर्स परिसर में स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में दो क्लोन चेक से साढ़े चार करोड़ रुपये फर्जी ढंग से आरटीजीएस कराने के दौरान गिरफ्तार जालसाज राजकुमार राज को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। सिटी एसपी जितेंद्र कुमार ने बताया कि मामले की जांच एसआइटी कर रही है। एसआइटी राजकुमार के बारे में सत्यापन करने झारखंड के जामताड़ा गई थी।
जालसाज के परिजनों से पूछताछ हुई तो पता चला कि वह पिछले कई महीनों से घर नहीं आया और रांची में रह रहा था। रविवार की रात रांची से आया था राजकुमार राजकुमार रविवार की रात की दोनों क्लोन चेक लेकर अपने चार साथियों के साथ पटना आया था। चेक बैंक में जमा करने के बाद आरटीजीएस होने पर उसे रकम का 10 फीसद कमीशन मिलता था। जांच में पता चला कि एक क्लोन चेक से साढ़े तीन करोड़ रुपये दिल्ली और दूसरे क्लोन चेक से पुणे में आरटीजीएस कराना था।
पुलिस टीम दोनों खातों की जांच करने के लिए दिल्ली और पुणे जाएगी। पुलिस की एक टीम रांची में छापेमारी कर रही है। अब तक जांच में पता चला है कि पीरबहोर थाना क्षेत्र में पूर्व में चेक क्लोनिंग पर 14 लाख रुपये की निकासी में भी इस गिरोह का हाथ है। सीसीटीवी फुटेज में राजकुमार के साथ दिखे चार अन्य पुलिस बैंक और बैंक के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज का खंगाला। फुटेज में राजकुमार के साथ चार अन्य लोग भी दिखे। एक युवक जेब से निकालकर दो चेक राजकुमार को देते दिख रहा है।
पत्रकारनगर थाना पुलिस की मानें तो जालसाज ने पूछताछ में कई अहम जानकारियां दी थीं, जिसमें पता चला है कि गिरोह का साथ कुछ बैंककर्मी और टेलीकॉम कंपनी के कर्मी भी दे रहे हैं। थानेदार ने बताया कि जब राजकुमार दोनों क्लोन चेक लेकर बैंक के शाखा प्रबंधक से मिला तो वह चेक का मिलान किये। राजकुमार और उसके गिरोह को शायद इस बात की जानकारी नहीं थी कि पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी को जारी चेक पर एक नंबर जारी नहीं किया गया था, जो सामान्य चेक पर होता है।इससे शाखा प्रबंधक को संदेह हुआ।
जालसाज के परिजनों से पूछताछ हुई तो पता चला कि वह पिछले कई महीनों से घर नहीं आया और रांची में रह रहा था। रविवार की रात रांची से आया था राजकुमार राजकुमार रविवार की रात की दोनों क्लोन चेक लेकर अपने चार साथियों के साथ पटना आया था। चेक बैंक में जमा करने के बाद आरटीजीएस होने पर उसे रकम का 10 फीसद कमीशन मिलता था। जांच में पता चला कि एक क्लोन चेक से साढ़े तीन करोड़ रुपये दिल्ली और दूसरे क्लोन चेक से पुणे में आरटीजीएस कराना था।
पुलिस टीम दोनों खातों की जांच करने के लिए दिल्ली और पुणे जाएगी। पुलिस की एक टीम रांची में छापेमारी कर रही है। अब तक जांच में पता चला है कि पीरबहोर थाना क्षेत्र में पूर्व में चेक क्लोनिंग पर 14 लाख रुपये की निकासी में भी इस गिरोह का हाथ है। सीसीटीवी फुटेज में राजकुमार के साथ दिखे चार अन्य पुलिस बैंक और बैंक के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज का खंगाला। फुटेज में राजकुमार के साथ चार अन्य लोग भी दिखे। एक युवक जेब से निकालकर दो चेक राजकुमार को देते दिख रहा है।
पत्रकारनगर थाना पुलिस की मानें तो जालसाज ने पूछताछ में कई अहम जानकारियां दी थीं, जिसमें पता चला है कि गिरोह का साथ कुछ बैंककर्मी और टेलीकॉम कंपनी के कर्मी भी दे रहे हैं। थानेदार ने बताया कि जब राजकुमार दोनों क्लोन चेक लेकर बैंक के शाखा प्रबंधक से मिला तो वह चेक का मिलान किये। राजकुमार और उसके गिरोह को शायद इस बात की जानकारी नहीं थी कि पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी को जारी चेक पर एक नंबर जारी नहीं किया गया था, जो सामान्य चेक पर होता है।इससे शाखा प्रबंधक को संदेह हुआ।
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