क्राइम का नया ट्रेंड: पटना में चाय-पकौड़े से दोस्ती, फिर झांसा देकर ढाई करोड़ की ठगी
महिलाओं से मीठी-मीठी बातें करके दोस्ती करती फिर घर में बैठकर चाय-पकौड़े खातीं। विश्वास में लेने के बाद करीब दो दर्जन से अधिक महिलाओं से ढाई करोड़ रुपये की ठगी कर ली।
By Rajesh ThakurEdited By: Published: Wed, 15 May 2019 05:05 PM (IST)Updated: Wed, 15 May 2019 07:57 PM (IST)
पटना, जेएनएन। महिलाओं से मीठी-मीठी बातें करके दोस्ती करती, फिर उनके घर में बैठकर चाय-पकौड़े खातीं। इस तरह विश्वास में लेने के बाद करीब दो दर्जन से अधिक महिलाओं को ढाई करोड़ रुपये का चूना लगाने का मामला सामने आया है। दो महीने में रकम से 20 फीसद अधिक देने का झांसा देकर रुपये वसूले गए। घटना पटना के राजीव नगर थाना क्षेत्र के रोड नंबर 21 की है। ठगी का अहसास होने पर पीडि़त महिलाएं दो दिन से अपने पैसे वापस लेने के लिए आरोपित महिला के घर का चक्कर लगा रही हैं। पीडि़त महिलाओं ने राजीव नगर थाने में लिखित शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
झांसे में फंसे सब्जी वाले से लेकर इंजीनियर और शिक्षक
पीडि़त महिलाओं ने बताया कि केसरी नंबर रोड नंबर निवासी चंद्रकला और उसके पति धर्मवीर कुमार दोनों मिलकर अर्पण एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी नाम से एक संस्था चलाते हैं। रोड नंबर 23 निवासी पीडि़त गीता ने बताया कि सबसे पहली उसकी मुलाकात इनसे हुई थी।
दोस्ती कर पहुंच जाती थी घर
गीता ने बताया कि वह मोहल्ले में किसी भी महिला से दोस्ती कर लेती थी और बातचीत करते-करते घर तक पहुंच जाती थी। फिर महिलाओं को प्रलोभन देती कि मुझे एक लाख रुपये दीजिएगा तो 60 दिनों में एक लाख 20 हजार रुपये मिलेंगे। यह लाभ सरकारी योजना के तहत है।
20 फीसद अधिक रकम देने का झांसा
उसने बताया कि करीब छह माह पूर्व मोहल्ले की एक दर्जन महिलाओं से पांच से 10 हजार रुपए ली और दो महीने में सभी को 20 फीसद बढ़ाकर रकम भी वापस करती रही। इससे मुहल्ले की महिलाओं का उस पर भरोसा बढ़ते गया। चंद्रकला और उसके संस्था से सब्जी वाली से लेकर इंजीनियर की पत्नी, रिटायर्ड अध्यापिका सहित करीब 25 महिलाएं जुड़ गईं।
चेक हो गया बाउंस
चंद्रकला के झांसे में फंसकर राजीव नगर निवासी गीता कुमार ने आठ लाख रुपये, रीना देवी ने नौ लाख, इंदु देवी ने दो लाख रुपये, अर्पणा कुमारी ने सात लाख रुपये, अंजलि कुमारी ने सात लाख रुपये, साधना कुमारी ने 12 लाख, रुचि रंजन ने 13 लाख रुपये, शिवानी ने 10 लाख रुपये, तारकेश्वर देवी ने 10 लाख रुपये, सोनी कुमारी ने नौ लाख रुपये, काजल कुमारी ने 18 लाख रुपये, संतोषी देवी ने तीन लाख और सराफा कारोबारी ने भी तीन लाख रुपये दिए।
पैसा लौटाने की बारी आई तो मुकर गई
महिलाओं का आरोप है कि तीन महीने बाद जब पैसे देने की बारी आई तो चन्द्रकला मुकर गई। अब तो वह अपने घर भी नहीं मिलती। संदेह तब यकीन में बदल गया जब चंद्रकला द्वारा दिए गए सभी चेक बैंक मेंं बाउंस हो गए। यहां तक कि चेक पर हस्ताक्षर भी फर्जी निकला।
झांसे में फंसे सब्जी वाले से लेकर इंजीनियर और शिक्षक
पीडि़त महिलाओं ने बताया कि केसरी नंबर रोड नंबर निवासी चंद्रकला और उसके पति धर्मवीर कुमार दोनों मिलकर अर्पण एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी नाम से एक संस्था चलाते हैं। रोड नंबर 23 निवासी पीडि़त गीता ने बताया कि सबसे पहली उसकी मुलाकात इनसे हुई थी।
दोस्ती कर पहुंच जाती थी घर
गीता ने बताया कि वह मोहल्ले में किसी भी महिला से दोस्ती कर लेती थी और बातचीत करते-करते घर तक पहुंच जाती थी। फिर महिलाओं को प्रलोभन देती कि मुझे एक लाख रुपये दीजिएगा तो 60 दिनों में एक लाख 20 हजार रुपये मिलेंगे। यह लाभ सरकारी योजना के तहत है।
20 फीसद अधिक रकम देने का झांसा
उसने बताया कि करीब छह माह पूर्व मोहल्ले की एक दर्जन महिलाओं से पांच से 10 हजार रुपए ली और दो महीने में सभी को 20 फीसद बढ़ाकर रकम भी वापस करती रही। इससे मुहल्ले की महिलाओं का उस पर भरोसा बढ़ते गया। चंद्रकला और उसके संस्था से सब्जी वाली से लेकर इंजीनियर की पत्नी, रिटायर्ड अध्यापिका सहित करीब 25 महिलाएं जुड़ गईं।
चेक हो गया बाउंस
चंद्रकला के झांसे में फंसकर राजीव नगर निवासी गीता कुमार ने आठ लाख रुपये, रीना देवी ने नौ लाख, इंदु देवी ने दो लाख रुपये, अर्पणा कुमारी ने सात लाख रुपये, अंजलि कुमारी ने सात लाख रुपये, साधना कुमारी ने 12 लाख, रुचि रंजन ने 13 लाख रुपये, शिवानी ने 10 लाख रुपये, तारकेश्वर देवी ने 10 लाख रुपये, सोनी कुमारी ने नौ लाख रुपये, काजल कुमारी ने 18 लाख रुपये, संतोषी देवी ने तीन लाख और सराफा कारोबारी ने भी तीन लाख रुपये दिए।
पैसा लौटाने की बारी आई तो मुकर गई
महिलाओं का आरोप है कि तीन महीने बाद जब पैसे देने की बारी आई तो चन्द्रकला मुकर गई। अब तो वह अपने घर भी नहीं मिलती। संदेह तब यकीन में बदल गया जब चंद्रकला द्वारा दिए गए सभी चेक बैंक मेंं बाउंस हो गए। यहां तक कि चेक पर हस्ताक्षर भी फर्जी निकला।
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